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बच्चों में खाना न खाने की आदत को इस तरह से बदल सकते हैं आप

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/02/2021

    बच्चों में खाना न खाने की आदत को इस तरह से बदल सकते हैं आप

    बच्चे (Toddler) को खाना खिलाने के लिए क्या आपको भी लाख जतन करने पड़ते हैं? अगर ‘हां’ तो ये आपके लिए रोजाना का वाकई बहुत मुश्किल भरा टास्क होता होगा। अगर आपको लग रहा है कि आप ऐसी अकेली मां हैं, जिसे बच्चे को खाना खिलाने के लिए कई वादे करने पड़ते हो या बच्चे को डांटना पड़ता हो, तो ये बिल्कुल सच नहीं है। ज्यादातर पेरेंट्स को ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है। बच्चों में खाना न खाने की आदत पेरेंट्स के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।अगर बच्चा ठीक से खाना नहीं खाता है, तो बच्चों की ग्रोथ में बुरा असर पड़ सकता है। बच्चों में खाना न खाने की आदत को सुधारने के लिए आपको न सिर्फ खाने के स्वाद को बदलना पड़ेगा, बल्कि आपको खाने को परोसने के ढंग में भी परिवर्तन करना पड़ेगा। बच्चे की खाने में आनाकानी की आदत को सुधारने के लिए पेरेंट्स को कुछ बातों को जानने की जरूरत भी है। आपको बच्चे की (Toddler) पसंद और नापसंद का खास ख्याल रखना पड़ेगा। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि बच्चे की खाना न खाने की आदत में कैसे सुधार लाया जाए।

    बच्चों में (Toddler) खाना न खाने की आदत का क्या है मुख्य कारण?

    बच्चों में खाना न खाने की आदत (Habit of not eating food in children) कई बार समान्य कारणों से हो सकती है। टॉडलर्स को भूख नहीं लग रही है या फिर अगर वो खाने में आनाकानी कर रहे हैं, तो इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। हम आपको यहां कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बच्चों के खाने में रुकावट पैदा करते हैं।

    • ग्रोथ के कारण टॉडलर्स की भूख में लगातार परिवर्तन होता रहता है। वो दिनभर में एक बार खा सकते हैं या फिर उन्हें किसी दिन खाने का मन नहीं हो सकता है।
    • नवजात की अपेक्षा टॉडलर्स का विकास थोड़ा धीमा होता है, इसलिए उनकी भूख कुछ कम हो सकती है।
    • ईटिंग डिसऑर्ड के कारण टॉडलर्स की खाने की इच्छा नहीं होती है।
    • टॉडलर्स (Toddler) का मन खाने की बजाय अन्य चीजों में लगने लगता है, इसलिए वो खाने पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं।
    • टोडलर्ड (Toddler) को एक स्थान पर चुपचाप बैठकर खाने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है, इसलिए उन्हें जैसे ही आप खाने के लिए बैठाते हैं, वो भाग जाते हैं।
    • ज्यादा टॉडलर्स पिकी ईटर्स होते हैं। उन्हें नखरे कर खाना ज्यादा अच्छा लगता है। अगर पेरेंट्स उनके नखरे नहीं सहन करते हैं, तो बच्चा खाना नहीं खाता है।
    • बच्चों में खाना न खाने की आदत कई बार पसंदीदा खाना न बनने पर भी पड़ सकती है। कुछ बच्चों को प्लेट में रोजाना एक ही पसंदीदा फूड चाहिए होता है।

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    बच्चों को खाना खिलाने के टिप्स : ये तरीके आ सकते हैं आपके काम

    toddler eating food

    बच्चों को खेल खेलना बहुत पसंद होता है। आप उन्हें खेल के माध्यम से बहुत-जानकारी दे सकते हैं। आप फ्रूट्स, वेजीटेबल्स, ग्रेंस आदि के बारे में उन्हें जानकारी देकर उनकी खाने के प्रति रुचि को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही ऐसे बहुत से टिप्स हैं, जिन्हें अपनाकर बच्चे की खाने की आदत में सुधार लाया जा सकते हैं। जानिए बच्चों को खाना खिलाने के टिप्स के बारे में।

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    फूड्स से ऐसे कराएं इंट्रोड्यूज

    बच्चों में खाना न खाने की आदत कई बार फूड्स की जानकारी न होने की वजह से भी हो सकती है। बच्चे खेल-खेल में कई चीजें आसानी से सीख जाते हैं। आपको खाने की हैबिट को लेकर भी यही काम करना होगा। आप बच्चे को किचन में ले जा सकते हैं और उन्हें उनकी फेवरेट रेसिपी बनाने का तरीका भी बता सकते हैं। जैसे कि वेजीटेबल्स को काटना, पानी में कोई पाउडर घोलना या फिर रोटी को गोल बनाना आदि। बच्चे इसे बहुत एंजॉय करेंगे और उन्हें नए वेजीटेबल्स और फ्रूट्स के बारे में भी जानकारी मिलेगी। बच्चों को बाउल में कुछ डिफरेंट फ्रूट्स को मिक्स करने के लिए कह सकते हैं। कलरफुल फ्रूट्स बच्चों देखने में अच्छे लगेंगे और वो उन्हें चाव से खा भी सकते हैं।

