कैफीन
गुड स्लीप हाइजीन की शुरुआत दिन की शुरुआत में बच्चे के पहले फूड इनटेक से ही हो जाती है। आपको बच्चे के खाने-पीने पर ध्यान देने की जरूरत होती है। कैफीन एक स्टिम्यूलेंट है, जिसकी वजह से नींद नहीं आती और इससे आपका बच्चा अधिक समय तक जाग सकता है।
एक्सरसाइज
कई बच्चों को सोते समय इसलिए परेशानी होती है क्योंकि वे पूरे दिन इनएक्टिव रहते हैं। अपने बच्चे को मोटिवेट करना, जहां संभव हो खेलना और बाहर खेलना बच्चे की एनर्जी को एक्टिव रखता है और दिन के अंत में बच्चे को थका हुआ महसूस कराता है। यहां तक कि अगर आपका बच्चा बहुत ‘स्पोर्टी’ नहीं है तो ऐसे में बस ताजी हवा में टहलना मददगार हो सकता है।
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वातावरण
आपके बच्चे के लिए सोने का वातावरण एक ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां वे सुरक्षित महसूस करें। आपके घर में एक ऐसी जगह होनी चाहिए, जो केवल उन्हें सोने का फील दें। ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे नींद का माहौल बनाया जा सकता है लेकिन यह आपके बच्चे की जरूरतों पर निर्भर करेगा।
सेल्फ सेटलिंग
अगर आपका बच्चा रात में नियमित रूप से जाग रहा है, तो यह जरूरी है कि वे माता-पिता की मदद लेने से पहले खुद अपनी मदद करें। इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। यह भावनात्मक रूप से बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन, इसके लिए माता-पिता को दृढ़ होने की जरूरत होती है।
बच्चे को बेहतर स्लीप हाइजीन में ढ़ालने के लिए माता-पिता को बच्चे के साथ काम करना पड़ता है। बच्चों के अंदर स्लीप हाइजीन की आदत बचपन में ही डालें। उनको हर उस चीज से दूर रखें जो उनकी नींद के बीच में आ सकता है। डिजिटल दौर में बच्चे इलेक्ट्रॉनिक से बहुत प्रभावित रहते हैं और देर रात तक फोन या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। सोने से लगभग एक घंटे पहले से बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक का इस्तेमाल न करने दें।