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बच्चों को इंग्लिश सीखाने के आसान तरीके जानें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/07/2021

    बच्चों को इंग्लिश सीखाने के आसान तरीके जानें

    इंग्लिश लैंग्वेज को ग्लोबल लैंग्वेज कहा जाता है। आजकल बच्चे का स्कूल में एडमिशन के दौरान होने वाले इंटरव्यू में यह देखा जाता है कि बच्चे को इंग्लिश भाषा कितनी आती है। इसलिए अब के समय में इंग्लिश आना छोटे बच्चों के लिए भी जरूरी हो गया है। बच्चों को छोटी उम्र में अंग्रेजी सिखाना बहुत फायदेमंद है। इस बारे में कानपुर के संनातन धर्म स्कूल की टीचर नेहा दुबे ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि बच्चे का किसी अच्छे स्कूल में एडमिशन होना अब काफी टफ हो गया है। स्कूल में अपने कुछ पैरामीटर हैं, जिस पर बच्चे और पेरेंट्स दोनों का खरा उतरना जरूरी है, जिसमें से इंग्लिश का आना भी शामिल है।  भारत में भी अंग्रेजी हिंदी के बाद सबसे ज्यादा बोली जानी वाली लैंग्वेज है।अगर आप बच्चों को इंग्लिश (English for kids) सीखना चाहते हैं तो यहां दिए गए टिप्स को अपनाकर बच्चों को इंग्लिश सीखना आसान बना सकते हैं।

    बच्चों को इंग्लिश (English for kids) कैसे सिखाएं?

    आपने एक बात पर ध्यान जरूर दिया होगा कि बच्चों को मदर टंग सिखाने के लिए खास प्रयास नहीं करना पड़ता है क्योंकि उनके चारों ओर वहीं भाषा होती है। अगर बच्चे को अन्य भाषा सिखानी है, तो उसके लिए आपको ऐसे वातावरण की जरूरत पड़ेगी ही। आपको कुछ टूल्स की हेल्प लेने के साथ ही बच्चों के लिए ऐसा वातावरण तैयार करना पड़ेगा, जहां उन्हें इंग्लिश से संबंधित शब्द आसानी से समझ आ जाएं और वो उसे बोलने लगें। जानिए बच्चों को इंग्लिश (English for kids) सिखाने के लिए क्या टिप्स अपनाएं जा सकते हैं।

    ऑनलाइन इंग्लिश टूल्स के साथ लर्निंग को इजी बनाएं

    बच्चों को इंग्लिश (English for kids) सीखाना शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अंग्रेजी सीखने को इतना मजेदार बना दें कि बच्चों को ये एहसास भी न हो कि आप उन्हें एक नई भाषा सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए आप उन्हें इंग्लिश लर्निंग टूल्स की मदद दे सकते हैं। कई सारे इंग्लिश लर्निंग टूल्स हैं जहां बच्चों को इंग्लिश (English for kids) सीखाने के आसान तरीके दिए गए हैं। उन टूल्स में इंग्लिश गाने (बच्चों के लिए), एनिमेटेड वीडियो, कहानियों की मदद से आप उनमें बहुत ही आसानी से इंग्लिश की समझ बढ़ा सकते हैं।

    घर के माहौल पर ध्यान दें

    अपने परिवार में अंग्रेजी सीखने को एक रूटीन बनाएं। इसके लिए दिन का कोई एक समय चुनें जब आपके बच्चे सबसे अधिक हैप्पी मूड में हों। उस वक्त उन्हें इंग्लिश बोलने और पढ़ने की आदत सीखाने की कोशिश करें। इसे “इंग्लिश टाइम” जैसा नाम दें, जिसे वे पहचानें और हर दिन रूटीन की तरह फॉलो कर सकें। हां, यह ध्यान जरुर रखें कि छोटे बच्चों का कंसंट्रेशन पावर अधिक नहीं होता है। इसलिए डेली एक सेशन में 10 से 15 मिनट उनके साथ इंग्लिश बोलने और सीखाने की कोशिश करें।

    प्रॉप्स, जेस्चर और फेशियल एक्सप्रेशन का उपयोग करें

    जब बच्चा इंग्लिश सीखने में रूचि लेने लगे तो इंग्लिश लर्निंग को और भी आसान बनाने के लिए इंग्लिश के शब्दों का प्रॉप्स, जेस्चर, पोस्चर और फेस एक्सप्रेशन का भी सहारा ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप अंग्रेजी में “बाय” कहते हुए अपना हाथ हिलाते हैं, तो इससे अपने बच्चे का ध्यान भी आकर्षित करेंगे और उसे बाय का मतलब समझ में आएगा।

