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पहले पेरेंट्स समझें बच्चे की इस बीमारी को फिर करें एडीएचडी ट्रीटमेंट

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Smrit Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 01/07/2021

    पहले पेरेंट्स समझें बच्चे की इस बीमारी को फिर करें एडीएचडी ट्रीटमेंट

    सामान्य तौर पर बच्चे शरारत करते हैं और एक जगह न बैठकर कुछ न कुछ करते रहते हैं। हालांकि यह उनकी उम्र में आम बात लगती है, लेकिन हो सकता है कि ये अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) की ओर एक इशारा हो। एडीएचडी डिसऑर्डर एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसके लक्षण छोटी उम्र में और आमतौर पर 7 वर्ष की उम्र से पहले दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। समय रहते एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) न किया जाए तो उम्र के साथ यह समस्या बढ़ती जाती है और गंभीर रूप भी ले सकती है। भारत में इस विकार से पीड़ित बच्चों, किशोरों और वयस्कों की संख्या 10 मिलियन के करीब देखने को मिलती हैं। इसलिए, एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता होती है।

    अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) क्या है?

    यह विकार अति-सक्रियता पैदा कर सकता है। इससे ग्रस्त बच्चे या बड़े काम पर फोकस करने या लंबे समय तक बैठने में परेशानी का सामना कर सकते हैं। एडीएचडी में कई समस्याओं का संयोजन होता है जैसे कि ध्यान बनाए रखने में कठिनाई, अति सक्रियता और आवेगी व्यवहार। यह बच्चों को होने वाला सबसे अधिक सामान्य मानसिक विकार है। एडीएचडी से ग्रस्त बच्चे अत्यधिक सक्रिय हो सकते हैं और अपने आवेगों को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं।

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    बच्चों में एडीएचडी (ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार) के लक्षण

    कुछ बच्चों में, एडीएचडी के लक्षण दो या तीन साल की उम्र में ध्यान देने योग्य हो सकते हैं। इसके लक्षण निम्नलिखित हैं –

    • ध्यान देने में कठिनाई
    • अकसर कार्यों या गतिविधियों को व्यवस्थित करने में समस्याएं आना
    • अकसर बातें भूल जाना और आवश्यक वस्तुओं, जैसे पुस्तकें, पेंसिल या खिलौने खो देना
    • अक्सर दिन में सपने देखना
    • निर्देशों को मानने में कठिनाई और दूसरों को अनसुना करना
    • होमवर्क को पूरा करने में अकसर विफल रहना
    • आसानी से ध्यान भटकना
    • बार-बार विकल होना या घबराना
    • स्टेबल होकर बैठने में दिक्कत होना और निरंतर गति में रहना
    • ज्यादा बातूनी होना

    अक्सर एडीएचडी लड़कियों की तुलना में लड़कों में ज्यादा होता है।

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    ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार या एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment)

    एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) का उपचार कैसे होता है?

    एडीएचडी के कई लक्षण दवा और चिकित्सा के साथ प्रबंधित किए जा सकते हैं।

    मेडिसिन

    स्टिम्युलेंट्स ड्रग्स- बच्चों के अति-सक्रिय और आवेगी व्यवहार को कंट्रोल करने और ध्यान की अवधि बढ़ाने में हेल्प कर सकती हैं। हालांकि, ये दवाएं कम उम्र के बच्चों के लिए उपयोगी नहीं हैं।

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    एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के रूप में थेरिपी

    • ये उपचार व्यवहार के बदलाव पर ध्यान केंद्रित करते हैं। स्पेशल एजुकेशन, एडीएचडी से ग्रस्त स्कूल में बच्चे को सीखने में मदद करती है।
    • संरचना और नियमित होने से एडीएचडी वाले बच्चों को बहुत मदद मिल सकती है। व्यवहार संशोधन खराब व्यवहार को बदलने के तरीके सिखाता है।
    • एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के रूप में थेरिपी मनोचिकित्सा (परामर्श) भावनाओं को व्यवस्थित करने के बेहतर तरीके सीखा सकती है। परिवार के सदस्यों को एडीएचडी से ग्रस्त उनके बच्चे को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकती है।
    • एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के रूप में थेरिपी सामाजिक कौशल प्रशिक्षण से बच्चे का व्यवहार बेहतर बना सकती है।

    एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के रूप में अपनाएं इन्हें भी

