कब्ज की तकलीफ में आपका खाना बड़ा रोल निभाता है। जब आप कोई ऐसा खाना खाते हैं, जो आपके डायजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाता है, तो आपके बॉवेल मूमेंट (Bowel movement) पर इसका सीधा असर पड़ता है। डायजेशन (Digestion) बेहतर बनने के कारण आपका खाना आसानी से पचता है और आप दूसरे दिन बिना किसी मुश्किल के टॉयलेट (toilet) से पूरी तरह फ्रेश होकर निकलते हैं। लेकिन वहीं, अगर आप ऐसा कोई खाना खाते हैं, जो आपके डायजेशन को सपोर्ट नहीं करता, तो दूसरे दिन आपको गैस (gas), ब्लोटिंग (bloating), पेट दर्द (stomach ache) और कॉन्स्टिपेशन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सही अमाउंट में सही चीज खाना आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है। इसलिए कब्ज होने पर क्या ना खाएं, सबसे पहले ये जान लेते हैं।
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कब्ज में परहेज: क्योंकि इन चीजों को न खाने से दुनिया पलट नहीं जाएगी!
डेयरी प्रोडक्ट (Dairy products): भले ही हमारे देश में डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट से कॉन्स्टिपेशन बढ़ने के चांसेस बढ़ जाते हैं। कब्ज में दूध और चीज खाना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है, इसलिए आपको इन चीजों को अपने डायट से कम करना चाहिए। लेकिन यहां बात आती है सही चॉइस की, आप अपने खाने में दूसरे डेयरी प्रोडक्ट, जैसे योगर्ट (yoghurt), कब्ज में दही (curd) आदि को चूज कर सकते हैं। ये सभी प्रोडक्ट प्रोबायोटिक से भरपूर होते हैं, जो आपके गट (gut) के लिए अच्छे माने जाते हैं। यानी कब्ज में दही आप खा सकते हैं, लेकिन कब्ज में दूध से परहेज करें।
फास्ट फूड (Fast/junk food): अपनी बिजी लाइफ के चलते हम पहले से प्रिपेयर किया हुआ और जंक फूड खाने से नहीं कतराते। यह फास्ट फूड खाने में भले कन्वीनियंट हो, लेकिन ये आपके डायजेस्टिव सिस्टम को बहुत नुकसान पहुंचता है। इसमें फाइबर का अमाउंट बेहद कम होता है, जिससे डायजेशन का काम आसानी से नहीं हो पाता और हम कॉन्स्टिपेशन (constipation) के शिकार हो जाते हैं। कब्ज में दूध के फास्ट फूड से दूरी बनाना जरूरी है।
फ्राइड फूड (Oily/fried food): तला और भुना खाना इंडियन किचन की शान माना जाता है। लेकिन पेट में जाने के बाद यही फ्राइड फूड आपको सुबह फ्रेश होने में दिक्कत खड़ी कर सकता है। यह खाना, डायजेस्ट करने में मुश्किल होता है, जिससे सुबह स्टूल (stool) पास करने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बेक्ड फूड (Baked food): स्वाद में टेस्टी कप केक्स (cakes), पेस्ट्रीज (pastries), कुकीज (cookies) और वाईट ब्रेड (white bread) खाना तो सभी को पसंद आता है, लेकिन यह रिफाइंड शुगर (refined sugar) और बहुत ही कम फाइबर (fibre) से बने होते हैं। साथ ही इस में फैट का अमाउंट बहुत ज्यादा होता है। इसीलिए यह कोलोन में ज्यादा समय तक फंसे रहते हैं। इससे आपको कॉन्स्टिपेशन की दिक्कत हो सकती है।
रेड मीट (Red Meat): माना कि कई लोगों का खाना मीट के बिना अधूरा होता है, लेकिन रेड मीट खाना उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। खास तौर पर रेड मीट, आपके कॉन्स्टिपेशन को और भी बद्तर बना सकता है। जी हां कब्ज में दूध के बाद सबसे ज्यादा नुकसान रेडमीट ही करता है। दरअसल, रेड मीट में फाइबर कम और फैट का अमाऊंट ज्यादा होता है, जिससे डायजेस्टिव सिस्टम को इसे पचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे आपको कॉन्स्टिपेशन (constipation) की दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
एल्कोहॉल (Alcohol): आजकल के लाइफ स्टाइल के हिसाब से एल्कोहॉल हमारे बीच एक आम ड्रिंक बनकर रह गई है, जिसे हम अक्सर पीते हैं। ये न सिर्फ हमारे डायजेस्टिव सिस्टम को डिस्टर्ब करती है, बल्कि इससे हमारे शरीर से पानी की कमी भी हो जाती है। इस डिहाइड्रेशन (dehydration) का सीधा असर हमारे डायजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है और कब्ज की दिक्कत होने लगती है। इस तरह अगर कब्ज में परहेज करना चाहते हैं, तो इन फूड आयटम्स से आपको दूर रहना होगा।
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