स्तन में मौजूद छोटे-छोटे ब्लड सेल्स कभी-कभी टूट जाते हैं या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ऐसा आमतौर पर एक्सप्रेसिंग के दौरान होता है यानी जब पंप या हाथ की मदद से स्तन से दूध निकाला जाता है उस समय यह कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। जिसकी वजह से ब्रेस्ट मिल्क का कलर चेंज होता है, इसलिए पंप या हाथ से ब्रेस्ट मिल्क निकालते समय एहतियात बरतें।
निप्पल में दरार
बच्चा जब ठीक तरह से निप्पल को मुंह में नहीं ले पाता या बहुत अधिक निप्पल को चूसता है तो इसकी वजह से निप्पल में दरारे पड़ जाती है या घाव हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि महिलाएं स्तनपान कराती है तो निप्पल में दर्द होन के साथ ही खून भी आने लगता है जिसकी वजह से उनके ब्रेस्ट मिल्क का रंग बदल जाता है। अगर आपके ब्रेस्ट मिल्क में खून आने की वजह निप्पल में दरारे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है कुछ ही दिनों में यह ठीक हो जाता है। कई बार ब्रेस्ट में संक्रमण की वजह से भी खून आ सकता है, इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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इंट्राडक्टल पेपिलोमा
इंट्राडक्टल पेपिलोमा एक छोटे ट्यूमर की तरह दिखाई देता है जो कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क सेल्स की लाइनिंग में होता है। इसकी वजह से भी कई बार खून आने लगता है और यह ब्रेस्ट मिल्क में मिल जाता है। इंट्राडक्टल पेपिलोमा निप्पल के पीछे या उसके बगल में एक छोटे से गांठ जैसा होता है। इस मामले में लापरवाही न बरतें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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स्तन की सूजन
यह एक तरह का इंफेक्शन है जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होता है। यह तब होता है जब बच्चा ठीक तरह से स्तन नहीं पकड़ता या बच्चा ब्रेस्टफीडिंग नहीं करता। इस स्थिति में स्तनपान के दौरान ब्रेस्ट मिल्क से खून आ सकता है।