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Progeria : प्रोजेरिया क्या है ?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/07/2021

Progeria : प्रोजेरिया क्या है ?

परिभाषा

प्रोजेरिया को हम हचिंसन गिलफर्ड सिंड्रोम (Hutchinson-Gilford progeria syndrome [HGPS]) कहते हैं। आमतौर पर इस बीमारी में शरीर बहुत जल्दी वृद्धावस्था में पहुंच जाता है और जल्दी ही मृत्यु हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की औसत उम्र 13 साल और ज्यादा से ज्यादा 20 साल होती है।जन्म लेने पर ये बच्चे आम बच्चो जैसे ही दिखते हैं, लेकिन समय बीतने पर वृद्धावस्था के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। पहले वर्ष से ही बच्चे की बढ़ने की क्षमता कम होगी और धीरे-धीरे बाल भी गिरने लगेंगे।

प्रोजेरिया (Progeria) कितनी आम बीमारी है ?

आज तक प्रोजेरिया के मात्र 74 मामले ही सामने आए हैं। ये बीमारी किसी भी लिंग और जाति के लोगो को हो सकती है। अनुमान लगाया जाता है कि हर साल जन्म लेने वाले 40 लाख शिशुओं में से एक बच्चे (Child) को ये बीमारी होती है। और अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर मिलें।

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लक्षण

प्रोजेरिया के लक्षण क्या हो सकते हैं ? (Symptoms of Progeria)

प्रोजेरिया के लक्षण आसानी से बच्चे के पहले या दूसरे वर्ष में देखे जा सकते हैं इससे ऊपरी बदलाव आएंगे लेकिन बच्चे का दिमागी विकास बिल्कुल साधारण रूप से होगा । प्रोजेरिया से ग्रस्त बच्चो में शारीरिक विकास (Body development) साधारण नहीं होता है , कुछ लक्षण जो इन्हें असाधारण बनाते हैं वे ये हैं :

  • बढ़ा हुआ सर (Head)।
  • जरुरत से ज्यादा बड़ी आंखें (Eye) और आंखों का ढंग से बंद न हो पाना।
  • निचले जबड़े का विकास सही ढंग से न होना जिसकी वजह से चेहरे का निचला हिस्सा ऊपरी हिस्से से छोटा दिखता है।
  • नाक बहुत ज्यादा नुकीली हो जाती है।
  • कानों (Ear) का आकार जरुरत से ज्यादा बड़ा होना।
  • दांतों (Teeth) का विकास साधारण ढंग से न होना।
  • आवाज का भारी होना।
  • शरीर का बहुत ज्यादा कमजोर हो जाना।
  • सर और पलकों से बालों का झड़ना (Hair loss)।
  • जैसे -जैसे बच्चा बड़ा होगा ये लक्षण और भी गंभीर हो जाएंगे। कार्डियोवैस्क्यूलर (Cardiovascular) समस्या होना या फिर हड्डियां कमजोर होना जैसी समस्याएं जो आमतौर पर बुजुर्गों में पाई जाती हैं, वे बच्चे में दिखने लगेंगी।
  • हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक प्रोजेरिया (Stoke Progeria) में होने वाली बीमारियों में आम है जिनकी वजह से सबसे अधिक मृत्यु होती है।
  • इसके अलावा कुछ लक्षण जो दिख सकते हैं वे ये है :
  • त्वचा का सख्त ( स्क्लेरोडर्मा [Scleroderma]) होना।
  • सही ढंग से दांत न बनना।
  • सुनने की शक्ति (Hearing power) कम होना
  • हड्डियों का कमजोर (Weak bone) होना
  • जोड़ों का सख्त होना।
  • इन्सुलिन से रेजिस्टेंस होना।
  • कार्डियोवैस्क्यूलर बीमारी (Cardiovascular Disease ) होना ।

अपने डॉक्टर से कब मिलें ?