    • विटामिन बी 6 और मैग्नीशियम एक स्वस्थ तंत्रिका तंत्र के लिए आवश्यक हैं। विटामिन बी6 एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। विटामिन बी6 और मैग्नीशियम मेटाबॉलिज्म से जुड़े हुए हैं। यदि मैग्नीशियम का लेवल कम है, तो यह एडीएचडी के समान समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे ध्यान कि अवधि कम होना और चिड़चिड़ापन। B6 की कमी के कारण खराब मेमोरी, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और सक्रियता बढ़ सकती है। मैग्नीशियम और बी 6 को एक साथ लेना एडीएचडी के लक्षणों को मैनेज करने में सहायक हो सकता है।
    • विटामिन सी विभिन्न प्रकार के कार्यों में शामिल होता है और मस्तिष्क को न्यूरोट्रांसमीटर बनाने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment)में विटामिन सी में हाई फूड्स को शामिल करें।
    •  डोपामाइन बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है। शरीर में लो आयरन लेवल को एडीएचडी के लक्षणों से जोड़ा गया है, लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) में आयरन सप्लीमेंट लेना उचित नहीं है।
    • ओमेगा -3 सप्लीमेंट लेने के लाभों में एडीएचडी के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
    • भोजन के साथ प्रोटीन शामिल करना एडीएचडी के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। न केवल प्रोटीन रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद करता है, बल्कि प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर को भी प्रभावित करता है। न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे डोपामाइन, जैव रासायनिक संदेशवाहक हैं जो मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच संचार की अनुमति देते हैं। प्रोटीन अमीनो एसिड की आपूर्ति प्रदान करता है, जो कि न्यूरोट्रांसमीटर से बने होते हैं, मस्तिष्क को अपने सर्वोत्तम कार्य करने में मदद करते हैं।

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    एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के लिए पेरेंट्स करें ऐसे मदद

    अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर वाले बच्चों को अगर सही से ट्रीट किया जाए तो, वे लाइफ में अच्छा कर सकते हैं। इसके लिए पेरेंट्स नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दें।

  • आप को हमेशा अपने बच्चे की शक्ति, लक्ष्य और रूचि को देखते हुए उनके एडीएचडी (ADHD) से संबंधित लक्षणों को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। जैसे अगर बच्चा हमेशा घूमता रहता है तो उसे योगा, डांस क्लास, मार्शल आर्ट आदि कार्यों को करने के लिए प्रेरित करिए। यह एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के रूप में अच्छा काम कर सकता है।
  • बच्चे को हर काम समय से करने के लिए प्रेरित करें। हो सकता है शुरू में आप को दिक्क्त हो, लेकिन एक बार जब आप का बच्चा एक निश्चित शेड्यूल में ढल जाता है तब आपके लिए सबकुछ आसान हो जाता है।
  • एडीएचडी से ग्रसित बच्चों को निर्देशों का पालन करने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। इन बच्चों को कंट्रोल करने का सबसे आसन काम है कि इनके जीवन को सरल और व्यस्थित बनाया जाए। हर दिन अपने बच्चे को कुछ अच्छा करने पर प्रोत्साहन दें।
  • एडीएचडी मानसिक विकार से ग्रस्त बच्चों को दोस्त बनाने में बहुत परेशानी होती है। आप एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) के तौर पर अपने बच्चे के लिए उपयुक्त माहौल बना सकती हैं जिसमें उसे दूसरे बच्चों से दोस्ती करने में आसानी हो। इस तरह उनमें सामाजिक कौशलों के गुणों का विकास होगा और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
  •  बच्चे उर्जा का भंडार होते हैं। इसीलिए आप इनकी एनर्जी को अच्छी चीज में लगाएं जैसे बच्चों को आउटडोर गेम (Outdoor games) खेलने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करें। इससे उनकी अच्छी कसरत भी हो जाएगी और उन्हें रात को नींद भी आएगी।
  • जरूरत से कम नींद लेने से ध्यान केंद्रित करने में बच्चे की क्षमता प्रभावित होती है। नींद को प्राथमिकता देना एडीएचडी मेंटल डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चे की मदद करने का एक शानदार प्राकृतिक एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) है।
  • उम्मीद है इस आर्टिकल में बताए गए एडीएचडी ट्रीटमेंट (ADHD treatment) आपकी मदद करेंगे। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार का चिकित्सीय परामर्श, निदान और इलाज उपलब्ध नहीं करवाता है। उम्मीद है आपको  हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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