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बच्चे के लिए स्कूल का चयन करते समय किन बातों का रखें ध्यान

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे · आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/01/2020

    बच्चे के लिए स्कूल का चयन करते समय किन बातों का रखें ध्यान

    आप अपने बच्चे हेतु एक स्कूल का चयन किस प्रकार करेंगें? माता-पिता को अपने बच्चे की भविष्य और सफलता की चिंता होना लाजमी है। बच्चे के लिए स्कूल का चयन कई सारी बातों से प्रभावित होती हैं। एजुकेशन सेक्टर में कार्यरत सौरभ सुमन कहते हैं, ‘पेरेंट्स किसी भी कीमत पर अपने बच्चे की भविष्य से समझौता नहीं करना चाहते। लेकिन कई फैक्टर्स हैं, जो स्कूल का चयन करते समय ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है। सामाजिक, आर्थिक जैसी तत्व सभी पेरेंट्स के सामने एक चुनौती बन कर आते हैं, जब बच्चे के लिए स्कूल का चयन करते हैं।’ इन भागों में संबधित प्रश्न दिए गए हैं जो आपके बच्चे के स्कूल चयन हेतु सहायक सिद्ध होगें याद रखिए, आप एक ऐसे विद्यालय चयन कर रहे हैं जो आपके बच्चे के शैक्षणिक अनुभवों की वृद्धि में सहायक सिद्ध होगा।

    स्कूल किस जगह पर है?

    यह एक बहुत गंभीर सवाल है पेरेंट्स के लिए, जिनके जवाब स्कूल को निश्चित कर के ही मिल पाता है। जब बच्चों के लिए स्कूल का चुनाव करने की बारी आती है,  तो अपने बच्चे की जरूरतें, अपने बच्चे के सीखने की शैली, विद्यालय की घर से दूरी, क्या आपके बच्चे को विशेष वाहन सुविधा की आवश्यकता विद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही है, आदि सवालों के जवाब ढूंढना चाहिए।

    स्कूल का चयन करना है तो स्कूल के बारे में जानकारी कलेक्ट करके विकल्प रखें

    सामान्यतः जब आप घर के इस्तेमाल के लिए किसी एप्लायंसेज लेने जाते हैं, तो अपने कई मित्रों व रिश्तेदारों से जानकारी मांगते हैं, ताकि आप ठगे न जाएं। जैसे आप तो अपने मित्र, पारिवारिक सदस्य या इंटरनेट, पत्रिका आदि से जानकारी प्राप्त करतें है। इसी प्रकार एक बेहतर स्कूल के चयन हेतु स्कूल की सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करनी चाहिए। जैसे –

    पाठ्यक्रम (syllabus)

    क्या स्कूल में पारंपरिक विषयों के अलावे, कला और विदेशी भाषा में विशेष ध्यान दिया जाता है। स्कूल का चयन करते समय यह भी ध्यान रखें कि एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों का संचालन होता है? एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों से बच्चों के व्यक्तिक मानसिक विकास में महत्वपूर्ण होता है। क्या अंग्रेजी भाषा से संबन्धित कार्यक्रम पर बल दिया जाता है? इन सारे सवालों को स्कूल में कराए जाने वाले पाठ्यक्रमों की जानकारी लेते समय स्पष्ट कर लें।

    क्या है सीखने का वातावरण?

    क्या स्कूल में ग्रुप प्रोजेक्ट, व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाता है। यदि हां, तो क्या बच्चा इससे सीख रहा है, आनंदित हो रहा है? क्या स्कूल का स्टाफ इस योग्य है कि वह उसी भाषा में बातें करे जो बच्चा समझता हो। स्कूल में दी जाने वाली होम वर्क के नियम कैसी है? कक्षा का आकार कितना बड़ा है? यह सारे सवाल के जवाब आपको स्कूल में पढ़ने और पढ़ाने के वास्तविक वातावरण का पता लगाने में मदद करेंगे।

    स्कूल का प्रदर्शन

    दूसरे स्कूल की तुलना में आपने जिस स्कूल का चयन किया है, का कैसा प्रदर्शन रहा है ? पिछले पिछले कुछ वर्षों का परिक्षा परिणाम कैसा रहा है? स्कूल का प्रदर्शन इस बात से भी समझा जाता है, कि एक सेशन खत्म होने से पहले कितने बच्चों ने स्कूल छोड़ा है?  क्या एक साल के अंदर स्कूल ने विशेष उपब्धियां हासिल की है?

