हो सकता है कि हेलीकॉप्टर पेरेंट्स (Helicopter parenting) को अपने माता-पिता से प्यार या केयर महसूस न हुई हो। इसलिए, वे सोचते हैं कि उनके बच्चे कभी इस तरह से महसूस न करें। हालांकि, यह एक बेहद ही सामान्य सी भावना है। लेकिन इसके चलते कभी-कभी पेरेंट्स अपने बच्चे को कुछ ज्यादा ही अटेंशन देने लगते हैं।
चिंता
कुछ माता-पिता अपने बच्चे को उदास देखते हैं, तो वे काफी निराश हो जाते हैं और चिंता में चले जाते हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए माता-पिता हर कोशिश करते हैं। हेलीकॉप्टर पेरेंट्स भूल जाते हैं कि उदास या दुःखी होना जीवन का एक हिस्सा है और ये बच्चे को भावनात्मक रूप से डेवलप (Mental development) और अधिक लचीला बनाने में मदद करते हैं।
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दूसरे हेलीकॉप्टर पेरेंट्स का प्रभाव
जब माता-पिता दूसरे हेलीकॉप्टर पेरेंट्स को देखते हैं कि वे अपने बच्चे की लाइफ में कितना ज्यादा इन्वॉल्व हैं तो वे भी हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग शुरू कर देते हैं। यह प्रेशर चाइल्डहुड और अडल्टहुड दोनों को ही प्रभावित करता है। इसलिए, जो माता-पिता ओवर प्रोटेक्टिव के आस-पास ज्यादा रहते हैं, उन पर इस पेरेंटिंग स्टाइल (Parenting style) को अपनाने का दबाव बना रहता है। पेरेंट्स को खुद ही लगने लगता है कि वे अच्छे पेरेंट्स नहीं हैं।
हेलीकॉप्टर पेरेंट्स के फायदे क्या हैं? (Benefits of Helicopter parenting)
कुछ हद तक हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग के फायदे हैं कि ऐसे बच्चे ज्यादा प्यार और खुशी महसूस करते हैं। ऐसे बच्चों की जिंदगी में बढ़ने के चांसेज ज्यादा रहते हैं। पेरेंट्स और बच्चों की बीच बॉन्डिंग जैसी चीजें बढ़ती हैं। हालांकि, इस तरह की मॉडर्न पेरेंटिंग स्टाइल अभी भी एक कंट्रोवर्सियल मैटर ही है। कई स्टडीज बताती हैं कि पेरेंट्स की ज्यादा भागीदारी से बच्चों को असफलताओं और चुनौतियों से लड़ना कठिन हो जाता है।
हेलीकॉप्टर पेरेंट्स होने के नुकसान क्या हैं? (Side effects of Helicopter parenting)
बच्चों की परवाह हर माता-पिता को होती है। लेकिन, उनकी लाइफ में इतना घुल मिल जाने से हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग के नुकसान भी हो सकते हैं जो आपके बच्चों को ही झेलने पड़ेंगे। जैसे-
- ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंट्स का हर जगह मौजूद होना बच्चे को अपने दम पर कुछ भी करने के लिए उनमें कॉन्फिडेंस को कम कर सकता है। किसी भी चीज का निर्णय लेने का आत्मविश्वास उनमें कम हो जाता है।
- हेलीकॉप्टर पेरेंट्स हर समय बच्चों की हिफाजत के लिए मौजूद रहते हैं, उन्हें परेशानियों में पड़ने ही नहीं देते हैं ऐसे में बच्चा लाइफ में किसी भी नेगेटिव चीज से कुछ भी सीखता नहीं है। रिसर्च की मानें तो ऐसे बच्चे जीवन की परेशानियों और कठिन हालातों से मुकाबला करने में कम सक्षम होते हैं।
- हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग (Helicopter parenting) से बच्चों में स्ट्रेस और घबराहट बढ़ती है क्योंकि उन्हें हमेशा डायरेक्शन की जरूरत पड़ती है। अकेले ही जब उन्हें कोई भी निर्णय लेने को कहा जाता है तो वे घबराते हैं।
- बच्चों के सभी छोटे-छोटे काम करने (जैसे लंच पैक करना, उनके रूम की साफ-सफाई करना आदि) से बच्चे अपने काम को मैनेज करना नहीं सीख पाते हैं। ऐसे में जब वे बाहर रहने जाते हैं तो उन्हें काफी कठिनाई होती है।