बहुत से माता-पिता अपने बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) को सही तरह से कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। बड़े-बूढ़ों को जब मानसिक तनाव होता है तो वे अपनी समझदारी से उसे नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन, बच्चों में जब मानसिक तनाव आता है, तो वह रोने-चीखने लगते हैं। जमीन पर लेट-लेट कर जोर-जोर से पैर मारने लगते हैं। कई बार बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) इतना बढ़ जाता है कि वे खुद को चोट पहुंचाने से भी नहीं डरते हैं। ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले अपने बच्चों के साथ दोस्त जैसा व्यवहार करने की आदत डालनी होगी। ताकि बच्चों में आपका भय नहीं, बल्कि आपके प्रति झुकाव हो कि आप उनकी समस्या से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। बच्चों को खुले मन से अपने विचार और भावों को व्यक्त करने दें।
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3. मेंटल हेल्थ के लिए सही डायट चार्ट है जरूरी
जब खाने-पीने और नींद की रूटीन गड़बड़ा जाती है, ऐसे में शरीर का ‘शुगर’ लेवल कम हो जाता है, परिणामस्वरूप बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है। अपनी बातों को व्यक्त करने के लिए वो अति-उत्साहित हो जाते हैं, धीरे-धीरे उन्हें अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस करने के लिए गुस्सा और चिड़चिड़ापन का सहारा लेना पड़ता है। बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) को कम करने के लिए उसे पौष्टिक आहार खिलाएं (Feed nutritious food) और साथ ही तय समय पर ही रोजाना सुलाएं।
4. टीवी, मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में उनके एक्सेस की निगरानी करें
आपको अपने बच्चों के टीवी और मोबाइल के एक्सेस पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। सोशल मीडिया, समाचार व अन्य प्रसारण बच्चे के मन में तनाव पैदा कर सकते हैं। कुछ बच्चे हिंसक हो जाते हैं। तो वहीं कुछ कठोर भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं। टीवी और मोबाइल के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए बच्चों को इनकी लत न होने दें।