लक्ष्य तय न करना
कई पेरेंट्स भविष्य के लिए लक्ष्य तय करने में कमजोर पड़ जाते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बच्चों के लिए अलग-अलग समय पर पैसों की जरूरत पड़ेगी, जैसे उसके स्कूल के खर्च, हाइयर स्टीज का खर्च, शादी का खर्च आदि। ऐसे में आपको इन सभी खर्चों की पूरी लिस्ट बनानी होगी और उसी हिसाब से बच्चे के लिए बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) करनी होगी। इसके अलावा माता पिता केवल चाइल्ड प्लान ले लेते हैं, जो आगे चलकर जरूरतें पूरी करने में सक्षम नहीं होता। इसलिए आप चाइल्ड प्लान के साथ-साथ अन्य प्लान के बारे में सोचें। इससे आपको बच्चे का पूरा भविष्य सेव रखने में मदद मिलेगी।
कम रिटर्न वाली पॉलिसी लेना
आप अगर कोई पॉलिसी लेते हैं, तो कभी भी कम रिटर्न वाली पॉलिसी की ओर रुख न करें। कम दर से रिटर्न देने वाले विकल्प आपके लिए बेहतर नहीं हो सकते हैं। जैसे कि, ज्यादातर परिवार अपना भविष्य सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड में हेवी इनवेस्टमेंट करते हैं, जबकि सोने का रिटर्न कई सालों से स्थिर रहा है। बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) को पूरा करने के लिए आपको ऐसे जगह इनवेस्ट करना चाहिए, जिससे कि तय समय आपको बेहतर रिटर्न मिल सके।
महंगाई को कैलक्युलेट करें
महंगाई हमेशा बढ़ती ही है, कभी भी कम नहीं होती। इसलिए आप इस हिसाब से इनवेस्टमेंट करें, जो आपको आने वाले समय में फायदा पहुंचाए। मान लीजिए कि आपकी पढ़ाई में तीन लाख रुपए का खर्चा आया होगा। लेकिन यह न सोचें कि आपके बच्चे की हायर स्टडीज में भी इतना ही खर्चा आएगा। इसलिए महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए आप बच्चे के लिए सही इनवेस्टमेंट करें।