बच्चों को इन बातों की देनी चाहिए शिक्षा
ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है (Honesty is the Best Policy) : हम सभी यही सुनते हुए बड़े हुए हैं। तो ऐसे में जरूरी है कि उसी सच्चाई के साथ इस बात को अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए। यह बेहद ही जरूरी है कि हमारे बच्चों को नैतिक शिक्षा (Moral education to kids) देते हुए इमानदारी का पाठ पढ़ाया जाए वहीं उसे झूठ बोलने के परिणाम भी बताना चाहिए। वहीं बच्चों को नैतिक सीख देते हुए उन्हें यह बताना चाहिए कि कैसे सही कहें। भारत के कई स्कूलों में बच्चों को स्कूल के शुरुआती दिनों में ही सही कहना सिखाया जाता है। स्कूलों में बच्चों को ईमानदार रहने की शिक्षा दी जाती है, चाहे बच्चे से कोई गलती भी क्यों न की हो, पूरी सच्चाई के साथ उसे स्वीकरने की बात बताई जाती है।
सम्मान ही पवित्र है (Respect is Divine) : दूसरों को सम्मान देने का गुण भी बेहद ही महत्तवपूर्ण है, जिसे बच्चों को सीखना चाहिए, ताकि वो जीवन भर सुखद जीवन जी सकें। इसका यह कतई अर्थ नहीं कि सिर्फ बड़ों को सम्मान दें, बल्कि इसका अर्थ और भी व्यापक है। इसके तहत बच्चों को यह शिक्षा भी दी जानी बेहद ही जरूरी है कि बड़ों का सम्मान करने के साथ साथ जब दो बड़े बात कर रहे हों तो उसके बीच में नहीं बोलना चाहिए। बच्चों को अच्छे संस्कारों को बताने के साथ जो व्यक्ति चाहे जो भी काम करें उसे सम्मान देना चाहिए, यही सीख भी बच्चों को नैतिक शिक्षा के तहत दी जानी चाहिए। मौजूदा समय में भारत में कई स्कूल ऐसे हैं, जो बच्चों को डेवलप्मेंट टूल के जरिए बच्चों को नैतिक शिक्षा देते हैं। बच्चों को कई एक्टिविटी के जरिए उनको नैतिक सीख दी जाती है।
और पढ़ें : बच्चों के लिए मोबाइल गेम्स खेलना फायदेमंद है या नुकसानदेह
सभी को प्यार से जीतें : बच्चों में शुरुआत से ही दूसरों से प्यार करने की प्रवृत्ति होती है। लेकिन यह सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उसे बच्चों के जीवन में शामिल किया जाए। सही उम्र में ही बच्चों को प्यार के महत्व को समझाया जाए। बच्चों को नैतिक सीख देते हुए यह बताना बेहद ही जरूरी है कि सिर्फ अपने परिवार से ही प्यार नहीं करना चाहिए। बल्कि अपने क्लासमेट्स, टीचर्स, जानवर, हर कोई, चाहे वो कोई भी काम क्यों न करता हो उसे सम्मान देना चाहिए और प्यार करना चाहिए। शुरुआती दिनों में ही बच्चों को यह शिक्षा की जाए तो वो काफी आत्मविश्वास के साथ बड़े होते हैं, उनमें दया की भावना होती है।
दूसरों की मदद करना : बच्चों को शुरुआती दिनों में ही दूसरों की मदद करने की सीख दी जानी चाहिए। बच्चों को दी जाने वाली नैतिक शिक्षा में से यह भी एक है। ताकि वो दूसरों की मदद और देखभाल करें। स्कूल के वातावरण में ही रहकर कई एक्टिविटी के द्वारा बच्चों को दूसरों को मदद करने की सीख दी जाती है। स्कूल में ही कई एक्टिविटी के जरिए बच्चों को लर्निंग और शेयरिंग की सीख दी जाती है।
बोलने का साहस : भारत के ज्यादातर स्कूलों में बच्चों को यह सीख दी जाती है ताकि वो खुद के लिए खड़े होकर बोल सकें, चाहे उनकी गलती हो या फिर गलती न हो, बच्चों में इतना साहस होना चाहिए कि वो अपने हक व अधिकार के लिए बोल सकें। चाइल्ड साइकोलॉजी कभी भी यह नहीं कहते कि बच्चा सॉरी कहे, बल्कि अपने मैसेज को सही तरीके से कहें यह जरूरी है। बच्चों को नैतिक शिक्षा (Moral education to kids) दी जानी चाहिए ताकि उन्होंने जो भी गलत किया है उसके बारे में खुलकर बोल सकें। वहीं भविष्य में उस प्रकार की गलतियों को न दोहराएं।
और पढ़ें : बच्चों को सब्जियां खिलाना नहीं है आसान, यूज करें थोड़ी क्रिएटिविटी