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ये लाइफ स्किल टीचिंग बच्चों को बनाएंगी आत्मनिर्भर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/02/2021

    ये लाइफ स्किल टीचिंग बच्चों को बनाएंगी आत्मनिर्भर

    पढ़ने और खेलने के अलावा बच्चों को अन्य बातों का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है। प्री-स्कूलर्स को अगर आप लाइफ स्किल टीचिंग के बारे में जानकारी देंगे, तो न सिर्फ उनकी जानकारी बढ़ेगी बल्कि वो आपके काम को भी आसान कर देंगे। कुछ पेरेंट्स को लगता है कि बच्चों से किसी भी तरह का काम नहीं करवाना चाहिए, चाहे वो क्यों न उनका खुद का हो। लेकिन ये सोच गलत है। प्री स्कूलर्स को खुद के कामों के साथ ही अन्य अहम बातों की जानकारी भी बहुत जरूरी है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे के लिए लाइफ स्किल टीचिंग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जानिए कैसे लाइफ स्किल टीचिंग बच्चों के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।

    लाइफ स्किल टीचिंग में शामिल करें हेल्थ से जुड़ी बातें

    लाइफ स्किल टीचिंग में बच्चों को हेल्थ और हाइजीन के बारे में बताना बहुत जरूरी है। बच्चों को इस बारे में जानकारी देनी होगी कि अगर वो सुबह उठकर ब्रश नहीं करते हैं या फिर नहाते नहीं हैं, तो शरीर को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बच्चे को हेल्थ का मतलब समझाएं। उन्हें बताएं कि साफ न रहने पर जर्म्स उन पर अटैक कर उन्हें बीमार कर सकते हैं। आप बच्चे को अच्छी और बुरी आदतों के बारे में बताएंगे, तो उन्हें समझने में आसानी होगी कि उनकी कौन सी आदत हेल्थ पर बुरा असर डाल सकती है। बच्चे को ये भी बताएं कि बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है और बॉडी में प्रॉब्लम हो सकती हैं।

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    टाइम मैनेजमेंट (Time Management) है लाइफ स्किल टीचिंग का अहम हिस्सा

    चार साल की उम्र में बच्चों का सुबह जल्दी उठना और फिर स्कूल के लिए रेडी होना वाकई बड़ा काम होता है। अक्सर बच्चे स्कूल जाने में आनाकानी करते हैं और उन्हें टाइम का ख्याल भी नहीं रहता है। आपको बच्चे को टाइम मैनेजमेंट (Time Management) के बारे में जानकारी देनी होगी। बच्चे के सुबह स्कूल जाने से लेकर रात में सोने तक का टाइम टेबल बनाएं। इसके बारे में बच्चे को भी जानकारी दें ताकि उसे पता रहे कि उसे एक निर्धारित समय में कोई काम खत्म करना है। इस तरह से आप बच्चे में काम को समय पर खत्म करने की आदत डालवा सकते हैं। अगर आप बच्चे को टाइम को मैनेज करने के तरीके के बारे में जानकारी नहीं देंगे, तो वो किसी भी काम को समय पर खत्म नहीं करेंगे।

    मील प्रिपरेशन की दें जानकारी

    प्रीस्कूलर्स को खाना कैसे बनाया जाता है, ये बिल्कुल न सिखाएं। जी हां! हम बात कर रहे हैं खाने से संबंधित कुछ बेसिक बातों की। मान लीजिए कि आप किसी काम में व्यस्त हैं और बच्चे को भूख लगी है। ऐसे में आप बच्चे को सिखा सकती हैं कि कैसे ब्रेड में बटर या जैम लगाकर वो अपने आप खा सकते हैं। अगर आप बच्चे को फ्रीज से फ्रूट्स निकालने और उन्हें धुलकर खाने की सलाह देंगे, तो भी बच्चा अपने लिए मील का अरेंजमेंट आसानी से कर सकेगा। बच्चों को स्कूल में अपने आप खाना होता है, तो ऐसे में उन्हें खाने के सही तरीके के बारे में भी जरूर बताएं। कुछ बच्चे अपने आप खाना नहीं खा पाते हैं, इसलिए आपको उन्हें खाने के तरीके के बारे में भी बताना होगा।

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    क्लीनिंग को करें ‘हां’ और गंदगी को कहें ‘न’

