सामान्य तौर पर बच्चे शरारत करते हैं और एक जगह न बैठकर कुछ न कुछ करते रहते हैं। हालांकि यह उनकी उम्र में आम बात लगती है, लेकिन हो सकता है कि ये अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) की ओर एक इशारा हो। एडीएचडी डिसऑर्डर एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसके लक्षण छोटी उम्र में और आमतौर पर 7 वर्ष की उम्र से पहले दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। समय रहते एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) न किया जाए तो उम्र के साथ यह समस्या बढ़ती जाती है और गंभीर रूप भी ले सकती है। भारत में इस विकार से पीड़ित बच्चों, किशोरों और वयस्कों की संख्या 10 मिलियन के करीब देखने को मिलती हैं। इसलिए, एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता होती है।