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    घर से स्कूल की दूरी

    बहुत से अभिभावक दूसरों का देखा देखी अपने बच्चे को घर से बहुत दूर स्थित स्कूल में दाखिला करवा देते हैं। इससे बच्चों का काफी समय सिर्फ स्कूल आने जाने में ही खर्च हो जाता है। इससे बच्चों को खेल कूद के लिए कम समय मिलता है और जो मिलता है वो सिर्फ इतना कि उसमे केवल पढ़ाई ही हो सकती है। बच्चों के अच्छी विकास के लिए खेल कूद भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की पढ़ाई। बड़ी कक्षाओं में जाने के बाद बच्चों को होमवर्क भी बहुत मिलता है। बच्चों का स्कूल अगर घर के निकट हो तो उन्हें पर्याप्त समय मिलेगा की वे अपना होमवर्क बनाएं, नोट्स को दोहरा लें और खेल भी लें। अपने बच्चों के लिए स्कूल का चयन करते वक्त सभी अच्छे स्कूल की लिस्ट बनाये। लिस्ट में स्कूलों को घर से दुरी के अनुक्रमांक में रखें। घर से सबसे दूर में जो स्कूल स्थित हो वो लिस्ट में सबसे निचे हो। अब लिस्ट में ऊपर से पांच स्कूलों से अपनी खोज शुरू करें।

    स्कूल ऐसा चुनें कि ट्यूशन की आवश्यकता न पड़े

    बच्चों का जिस स्कूल में दाखिला करवाएं वहां यह बात निश्चित करें की बच्चों को विषय का सम्पूर्ण ज्ञान करवाया जाता है। अन्यथा कहीं ऐसा ना हो की आप स्कूल को विषयों से संबंधित पूरी फीस दें और बाद में बच्चे के ट्यूशन पे अतरिक्त खर्च करें। अगर बच्चे को टूशन ही पढ़ना है तो फिर अच्छे स्कूल का क्या मतलब रह गया।

    स्कूल का चयन के बाद अब आवेदन की बारी

    एक बार जब आपने अपने बच्चे के लिए सही स्कूल का चयन कर लिया है, तो अब उस स्कूल में आवेदन कर, दाखिले से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं को आगे बढाने का सही समय आ गया है। इस समय जितनी ज्यादा हो सके अपनी क्वेरीज कर  यह सुनिश्चित कर लें, कि कब और कैसे आवेदन करना है?

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    अगर आपने एक या अधिक स्कूल का चयन किया है

  • यह जानना बेहद आवश्यक है कि किस स्कूल में आप बच्चे के लिए आवेदन करना चाहते है?
  • स्कूलों के आवेदन की अंतिम समय सीमा (Deadline) क्या है?
  • तय डेडलाइन से पहले एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंटेशन

    • क्या सभी स्कूल के एप्लीकेशन फॉर्म को सही से फिल-अप कर  लिया है।
    • क्या सभी जरूरी सूचनाएं जैसे फीस, मार्कशीट्स, लैटर आदि एप्लीकेशन के साथ अटैच कर लिया है।

    एक बेहतर स्कूल का चयन हेतु स्कूल की सम्पूर्णं जानकारी एकत्रित करनी चाहिए। तय डेडलाइन से पहले एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंटेशन से संबंधित कार्यों को पूरा कर लें। स्कूल का प्रदर्शन इस बात से भी समझा जाता है, कि एक सेशन खत्म होने से पहले कितने बच्चों ने स्कूल छोड़ा है?

    फीस की तुलना

    स्कूल की फीस में काफी फर्क हो सकता है। आमतौर पर बात की जाए तो स्टेट बोर्ड की फीस सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के स्कूलों से कम होती है। साथ ही हर बोर्ड के अपने फायदे और नुकसान भी हैं। ऐसे में आप अपने बजट और यह तय करने कि आपके बच्चे के लिए कोन सा बोर्ड ठीक है के बाद ही स्कूल का चयन करें।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

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