मिनरल डिफिशिएंसी क्या है (Mineral defiमिनरल डिफिशिएंसी (Mineral deficiency)?

मिनरल डिफिशिएंसी (Mineral deficiency) के बारे में जानने से पहले आप ये समझें कि शरीर के लिए मिनरल क्यों जरूरी है। मिनरल्स की आवश्यकता शरीर के कई फंक्शन में होती है, जैसे कि  मजबूत हड्डियों में, दांतों में , त्वचा के लिए, बालों के लिए, मांसपेशियों को मजबूत ( Muscles strengthen) बनाए रखने के साथ कई रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को अच्छा बनाए रखने के लिए। इसके अलावा रक्त और तंत्रिकाओं की सामान्य कार्यप्रणाली के लिए मिनरल्स जरूरी हैं। उचित मात्रा में मिनरल का सेवन मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को भी अच्छा बनाता है। इसलिए बच्चों की डायट में सभी मिनरल का होना बहुत जरूरी  है।

यहां आपने जाना कि किस तरह से बच्चों के अच्छे विकास के लिए मिनरल बहुत जरूरी है। मिनरल डिफिशिएंसी (Mineral deficiency), उनके विकास को रोकने के साथ, कई बड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकती है। मिनरल विशिष्ट प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जिनकी शरीर को बहुत आवश्यकता होती है। मिनरल की कमी तब होती है जब आपका शरीर मिनरल की आवश्यक मात्रा को प्राप्त नहीं कर पाता है। या अवशोषित नहीं करता है। स्वस्थ रहने के लिए मानव शरीर को प्रत्येक मिनरल की अलग-अलग मात्रा की आवश्यकता होती है। बढ़ते बच्चों के लिए आवश्यक विटामिन (Vitamin) है – विटामिन ए (Vitamin A) , विटामिन बी (Vitamin B) , विटामिन सी (Vitamin C), विटामिन डी (Vitamin D), विटामिन ई (Vitamin E) और विटामिन के (Vitamin K), तथा आवश्यक मिनरल्स हैं – कैल्शियम (Calcium), आयरन (Iron), आयोडीन (Iodine) और जिंक (Zinc)। इनमें से किसी की भी कमी बच्चे के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है।

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