विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि देश में सरोगेसी एक तरह का बिजनेस इंडस्ट्री बन गया है। बहुगुणा मानती हैं कि, यह विधेयक महिलाओं को शोषित होने से बचाएगा। वाईएसआर कांग्रेस की सांसद वीवी सत्यवती कहती हैं, कि इस विधेयक में करीबी रिश्तेदारों का जिक्र किया गया है, लेकिन, इसकी परिभाषा नहीं बताई गई है। इसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि करीबी रिश्तेदार को परिभाषित करने पर व्यापक चर्चा की गई है। सरोगेसी को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों में भिन्न नियम है। भारत में भी कुछ सालों में इन नियमों में बदलाव किए हैं। नियमों में बदलाव हालात को देखते हुए किए गए हैं। अगर आपको भारत में सरोगेसी के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए को आप सरोगेसी सेंटर से जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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लोगों की राय: सीमा कहती हैं, कि ‘सरोगेसी को लेकर सरकार की ओर से लिया गया फैसला सही है। क्योंकि, सरोगेट मदर को कई बार परेशान करने की बात भी सामने आती रही है। लेकिन, अब जब सिर्फ अपने दोस्त या परिवार के सदस्यों की मदद से ही सरोगेसी संभव है, तो ऐसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। – सीमा सिंह, 40 वर्ष, आईटी प्रोफेशनल
अपने शरीर में किसी दूसरे के बच्चे को जीवन देना ऊपर वाले और विज्ञान दोनों की उपलब्धी है। लेकिन, कुछ लोगों द्वारा इसे भी बिजनेस की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा था। सरोगेसी के लिए भारत दुनिया भर में प्रसिद्ध होने लगा था। इसमें भी गलत तरीके से धंधा किया जाने लगा, इसे रोकना और इन पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है। सरकार की यह फैसला बहुत ही सराहनीय है। – दीपक सिंह राजपूत, 32 वर्ष, बैंकर
हम आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत में सरोगेसी के संबंध में जानकारी मिल गई होगी। अगर आप बच्चे की चाहत रखते हैं लेकिन कई प्रयासों के बाद भी आप पेरेंट्स नहीं बन पाए हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। सरोगेसी के दौरान किन नियमों की जानकारी होनी चाहिए या फिर सरोगेसी का फायदा उठाने के क्या नियम है, इन बातों की जानकारी सरोगेसी क्लीनिक के विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। प्रेग्नेंसी या डिलिवरी से संबंधित अधिक आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट में विजिट कर सकते हैं। आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में प्रश्न भी पूछ सकते हैं। हम आपको उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे।