हायपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) के कारण मृत्यु भी हो सकती है इसलिए इनका उपचार करना बहुत जरूरी है। चाहे इसके लक्षण इतने भी गंभीर न हों। इसके उपचार में फॉस्फोरस सप्लीमेंट्स भी शामिल हैं। लेकिन इस सप्लीमेंट्स को रोगी को देना इस स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। हायपोफॉस्फेटेमिया के माइल्ड मामलों में ओरल फॉस्फोरस सप्लीमेंट से उपचार हो सकता है। लेकिन, गंभीर मामलों में इंट्रावेनस सप्लिमेंटेशन (Intravenous Supplementation) की जरूरत हो सकती है।
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जटिलताएं और इससे जुड़ी स्थितियां
हेल्दी बोन्स के लिए फॉस्फेट का शरीर में होना बेहद जरूरी है। फॉस्फोरस की कमी होने से हड्डियों का कमजोर होना फ्रैक्चर और मसल डैमेज हो सकती है। गंभीर हायपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) की स्थिति जिसका अगर उपचार न किया जाए तो इससे ब्रीदिंग (Breathing) और हार्ट फंक्शन (Heart Function) भी प्रभावित हो सकता है और यह जानलेवा भी हो सकता है। हायपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) से जुडी जटिलताएं इस प्रकार हैं :
- मसल टिश्यू का नष्ट होना (Death of muscle tissue)
- ब्रीदिंग फेलियर (Breathing failure)
- रेड ब्लड सेल डिस्ट्रक्शन (Red blood cell destruction)
- असामान्य हार्ट रिदम (Irregular heart rhythm)
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हायपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) की समस्या को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। यही नहीं, इसके माइल्ड मामलों में आप अपनी डाइट में केवल फॉस्फेट को शामिल करके और सप्लीमेंट लेकर आप इस स्थिति को सुधार सकते हैं। इसके अलावा फॉस्फोरस की कमी के कारण होने वाली समस्याओं के लिए डॉक्टर आपको सही ट्रीटमेंट बता सकते हैं। अगर हायपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) का कारण कोई अंडरलायिंग मेडिकल स्थिति है तो भी डॉक्टर आपको इसके इलाज के लिए दवाईयों और अन्य चीजों की सलाह दे सकते हैं। एक बार जब इस स्थिति का सही से उपचार कर लिया जाता है तो यह समस्या फिर से नहीं होती है।
अपने बच्चे को इस स्थिति से बचाने के लिए शुरू में ही डॉक्टर और डेंटिस्ट की राय ले लें। इसके साथ ही उन्हें हेल्दी आदतें अपनाने के लिए कहें जैसे सही और पौष्टिक आहार का सेवन, नियमित व्यायाम करना आदि। इन आदतों को अपना कर न केवल आपके बच्चे इस रोग से बच सकते हैं बल्कि पूरी उम्र स्वस्थ रहने में भी उन्हें मदद मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए या आपके मन में कोई भी सवाल है तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।