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बीमारी में शिशु को स्तनपान करवाना चाहिए या नहीं!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/07/2022

    बीमारी में शिशु को स्तनपान करवाना चाहिए या नहीं!

    शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मां के दूध की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि इनमें वे सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो उसके विकास के लिए जरूरी होते हैं। शिशु को जन्म से छः महीने तक सिर्फ मां का दूध (Mother’s milk) देने की सलाह दी जाती है। इससे उनकी रोग प्रतिरोध (Immune system) की क्षमता बढ़ती है। इसलिए शिशु को स्तनपान करवाना वाली माताओं को पौष्टिक आहार (Nutritional food) लेना चाहिए, क्योंकि मां की सेहत का असर बच्चे पर भी पड़ता है। आज इस आर्टिकल में समझेंगे कि क्या बीमारी में शिशु को स्तनपान (Breastfeeding During Illness) करवाना चाहिए या नहीं। 

    शिशु को स्तनपान कराना मां और शिशु दोनों के लिए बहुत ही जरूरी होता है। यदि स्तनापन के दौरान मां किसी बीमारी से पीड़ित है, तो ऐसी स्थिती में क्या वो शिशु को स्तनपान (Breastfeeding) करवा सकती हैं, यह एक बड़ा प्रश्न है। इसे लेकर अक्सर लोगों की यही धारणा होती हैं कि स्तनपान कराने से मां की बीमारी शिशु में भी फैल सकती है। बता दें कि, मां के दूध में लैक्टोफेरिन (Lactoferrin) जैसे पोषक तत्व होते हैं, जिनकी पूर्ती किसी दूसरे आहार से नहीं की जा सकती है।

    क्या है लेक्टोफोर्मिन? (What is Lactoferrin?)

    लैक्टोफेरिन एक प्रोटीन होता है, जो मां के दूध में प्राकृतिक रूप से शामिल होता है। इसमें कोलोस्ट्रम (Colostrum) सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह बच्चे के शरीर में आयरन के विकास में मददगार होता है, साथ ही उसके शरीर को रोगाणु से भी बचाए रखता है। कई शोधों में इसका दावा भी किया गया है कि, मोटापे (Obesity) की समस्या को स्तनपान द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

    मां के दूध की कमी से होने वाले ​खतरे

    अगर बीमारी में शिशु को स्तनपान की खुराक सही मात्रा में न मिले, तो उनमें बचपन से शुरू होने वाले डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है, साथ ही उनके मानसिक विकास (Mental development) में भी बाधा आती है। 

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    क्या गाय का दूध शिशु के लिए लाभदायक हो सकता है?

    गाय के दूध के लेकर के भी लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। गाय के दूध में कई पोषक तत्व होते हैं, जो किसी वयस्क और 2 साल की उम्र से बड़े बच्चों की सेहत के लिए अच्छा होता है। लेकिन गाय का दूध किसी नवजात शिशु के लिए अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि गाय का दूध गाढ़ा होता है। जिसे पीने के बाद शिशु को पचाने मे कठिनाई हो सकती है। कई बार आपने देखा भी होगा कि गाय का दूध पिलाने के बाद बच्चा तुरंत उल्टी (Vomiting) कर देता है, क्योंकि उस दौरान बच्चे का लीवर इतना मजबूत नहीं होता है कि गाय के दूध का पाचन कर सके। 

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    मां की तबीयत खराब होने पर क्या करें?

    मेदांता दी मेडिसिटी, गुरुग्राम की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. सभ्यता गुप्ता के मुताबिक, अगर स्तनपान के दौरान मां की तबियत खराब होती है, तो भी वे बीमारी में शिशु को स्तनपान करवा सकती है। इससे बच्चे की सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। हालांकि मां को कोई गंभीर बीमारी या वायरल इंफेक्शन (Infection) न हो, ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेनी उचित होगी।

    किन बीमारियों में जारी रख सकते हैं स्तनपान (Breastfeeding During Illness)?

    बुखार, सर्दी-जुकाम, दस्त, खांसी, उल्टी, डिप्रेशन (Depression) या अस्थमा (Asthma) आदि।

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    किन बीमारी में शिशु को स्तनपान?

    एचआईवी (HIV), स्तन के दूध का रंग या स्वाद बदलने पर (डॉक्टर की सलाहनुसार), कैंसर आदि।

    क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

    डॉक्टर्स के मुताबिक अगर मां को बुखार (Fever), सर्दी या जुकाम, दस्त, खांसी, उल्टी, डिप्रेशन या अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं या हैं, तो मां अपनी इस बीमारी में शिशु को स्तनपान करवा (Breastfeeding During Illness) सकती है। क्योंकि ऐसी बीमारियों के लक्षण मां का दूध पीने से शिशु को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है। हालांकि, अगर मां को बहुत लंबे समय से सर्दी-जुखाम या फ्लू (Flu) की समस्या हो रही है, तो ऐसी बीमारी में शिशु को स्तनपान कराने से पहले मां को अपने डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य होता है।

    एक बात का ध्यन रखें कि जन्म लेने के बाद शिशु में रोग प्रतिधोक क्षमता (Immune power) का विकास नहीं हुआ होता है। जन्म के बाद मां का ही दूध पीने से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसके अलावा, जन्म लेने वाले बच्चों को मौसमी बीमारियां और संक्रमण (Infection) भी बहुत तेजी से फैल सकते हैं। इसलिए छोटे बच्चे को मां का दूध पिलाना बहुत जरूरी होता है। ताकि बच्चा संक्रमण से सुरक्षित रह सके। इसके साथ ही, अगर बच्चा जन्म के बाद बीमार भी होता है, तो मां के दूध में मौजूद तत्व उसे जल्दी से ठीक करने में भी मदद करते हैं।

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    दवाओं के सेवन से करें परहेज

    हालांकि बीमारी में शिशु को स्तपान कराना तभी तक सुरक्षित होता है, जब तक मां किसी तरह की दवा का सेवन न करें। क्योंकि दवाओं का प्रभाव बच्चे में मां के दूध के जरिए इंटरैक्शन कर सकता है। अगर मां किसी तरह के दवा का सेवन करती भी हैं, तो इसके लिए उसे अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हालांकि, स्तनपान के दौरान पैरासिटामोल (Paracetamol) और आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) दवाओं का सेवन करना सुरक्षित माना गया है। लेकिन, अगर मां को पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे, पेट में अल्सर या दमा (अस्थमा) की समस्या है, तो उन्हें आइबुप्रोफेन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके लिए अन्य सुरक्षित उपचार के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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    ब्रेस्टफीडिंग एवं फॉर्मूला फीडिंग से जुड़े सवालों के जवाब जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

    बीमारी में शिशु को स्तनपान (Breastfeeding During Illness) के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना कितना सुरक्षित है?

    डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर मां को बुखार होने के एक से दो दिनों तक किसी भी दवा का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए। हालांकि वो बुखार कम करने के लिए सुरक्षित खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर बुखार की समस्या तीसरे दिन भी बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उचित उपचार कराना चाहिए। अगर मां को बैक्टीरियल इनफेक्शन (Bacterial Infection) हुआ है, जिसमें एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic medicine)  का सेवन करने की जरुरत हो, तो मां अपने डॉक्टर द्वारा परामर्श किए गए एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन कर सकती हैं। हालांकि, इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए इसके बारे में भी उसे अपने डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए।

    डॉक्टर्स के मुताबिक बहुत ही कम स्थितियों में ही स्तनपान को रोका जाता है। अगर मां को किसी तरह की मौसमी बीमारी हुई है, तो भी यह बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

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