रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में तो हम सब ने पढ़ा है। विश्वप्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को स्कूल जाने में कोई रूचि नहीं थी। इसलिए उनके घर वालों ने घर पर ही उनके पढ़ने की व्यवस्था की थी। बाद में खुद टैगोर ने शैक्षणिक पद्धति (Teaching methodology) के लिए जाना जाने वाला ‘विश्वभारती शांति निकेतन’ की स्थापना की।ट्रेडिशनल स्कूल की तुलना में होम-स्कूलिंग काफी फ्लेक्सिबल माहौल देता है।