    पेरेंट्स क्लीनिंग से लेकर घर के सभी कामों को खुद ही करते हैं। बच्चे सफाई के स्थान में अगर गंदगी मचा दें, तो पेरेंट्स के लिए मुसीबत बढ़ जाती है। आप बच्चे को खुद के खिलौने की सफाई करने के लिए कह सकती हैं। बच्चे को एक स्पॉन्ज या कपड़ा दें ताकि वो अपने खिलौनों को रोजाना साफ कर सके। बच्चे कपड़े भी ज्यादा गंदे करते हैं, ऐसे में उन्हें गंदे कपड़ों को इकट्ठा कर मशीन में डालने के लिए कहें। ऐसा करने से बच्चों को समझ में आ जाएगा कि गंदगी नहीं मचानी चाहिए और सफाई रखनी चाहिए। अगर कमरे में बच्चे के खिलौने या फिर उनका सामान फैला दिखे, तो उनसे ही उठाने को कहें। अगली बार से बच्चे अपने सामान को व्यवस्थित ढंग से रखना सीख जाएंगे।

    मनी मैनेजमेंट भी है जरूरी (Money Management)

    अब आप सोच रहे होंगे कि बच्चे को इतनी जल्दी मनी मैनेजमेंट सिखाना क्यों जरूरी है? लेकिन ये बच्चों के लिए जरूरी है। चार साल के बच्चे को काउंटिंग आती है और वो आसानी से कैंडीज, चॉकलेट या अन्य चीज को काउंट कर लेते हैं। ऐसे में आपको उन्हें मनी काउंटिंग और उसे मैनेज करने के तरीकों के बारे में भी बताना होगा। अक्सर एडल्ट्स को पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है। अगर आप बच्चों को पहले ही मनी मैनेजमेंट के बारे में बता देंगे, तो उन्हें बड़े होने पर ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। बच्चे को जरूरी सामान के लिए खर्च करने के बारे में बताना न भूलें। आप चाहे तो उनके लिए गुल्लक भी ले सकते हैं, ताकि वो रुपय को संभाल कर रख सके।

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    खुद को कैसे करें रेडी?

    लाइफ स्किल टीचिंग में बच्चों को खुद कैसे रेडी होना चाहिए, ये जरूर सिखाएं। अगर आप बच्चे को रोजाना खुद ही तैयार करेंगे, तो वो कभी भी अपने आप तैयार नहीं होगा और न ही अपने जरूरी कपड़ों या अन्य वस्तुओं को संभाल कर रखेगा। उसे बताएं कि कैसे खुद के कपड़े और अन्य सामान को सुरक्षित रखा जाए ताकि अगले दिन समय पर वो मिल जाएं। बच्चे अक्सर स्कूल टाइम में रेडी होते समय आनाकानी करते हैं और यूनीफॉर्म पहने से भी बचते दिखते हैं। आप बच्चे को बताएं कि यूनिफॉर्म को कैसे कैरी किया जाता है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगली बार बिना कहे कि आपका बच्चा भले ही थोड़ा लेकिन अपने आप स्कूल के लिए रेडी होना सीख जाएगा।

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    चीजों की वैल्यू को समझाएं

    आप जब मार्केट जाती हैं, तो बच्चे एक ही समय में अलग-अलग चीजों की डिमांड करते हैं। ऐसा ज्यादातर बच्चों के साथ होता है। अगर आप बच्चे को सीधे मना कर देंगी, तो बच्चे नाराज हो जाएंगे। आप बच्चे को चीजों की वैल्यू के बारे में समझा सकती हैं। बच्चे को बताएं कि मार्केट में मिलने वाली सभी चीजों को नहीं खरीदा जाता है बल्कि जो चीजें आपके लिए जरूरी हैं, उन्हें पहले लेना चाहिए। अगर आप बच्चे की जिद को मानकर उसे सामान दिलाती रहेंगी, तो उसे किसी भी चीज की वैल्यू कभी नहीं समझ आएगी। आपको ये लाइफ स्किल टीचिंग बच्चे को जरूर सिखानी चाहिए।

    बच्चे को किसी भी विषय में जब आप जानकारी देंगे, तो उनकी उत्सुकता बढ़ जाएगी। आपको उनके सभी सवालों के जवाब देने चाहिए ताकि उन्हें काम करते समय दिक्कत महसूस न हो। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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