अगर आपको अपने बच्चे का विकास असाधारण लग रहा है या फिर आपको कोई ऐसे लक्षण दिख रहे हैं जिनसे आपको लगता है उसके विकास में रुकावट आ रही है तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।

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कारण

प्रोजेरिया का क्या कारण हो सकता है? (Cause of Progeria)

प्रोजेरिया जेनेटिक बीमारी (Genetic disease) है और ये बीमारी माता – पिता से बच्चे में नहीं जाती है। परिवार में एक से ज्यादा ऐसी बीमारी का होना लगभग असंभव है। ये बीमारी लैमिन जीन में खराबी के कारण होती है। लैमिन प्रोटीन सेल न्यूक्लीयस (Nucleus)को बांधे रखने का काम करती है। अगर इस प्रोटीन (Protein) में कोई खराबी है तो आपको प्रोजेरिया (Progeria) हो सकता है।

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खतरे

प्रोजेरिया के खतरे को क्या बढ़ा देता है? (Risk Factor of Progeria)

प्रोजेरिया (Progeria) के लिए कोई निश्चित कारण नहीं है क्योकि ये म्यूटेशन स्पर्म या अवम में बच्चे के जन्म (Babies birth) से पहले होता है। लैमिन जीन में खराबी होने पर कोशिकाएं अस्थिर हो जाएंगी और बुढ़ापे की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। अगर परिवार में 100 में से किसी एक बच्चे को ये बीमारी होती है तो संभव है कि ये बीमारी एक ही परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाए।

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जांच और इलाज

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।

प्रोजेरिया की जांच कैसे की जा सकती है? (Diagnosis of Progeria)

किसी को देखकर ही आसानी से प्रोजेरिया (Progeria) पता लगाया जा सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि सामान्य चेकअप के दौरान डॉक्टर लक्षणों को देखकर प्रोजेरिया होने की पुष्टि करें। आपके बच्चे की पल्स रेट (Puls rate), सुनने की क्षमता (Hearing power), देखने (Vision) की क्षमता  और वजन को दूसरे समान उम्र के बच्चों के साथ तौल कर डॉक्टर आपके बच्चे में प्रोजेरिया (Progeria) होने या न होने की स्थिति की पुष्टि करेंगे।

खून की जांच (Blood test) और जेनेटिक टेस्ट (Genetic test) की मदद से भी प्रोजेरिया का पता लगाया जा सकता है।

प्रोजेरिया का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment for Progeria)

इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद कुछ तरीके इजात किये हैं। कैंसर (Cancer) के इलाज में प्रयोग किया जाने वाला फार्निसिलट्रांस्फ़ेरेस इन्हीबिटर (Farnesyltransferase inhibitors [FTIs]) नाम का केमिकल प्रोजेरिया के इलाज में मदद कर सकता है। ये न्यूक्लियर संरचना को ठीक करके इलाज करने में कारगर हो सकता है। चूहों में किए गए प्रयोग इस केमिकल की सफलता का संकेत देते हैं।

आजकल दिए जाने वाले इलाज में प्रोजेरिया के लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है। जैसे कि :

  • एस्प्रिन (Aspirin) की मदद से हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा कम हो जाता है।
  • स्टेटिंस (Statins)  की मदद से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।
  • एंटी- कोएगुलांट्स (Anticoagulants ) की मदद से खून के थक्को का जमना रोका जाता है।
  • विकास के लिए आर्टिफीशियल हार्मोन्स (Artificial Hormones) दिए जाएंगे। जिससे कि शरीर के कद और बल में वृद्धि हो।
  • फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational Therapy) की मदद से जोड़ों की अकड़ को कम किया जाता है।
  • प्राइमरी टूथ (Primary tooth) को निकाला जाता है जिससे की दांत सही ढंग से जमें और उनकी संरचना में कोई विकार न हो।

जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपाय

इन बदलावों और घरेलू उपायों की मदद से आप प्रोजेरिया को नियंत्रित किया जा सकता है :

  • अगर आपका बच्चा प्रोजेरिया (Progeria) से पीड़ित है तो उसका खास ख्याल रखें। उसके शरीर को हाइड्रेटेड (Hydrate) रखने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा पानी , जूस आदि पिलाएं।
  • एक बार खाना देने के बजाय उसकी डायट (Diet) को टुकड़ो में बांटे।
  • प्रोजेरिया का अर्थ ये नहीं है कि आपका बच्चा कुछ कर नहीं सकता। डॉक्टर से पूछकर उसके लिए एक्टिविटीज निर्धारित करें। जिससे उसका मन लगा रहे और वह स्वस्थ रहे।
  • ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन ( SPF 15 ) का प्रयोग करें। ये आपके बच्चे की त्वचा को सुरक्षित रखेंगी ।
  • अपने बच्चे का टीकाकरण जरूर करवाएं ताकि इम्यून सिस्टम (Immune system) लम्बे समय तक मजबूत रहे और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।

किसी भी और सवाल के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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