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शंकोल वैक्सीन (Shanchol vaccine) क्या है?
शंकोल वैक्सीन (Shanchol vaccine) का इस्तेमाल कॉलरा से बचने के लिए किया जाता है। ये वैक्सीन एक वर्ष की आयु के ऊपर के बच्चों को मौखिक रूप यानी ओरली दी जा सकती है। करीब दो सप्ताह के अंतराल में इस वैक्सीन के दो डोज दिए जा सकते हैं। वैक्सीन लेने के करीब दस दिन बाद तक वैक्सीन का असर शुरू हो जाता है। इस वैक्सीन को खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है। दवा का डोज एक बार लेना या दो बार, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेना बेहतर रहेगा। हैजा से सुरक्षा के लिए ये वैक्सीन असरदार है। इसे बच्चे से लेकर वयस्क भी ले सकते हैं लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इसे नहीं लेना चाहिए। कॉलरा को खतरनाक बीमारी माना जाता है। शंकोल वैक्सीन (Shanchol vaccine) लेने के बाद शरीर बैक्टीरिया (Bacteria) के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। जिन स्थानों में कॉलरा का इंफेक्शन फैला हुआ है, वहां जाने वाले लोगों को शंकोल वैक्सीन (Shanchol vaccine) लेने की सलाह दी जा सकती है।
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शंकोल वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Shanchol vaccine side effects)
किसी भी वैक्सीन को लेने के बाद दुष्प्रभाव दिखना आम बात होती है। शंकोल वैक्सीन (Shanchol vaccine) मुंह के माध्यम से ली जाती है। वैक्सीन लेने के बाद लक्षण कुछ समय तक दिखते हैं और फिर अपने आप ही चले भी जाते हैं। शंकोल वैक्सीन (Shanchol vaccine) लेने के बाद नींद न आना, सिरदर्द (Headache), चिड़चिड़ापन, फीवर, कमजोरी का एहसास (Weakness), इचिंग, रैशेज, खांसी (Cough), मुंह में सूखापन, खांसी आदि साइड इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं। आप वैक्सीन लेने से पहले इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं कि बच्चे में क्या दुष्रभाव दिख सकते हैं। डॉक्टर आपको कुछ जरूरी मेडिसिंस भी दे सकते हैं ताकि बच्चे को कोई परेशानी होने पर आप उसका इस्तेमाल कर सके।
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