    बच्चों को न दें अलग फूड्स

    घर में बच्चों और बड़ों का खाना अलग बनाया जाता है। बच्चे तीखा और स्पाइसी नहीं खा पाते हैं। अगर बच्चे सबके साथ खाने के लिए बैठते हैं, तो उनको पता चल जाता है कि वो अलग खाना खा रहे हैं और बाकी लोग अलग। कोशिश करें कि आप भी बच्चे के साथ वहीं खाएं, जो बच्चा खा रहा है। ऐसा करने से बच्चे का खाने में मन लगता है वरना बच्चा खाने से दूर भाग सकता है। आप चाहे तो खाने में बदलाव न करें। खाना पकने के बाद बच्चे के लिए खाना निकाल लें और बाद में उसमें मिर्च या अपने पसंदीदा मसालें मिला लें।

    खाने में बदलाव है जरूरी (Introducing new foods )

    अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन की बात मानें, तो बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ ही आप उसके आहार को बढ़ाएं। बच्चे अगर दो साल का है, तो आप उसे दो चम्मच मूंग की दाल दे सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ तीन और फिर चार। आप खाना बनाने के स्टाइल में बदलाव जरूर करें। हो सकता है कि बच्चे को चावल की बजाय इडली पसंद आए या फिर वो कॉर्न को फ्रूट्स के साथ खाना पसंद करें। आपको कुछ बदलाव करने पड़ेंगे, ताकि बच्चे का चाव खाने के प्रति बढ़ें।

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    ज्यादा खाना न परोसें (Serve right-sized portions)

    अक्सर देखा जाता है कि पेरेंट्स बच्चे को थाली में अधिक खाना परोस देते हैं। ये गलत है। बच्चे को खाना देते समय आपको कम मात्रा में खाना देना चाहिए। बच्चे नई रेसिपी या फूड को अपनाने में समय लगा सकते हैं। आप उसे थोड़ा खाना परसें और खाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे को खाने को दें और करीब 20 मिनट तक इंतजार करें। अगर बच्चा न खाएं, तो खाना हटा दें और उसके स्थान पर कोई भी अल्टरनेटिव फूड या स्नैक्स न दें।

    डिश के साथ न करें समझौता (Don’t negotiate)

    बच्चे को खाना परोसने के बाद ये कहना गलत हैं कि आप ये नहीं बल्कि दूसरी वाली डिश खा लों। आपको बच्चे की प्लेट में हेल्दी फूड परोसना चाहिए। आप उसे ही तय करने दीजिए कि वो क्या खाएगा। हो सकता है कि आपने उसे जो परोसा हो, वो अपनी मर्जी से सब कुछ खा लें।

    सभी साथ में खाएं खाना (Have family meals together)

    अगर आप बच्चे को फैमिली के साथ खाना नहीं परोसेंगी, तो उसे साथ में खाने की आदत बिल्कुल भी नहीं पड़ेगी। फैमिली के साथ खाने से बच्चे को समय पर खाना खत्म करने और प्लेट में परोसे गए खाने को खत्म करने की बात समझ आएगी। अगर बच्चा रोजाना अकेला खाएगा, तो उसे खाने से ज्यादा खेलने का मन करेगा, जो कि ठीक नहीं है।अक्सर बच्चे खाते समय पूरा मुंह भर लेते हैं और फिर खाना फंसने की समस्या हो जाती है। बच्चे को थोड़ा-थोड़ा खाना सिखाएं।

    फ्रेंड्स को करें इनवाइट

    अगर आपका बच्चा फ्रूट्स और वेजीटेबल्स को खाने में रुचि नहीं दिखा रहा है, तो आप उसके फ्रैंड्स को घर बुलाकर साथ ही उन्हें फल खाने के लिए दे सकती हैं। फैंड्स को फ्रूट्स खाते देख आपका बच्चा भी फल खाने लगेगा। आपको ऐसे अवसरों की तलाश करनी होगी।

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    कब करना चाहिए डॉक्टर से संपर्क?

    अगर आपका बच्चा सामान्य कारणों की वजह से खाना नहीं खा रहा है, तो आप उपरोक्त टिप्स अपनाकर उसकी आदतों को बदल सकते हैं। कई बार किसी परेशानी के कारण बच्चों को भूख नहीं लगती है। अगर उपरोक्त टिप्स अपनाने के बाद भी बच्चा खाना नहीं खा रहा है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। डॉक्टर बच्चे की जांच करेंगे और भूख न लगने के कारण के बारे में जांच करेंगे। आप बच्चों में निम्न लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    • अगर बच्चे का वजन अचानक से कम हो रहा हो, तो आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
    • अगर बच्चा ग्रेंस (grains),डेयरी प्रोडक्ट (dairy product) या प्रोटीन युक्त फूड खाने से मना कर रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
    • अगर बच्चा एक या दो दिन तक न खाए, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
    • अगर बच्चा खाने को देखकर चिल्लाता हो या फिर भाग जाता है, तो आपको डॉक्टर को इस बारे में जानकारी जरूर देनी चाहिए।
    • अगर बच्चा रोजाना नए फूड की डिमांड करता हो और खाना न खाता हो।

    बच्चों में खाना न खाने की आदत के पीछे कोई गंभीर कारण हो, ये जरूरी नहीं है। बेहतर होगा कि आप बच्चों के शारीरिक विकास के साथ ही उनके शरीर में होने वाले परिवर्तनों पर ध्यान दें। बच्चों को खाना खिलाने के टिप्स अपनाकर आप समस्या का समाधान कर सकते हैं। अगर आपको फिर भी किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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