40 सप्ताह की ड्यू डेट के पहले (करीब तीन सप्ताह) जिन बच्चों का जन्म हो जाता है, उन्हें प्रीमैच्योर बेबी (Premature Baby) कहा जाता है। बच्चे का समय से पहले जन्म कई कारणों से हो सकता है। प्रीमैच्योर बेबी की जिंदगी को खतरा हो, ऐसा जरूरी नहीं होता है। डॉक्टर को भी कई बार प्रीमैच्योर डिलिवरी के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। प्रीमैच्योर बेबी प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह या फिर उससे पहले भी पैदा हो सकता है। प्रीटर्म बर्थ मां और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है लेकिन ये बात परिस्थितियों पर निर्भर करती है। अगर आपसे कोई कहे कि समय से पहले बच्चा पैदा होने पर उसके जीवित रहने के चांसेज कम रहते हैं, तो ये गलत बात है। बच्चे की जान को खतरा है या फिर नहीं, ये बात डॉक्टर ही आपको बेहतर बता सकते हैं। ये बात सच है कि बच्चा ड्यू डेट के जितना पहले पैदा होगा, कॉम्प्लीकेशन उतने ही बढ़ जाएंगे। भारत में निओनेटल डेथ (neonatal mortality) और मॉर्बिडिटी ( morbidity) का मुख्य कारण प्रीमैच्योरिटी है। भारत में साल में 26 मिलियन बर्थ में 3.5 मिलियन प्रीटर्म और इससे में करीब तीन लाख शिशु प्रीटर्म बर्थ कॉम्प्लीकेशन के कारण मर जाते हैं। अगर आपके मन में इस बात को लेकर कई प्रश्न हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है। प्रीमैच्योर बेबी के सर्वाइवल रेट यानी उसके बचने के चांसेज के बारे में हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी देंगे। जानिए क्या होते हैं प्रीमैच्योर बेबी के सर्वाइवल रेट।