बच्चे में शुरूआती सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास पेरेंट्स के साथ संबंध और संवाद पर अधिक निर्भर करता है। बच्चों में इनसे सामाजिक कौशल विकसित होने लगते हैं, जो उनके आत्मविश्वास बनाने में बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपने बच्चों के साथ प्रभावी संवाद बनाए रखने की कोशिश करें। ताकि, आपको बच्चों की कमजोरी और अच्छाईयों का पता चल सके। इससे संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी और बच्चे में खुल कर बोलने का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाना है तो अपनी पसंद को चुनने का मौका दें
बच्चे में आत्मविश्वास उनके पसंद के कामों को करने से अधिक मिलता है। उन्हें अपनी पसंद चुनने, विकल्प आदि शेयर करने में बच्चे की मदद करने में पेरेंट्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। उनकी इच्छाओं के बारे में जान कर अपनी पसंद उसे खुद चुनने को प्रोत्साहित करें। यह उनकी आत्मविश्वास विकसित करने का सब से अच्छा तरीका है। ऐसा करना बच्चों को जीवन में फैसले लेने और समझने में सक्षम करता है।
बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें बताएं कि वे खास हैं
छोटी उम्र में बच्चे अक्सर जल्दी निराश हो जाते हैं। इतना ही नहीं निराशा होने पर बच्चे नकारात्मक सोच भी विकसित कर लेते हैं। वे सोचने लगते हैं कि कोई उनसे प्यार नहीं करता। बच्चा जब नकारात्मकता से घिर जाता है, तो वह चिड़चिड़ा भी होने लगता है। साथ ही यह नकारात्मकता बच्चों की रोज की दिनचर्या में भी दिखती है। ऐसे में बच्चों की भूख कम हो जाती है। पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता और साथ ही उनके सोने के पैटर्न में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को समय-समय पर बताते रहें कि वह आपके लिए कितने खास हैं।
बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कहें कि उनपर गर्व है
बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए जरूरी है कि जब भी वे कोई अच्छा काम करें, तो उन्हें बताएं कि आपको उन पर गर्व है। वहीं दूसरी ओर जब वे ठीक से काम नहीं करते, तो पेरेंट्स को उनपर चिल्लाने या गुस्सा करने की बजाए उन्हें प्यार से समझाने की जरूरत होती है। इससे भी बच्चों में आत्मविश्वास कम होने लगता है। ऐसे में बच्चों को समय-समय पर बताएं कि गलतियां करना बुरी बात नहीं है बल्कि गलतियों से कुछ भी न सिखकर उन्हें दोहराना बुरी बात है।
इन तरीकों से बच्चे के अंदर आप तेजी से बच्चे में आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। बच्चे को हमेशा असफलताओं को स्वीकारना सिखाएं। ताकि, अगर बच्चा कभी असफल हो जाएं तो उसका आत्मविश्वास कमजोर नहीं होगा। बच्चे में आत्मविश्वास को हमेशा बनाए रखने का प्रयास करते रहें।