अमरूद की पत्तियां हाय ब्लड शुगर कंट्रोल में करती हैं इजाफा
जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) की वजह से 10 फीसदी गर्भवती महिलाएं प्रभावित होती हैं। ऐसी स्थिति उस वक्त उत्पन्न होती है जब प्रेग्नेंसी के दौरान हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है, वहीं सेल्स इंसुलिन रेजिस्टेंस बन जाते हैं। इस वजह से हाय ब्लड शुगर लेवल (High Blood Sugar) की समस्या होती है, इसके कारण समय से पहले शिशु का जन्म और हाई बर्थ वेट का कारण बनता है। टेस्ट ट्यूब और जानवरों पर किए शोध से पता चला है कि अमरूद के एक्सट्रैक्ट ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं और इंसुलिन (Insulin) रेजिस्टेंस बनाते हैं। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि अमरूद के पत्तों की चाय का सेवन करने से लो ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को मेंटेन किया जा सकता है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो गर्भावस्था में अमरूद खाना (Guava during pregnancy) काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में फॉलेट होता है और यह न्यूट्रिशन से भरपूर है, जो प्रेग्नेंसी में सपोर्ट करता है। वहीं इसका सेवन करने से डायजेस्टिव समस्याएं ठीक होने के साथ लो ब्लड प्रेशर, और ब्लड शुगर का लेवल सामान्य रहता है, लेकिन इस संदर्भ में कई अन्य शोध की अभी भी आवश्यकता है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
फर्टिलिटी (Fertility) को लेकर होने वाले फायदे
अमरूद में पाए जाने वाले पोषक तत्व, फाइबर, फोलेट और विटामिन सी फर्टिलिटी को बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं। शोध से पता चला है कि वैसी महिलाएं जो खाद्य पदार्थों के जरिए ज्यादा फोलेट का सेवन करती हैं, बाकियों की तुलना में उनमें गर्भ ठहरने की संभावनाएं भी अधिक होती है। वैसी महिलाएं जिनका वजन सामान्य होता है यदि वो खानपान में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें तो वो सामान्य की तुलना में जल्दी गर्भवती हो सकती हैं। ऐसे में गर्भावस्था में अमरूद खाना (Guava during pregnancy) और उससे पहले भी इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। शोध के तहत अमरूद और प्रजनन के बीच के संबंध की जांच की गई है। ऐसे में यदि कोई गर्भधारण करने की सोच रही हैं तो उन्हें अमरूद का सेवन करना चाहिए।
फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि महिलाएं शराब (Alcohol) और कैफीन (Caffeine) का सेवन न ही करें तो बेहतर होगा। इसके अलावा वजन को नियंत्रण में रखकर और पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, हेल्दी फैट और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का सेवन करना चाहिए।