बच्चों के साथ स्कूल में होने वाले व्यवहार को जानने के लिए आप अपने बच्चे के साथ पढ़ने वाले अन्य छात्रों के अभिभावकों से भी विचार कर सकते हैं। हो सकता है आपका बच्चा कुछ न बता रहा हो, लेकिन दूसरे बच्चे अपने माता-पिता से किसी घटना का जिक्र किए हों। इससे स्कूल में बच्चे की सेफ्टी को आप और ज्यादा सही तरीके से कर सकते हैं।
स्कूल में किसी को विश्वसनीय स्रोत बनाएं
आधे पहर से अधिक समय तक बच्चा आपका घर से दूर रहता है। यह आपके बच्चों के साथ होने वाले व्यवहार को आपसे शेयर कर सकता है। आप ऐसे लोगों की लिस्ट बनाएं और उनसे संपर्क स्थापित करें। आप खुद भी उसे क्लास-रूम के बाहर बच्चों पर ध्यान रखने के लिए आग्रह कर सकते हैं, यह बच्चों की सुरक्षा को लेकर आपको थोड़ी राहत दे सकती है।
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स्कूल में बच्चे की सेफ्टी तकनीकी मानकों से करें पूरा
स्कूल में बच्चे की सेफ्टी के लिए अब कई नई टेक्नोलॉजी आ गई है जिसकी मदद से स्कूल बसों से बच्चों के लाने, ले जाने का रियल टाइम स्टेटस पता चल जाता है। इसके द्वारा बच्चे के मूवमेंट पर भी नजर रखना आसान हो गया है। आप अपने स्मार्टफोन में एक एप के जरिए बच्चा कहां से बस पर चढ़ा और कहां उतरा तक की खबर रख सकते हैं।
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जब बच्चे स्कूल आते हैं तो उसके मन में डर होता है कि स्कूल में अध्यापक मारेंगे और वे बोलने में संकोच करते हैं। अतः जब कभी जरूरत पड़े बच्चों से यह बात करना चाहिए कि उसे स्कूल में कौन टीचर अधिक पसंद है और कौन कम। साथ ही इसके कारण को जानने की कोशिश करें।
स्कूल में बच्चे की सेफ्टी को लेकर आप अन्य निम्न बातों का भी ध्यान रख सकते हैं :
स्कूल में कहीं अकेले जाए तो रोकें