    इंग्लिश के आसान शब्दों का इस्तेमाल करें

    इसके लिए आपको बच्चों को इंग्लिश (English for kids) न्यूज चैनल या न्यूज पेपर देने की आवश्यकता नहीं है। बस, उन्हें घर से बाहर के एनवायरनमेंट को भी दिखाएं। जैसे कभी उन्हें किसी पार्क या जू घुमाने ले जाएं । उन्हें वहां हो रही घटनाओं को छोटी-छोटी शब्दों में नरेट करें। इससे उनके अंदर किसी भी शब्द को लेकर उत्सुकता बढ़ सकती है और फिर वे आपसे सवाल करेंगे।

    बच्चों को इंग्लिश (English for kids) सीखना इन तरीकों के साथ आसान होगा। इसके अलावा, आप बच्चों के साथ अंग्रेजी अभ्यास जारी रखें।

    बच्चों को इंग्लिश  (English for kids) सिखाने के लिए उनसे रोज बात करें

    बच्चों को इंग्लिश  (English for kids) सिखाने के लिए उनसे हर रोज बात करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। आपकी लाइफ में क्या हो रहा इसके बारे में आप अपने बच्चों से बात कर सकते हैं। आप जितना ज्यादा अपने बच्चे से बात करते हैं, उतने ही ज्यादा शब्द बच्चा सुनता है और उन्हें बोलने की कोशिश करता है। आप उन चीजों के बारे में बात कर सकते हैं, जो उसके लिए मायने रखती हैं जैसे कि वह क्या देख रहा है या क्या कर रहा है। इस एक्सरसाइज को करने का मतलब है आपका अलग-अलग  शब्दों का उपयोग करना बच्चे को बोलने में मदद करेगा। इससे आपके बच्चे को अलग-अलग शब्दों का अर्थ और उसका काम सीखने में मदद मिलती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका बच्चा आपकी बातें समझ रहा है या नहीं क्योंकि जैसे-जैसे वह बड़ा होगा उसकी समझ बढ़ती जाएगी। लेकिन वह शब्दों को याद रखता है।

    जब आपका बच्चा कहानियां सुनाना शुरू करता है, तो उसे आने वाले समय और बीती हुई चीजों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। उदाहरण के लिए दिन के आखिर में आप अगले दिन के लिए योजनाओं के बारे में बात कर सकते हैं। जब आप एक साथ एक आउटिंग से घर आते हैं, तो आप इसके बारे में बात कर सकते हैं।ऐसा करने से बच्चों को इंग्लिश  (English for kids) सीखने में आसानी तो होगी ही साथ ही वह अपने आस-पास होने वाली घटनाओं के बारे में भी जागरुक होगा।

    बच्चों को इंग्लिश सीखाने (English for kids) के लिए उसके साथ पढ़ें

    अपने बच्चे के साथ बहुत सारी इंग्लिश की किताबें पढ़ें और शेयर करें। जैसे-जैसे वह बड़ा होता उसके लिए मुश्किल किताबें भी पढ़ें। पढ़ने से आपके बच्चे को नए शब्द सुनने को मिलते हैं जो उसे शब्दों के अर्थ और काम को सीखने में मदद करता है। आपके बच्चे के जीवन में क्या हो रहा है उसे किताब के साथ जोड़ना आपके बच्चे से बात करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। आप अपने बच्चे के साथ पढ़ी जाने वाली किताबों में दिलचस्प तस्वीरों के बारे में बात करके भी उन्हें बोलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

    जब आप अपने बच्चे के साथ जोर से पढ़ते हैं तो आप उन शब्दों को बोलने के साथ ही उन शब्दों को प्वाइंट कर सकते हैं। यह आपके बच्चे को लिखे हुए और बोले गए शब्दों के बीच की कड़ी को दिखाता है और उसे यह जानने में मदद करता है कि शब्द भाषा के अलग-अलग हिस्से हैं। आप की जरा सी मदद से बच्चे आसानी से इंग्लिश भाषा सीख सकते हैं और आपको दिखने लगेगा कि बच्चों को नई भाषा सीखने में दिक्कत नहीं हो रही है। आप चाहे तो इस संबंध में एक्सपर्ट से भी जानकारी ले सकते हैं।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने चाइल्ड काउंसलर से जरूर पूछ लें। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों को इंग्लिश (English for kids) सिखाने के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको  हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंग।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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