जब आप बच्चे को छोड़कर ऑफिस चले जाते हैं, उसके बाद भी डे केयर में फोन करें। अपने बच्चे से बात करें उससे जानने की कोशिश करें कि क्या आपके बच्चे ने खाना खाया? इस तरह प्रतिदिन अपने बच्चे को फोन करके उससे बात करें।
बच्चों के लिए डे केयर (Day care for children) में प्रशिक्षित टीचर ही हों
बच्चों के लिए डे केयर का चयन करने में वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का अनुभव और शैक्षणिक अनुभव बहुत मायने रखता है। इस लिए टीचर्स के रिकॉर्ड के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। टीचर्स ही हैं, जिनके ऊपर बच्चों के भविष्य का दारोमदार होता है। टीचर्स ही बच्चों के जीवन में अलग-अलग स्टेज में ढाल बनते हैं। घर के बाद स्कूल ही वह दूसरी जगह है, जहां बच्चा जाता है। टीचर्स उसे घर से दूर कंफर्टेबल रहने में मदद करते हैं। टीचर को इसकी समझ होनी चाहिए कि बच्चों को पेरेंट्स से दूर उसके अंदर अलग होने की एंग्जायटी को कैसे हैंडल करना है। टीचर को बच्चों को शांत रखने में, ज्यादा स्ट्रेस न लेने में एक्सपर्ट होना चाहिए, क्योंकि बच्चे इमोशनली बहुत ही नाज़ुक होते हैं।
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बच्चों के लिए डे केयर (Day Care for children) में सिखाए जाने वाली एक्टिवटी के बारे में जानें
बच्चों के लिए डे केयर का चयन करते समय उनका सिलेबस और करिकुलम होना भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वाति पोपट कहती हैं “पेरेंट्स को भी सिलेबस के असली मतलब को समझना बहुत जरुरी होता है। स्वाति आगे कहती हैं “ज्यादातर लोग सिलेबस को गलत समझते हैं। अधिकतर पेरेंट्स इसे केवल पढ़ाई- लिखाई से जोड़कर देखते हैं। जबकि उनका फोकस इस बात पर होना चाहिए कि स्कूल में बच्चे को क्या चीजें पढ़ाई जा रही हैं और किस तरीके से पढ़ाई जा रही है? पेरेंट्स का फोकस इस ओर ज्यादा होना चाहिए कि बच्चे कैसे और किस माहौल में पढ़ रहे हैं?” सिलेबस में डे केयर की फिलॉसफी दिखनी चाहिए। इसमें ये पता चलना चाहिए की स्कूल प्रोजेक्ट पर आधारित पाठ्यक्रम पर भरोसा करता है या खेले-खेल में बच्चों को पढ़ाया जाता है।”
बच्चों के लिए डे केयर के मैनेंजमेंट के बारे में जान लें (Learn about managing day care for children)
बच्चों के लिए डे केयर का चयन करते समय यह भी जानना जरूरी है कि स्कूल का मैनेजमेंट किन लोगों के हाथों में है? इसका मकसद यह समझना है कि अगर कोई शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाला और दूसरा फोटोग्राफर स्कूल का मैनेजमेंट संभाल रहा है तो आपको पहले विकल्प पर जाना चाहिए। हो सकता है कि बिजनेसमैन के द्वारा चलाया जा रहा डे केयर पैसे कमाने के लिए क्वालिटी से समझौता करे। वहीं, अगर स्कूल किसी शिक्षक द्वारा चलाया जा रहा हो तो वह क्वालिटी को सबसे अधिक तवज्जो देगा। वहां सिलेबस सही बना रहता है और टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है।