अगर प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलीवरी के बाद एब्डोमिनल सेपरेशन की समस्या हो रही है तो कुछ आदतों में बदलाव लाने से स्थिति में सुधार हो सकता है-
-कुछ भी भारी सामान न उठाएं जिससे कि पेट के मसल्स पर दबाव पड़े।
-हमेशा सही पॉश्चर में उठे और बैठे।
-हमेशा बैठने के समय पीठ के पीछे मोटा तौलिया या तकिया रखें जिससे कि पीठ के निचले हिस्से के मसल्स को सहारा मिलें।
-बिस्तर से उठने के समय या बैठने के समय घुटनों को मोड़े और बांह का सहारा लें। अचानक सीधे बैठे या उठे नहीं।
-प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंसी सेफ एक्सरसाइज करके इस समस्या से राहत पा सकते हैं लेकिन डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।
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वैसे तो डिलीवरी होने के 2-3 महीनों के बाद धीरे-धीरे समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन उसके बाद भी एब्डोमिनल सेपरेशन की समस्या से निजात नहीं मिल रहा है तो फिजिकल थेरापिस्ट की सहायता से कुछ एक्सरसाइज करने से दर्द से आराम मिल सकता है। एक्सरसाइज करने से मसल्स को स्ट्रेंथ मिलेगा और पेट के बीच की खाली जगह कम होने लगेगी। लेकिन एक बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि कभी भी बिना डॉक्टर से सलाह लिए कोई भी एक्सरसाइज शुरू नहीं करनी चाहिए इससे फायदा के जगह पर स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
अगर तब भी पेट के मसल्स के बीच का गैप कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर चेकअप के बाद सर्जरी की सलाह दे सकते हैं जिससे कि मसल्स के बीच के गैप को कम किया जा सके।
अब तक के विश्लेषण से आप समझ ही गए होंगे कि समय पर एब्डोमिनल सेपरेशन या डायस्टैसिस रेक्टी का डॉक्टर के परामर्श के अनुसार सही उपचार करने से स्थिति को संभाला जा सकता है।