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तलाक के बारे में बच्चों से कैसे बात करें?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे · आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/07/2021

    तलाक के बारे में बच्चों से कैसे बात करें?

    शादी के बाद आपने कई रंगीन सपने देखे थे। बच्चे हुए, सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन, अचानक सबकुछ बदल गया। आप अपने रिश्तों को और मजबूत बनाते इससे पहले ही आप दोनों में सब गड़बड़ हो गया। आप सब कुछ संभालना चाह रहे थें लेकिन, यह संभव नहीं हो सका। एक ही पल में सब कुछ मानो खत्म होने लगा। आपने तलाक लेकर अपने पति/पत्नी से अलग रहने का फैसला किया। आपने फैसला लिया है, तो अंजाम भी सोच और समझ लिया होगा। लेकिन, क्या इस बारे में कभी सोचा है कि जब बच्चों से इस बारे में बताएंगे तो क्या होगा? क्योंकि तलाक के बाद बच्चों पर असर काफी पड़ता है। रिसर्च के अनुसार, दिमागी रूप से तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children)काफी ज्यादा पड़ता है। लेकिन, अपने पार्टनर के साथ अच्छा कम्युनिकेशन हो और समझदारी के साथ इस पर विचार कर के कोई निर्णय लिया जाए, तो बच्चों पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

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    1. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए बच्चों के सामने झगड़ें बिल्कुल भी नहीं

    ऐसा माना जाता है कि बच्चों के सामने आप जिस तरह से रहेंगे उसका पूरा असर बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ता है। इसलिए आप अपने दोनों के बीच के मनमुटाव को बच्चे से दूर ही रखें। बच्चों के घर में रहने के दौरान पार्टनर के साथ कभी झगड़ा न करें। क्योंकि इससे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चें डिवोर्स के बारे में पूछे तो उन्हें बताएं कि आप दोनों ने म्यूच्यूअल अंडरस्टैंडिंग से यह फैसला ले रहे हैं और आप दोनों उनसे बहुत प्यार करते हैं। ऐसा करने से तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) या डायवोर्स का असर काफी हद तक कम पड़ेगा।

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    2. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए बच्चों से बात करें, पर तनाव न होने दें

    जब तक अपने पार्टनर के साथ सेपरेशन फाइनल डिसीजन पर नहीं पहुंचे, बच्चे से तलाक को लेकर कुछ बातें न करें। बच्चों को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत है। आप अलग हो रहे हैं इसके ऊपर उन्हें भी बोलने का मौका दें। आपकी तलाक से सबसे ज्यादा दर्द बच्चों को ही मिलने वाला है। उन्हें अपनी बातें बताने के लिए प्रोत्साहित करें। अगर वो इस पर बात नहीं करना चाह रहे हैं, तो आप उनकी हरकतों और बिहेवियर से समझ सकते हैं कि, वो क्या महसूस कर रहे हैं। बच्चों से बैठकर बात करने से आसानी से पता चल सकता है कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। वो भी इसके बाद अपनी बात आपके सामने रख पाएंगे।

    3. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए बच्चों के साथ वक्त बीताना जारी रखें

    आपको जब भी वक्त मिले, कोशिश करें कि उन्हें पहले की ही तरह वक्त दें। बच्चों के साथ खेलें  और उन्हें प्यार दें। उनके साथ वीकेंड पर कहीं बाहर निकलें। पहले की तरह उन्हें क्लास ले जाएं। इन छोटी-छोटी चीजों से आप अपना प्यार उन्हें दिखा सकते हैं। इनसे बच्चे समझ जाएंगे कि आपकी तलाक आपकी कोई परेशानी की वजह से हो सकती है। इससे आपका प्यार उनके लिए कम नहीं होगा।

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    4. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए बच्चों के लिए हमेशा सपोर्टिव बने रहें

    तलाक के बाद भी बच्चे के साथ आपका बच्चे के बढ़िया संबंध हो। उनके फ्रेंड्स, शिक्षकों, और ग्रैंड पैरेंट्स की मदद लें। जरूरी है कि इस उम्र में आपके बच्चे के रोल मॉडल भी हों। तलाक के बाद बच्चे के लिए ये सब बहुत जरूरी है। हो सकता है कि वो बात करने से इंकार कर दें क्योंकि वो खुद को इसका जिम्मेदार मानते हों। इसलिए उनके पास कोई हो जिसे वो अपनी भावनाओं और विचारों के बारे में बता सकें।

    5. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए आश्वासन दें कि आप उन्हें चाहते रहेंगे

    तलाक को लेकर बच्चों में बहुत से सवाल आते रह सकते हैं। बच्चे एक अलग मानसिक पीड़ा से गुजर रहे होते हैं। इस लिए आप उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि आप उनसे अभी भी वैसे ही प्यार करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।

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    6. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए कोर्ट कचहरी के मामले बच्चों से दूर रखें

    अगर आप दोनों ने तय कर लिया है कि आपको तलाक लेना ही है, तो निश्चित तौर पर आपको कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ेंगे। ऐसे में कोशिश करें कि आप अपने बच्चे को कोर्ट कचहरी से पूरी तरह दूर रखें। जब भी आपको कोर्ट जाना हो, तो बच्चे को अपने साथ न लेकर जाएं। ऐसे में आप उन्हें उनके दादा-दादी, नाना-नानी या किसी अन्य रिश्तेदार के पास छोड़कर जा सकते हैं। अगर बच्चा बड़ा है और समझदार है, तो आप उन्हें घर में छोड़कर जा सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोर्ट कचहरी जाने से बच्चे पर मानसिक प्रभाव पड़ सकता है।

    7. तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़े इसके लिए माहौल को खुशनुमा बनाकर रखें

    भले ही आपके अंदर कितना भी तनाव हो, आप दोनों के बीच कितनी भी दिक्कतें चल रही हों, लेकिन इसका असर बच्चे के सामने घर के माहौल पर न पड़ने दें। आप अपने घर का माहौल खुशनुमा बनाकर रखें।

    बच्चों को यह समझाएं कि आपका उनके माता/पिता से अलग होने से आपका उनके लिए प्यार कम नहीं होगा।

    ये कुछ खास बातें हैं जो तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) या डायवोर्स का असर पड़ने से रोक सकती हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि तलाक का फैसला पति और पत्नी दोनों के लिए ही एक कठिन निर्णय होता है। लेकिन कभी-कभी ये फैसला आपके और आपके बच्चे के लिए जरूरी हो जाता है। इसलिए जो भी फैसला लें  सोच समझकर लें। आप तलाक लेने के लिए अपने बच्चे पर कोई प्रभाव न पड़ने दें। इसके लिए आप घर में अच्छा माहौल बनाकर रखें, बच्चे को कोर्ट कचहरी से दूर रखें। इसी के साथ उन्हें इस बात का पूरा आश्वासन दें कि आप दोनों ही उनसे बेहद प्यार करते हैं और उन्हें हमेशा प्यार करते रहेंगे। आप दोनों के अलग होने से बच्चे के प्यार में कोई कमी नहीं आने दें। तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children) न पड़ने दें।

    हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको तलाक का बच्चों पर असर (Effects of divorce on children)  के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको  हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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