backup og meta

Morning sickness: मॉर्निंग सिकनेस क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Bhawana Sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/07/2020

Morning sickness: मॉर्निंग सिकनेस क्या है?

परिचय

मॉर्निंग सिकनेस क्या है?

मॉर्निंग सिकनेस प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्या है। इसमें प्रेग्नेंसी के समय उल्टियां आती हैं। इसका नाम भले ही मॉर्निंग सिकनेस हो लेकिन दोपहर, रात या शाम को हो सकता है। ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है। ऐसा अक्सर प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में होता है। वहीं ये भी देखा गया है कि कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान बना रहता है।

मॉर्निंग सिकनेस को ठीक करने के लिए कुछ महिलाएं घरेलू उपचार का सहारा लेती हैं। जैसे कि दिन भर अदरक के टुकड़े को चूसते रहना। इसके अलावा कुछ दवाएं भी मॉर्निंग सिकनेस को ठीक करने में कारगर होती हैं। यह समस्या ज्यादा गंभीर नहीं होती है। गंभीर मामले बहुत कम देखे गए हैं जिसमें यह हाइपरमेसिस ग्रेविडरम नाम की बीमारी में बदल जाती है।

यह तब होता है जब गर्भवती महिला में मतली या उल्टी के लक्षण बहुत गंभीर हो जाते हैं। इसमें गर्भावस्था के दौरान 5 फीसदी वजन कम हो जाता है। हाइपरमेसिस ग्रेविडरम स्थिति होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: सेक्स में विथड्रॉ मेथड क्या होता है, क्या इससे गर्भवती होने का डर है?

मॉर्निंग सिकनेस वाला व्यक्ति अक्सर थका हुआ महसूस करता है। मॉर्निंग सिकनेस करीब 80 फीसदी गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। जो महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधक या एचआरटी का उपयोग करती हैं, उनमें मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि मॉर्निंग सिकनेस से गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती है लेकिन बच्चे को नुकसान नहीं होता है। कुछ अध्ययनों में ये भी कहा गया है कि मॉर्निंग सिकनेस स्वस्थ गर्भावस्था का संकेत है।

कारण

मॉर्निंग सिकनेस का कारण क्या है?

  • गर्भवती महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस होने का कोई एक कारण नहीं है। गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों में महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये मॉर्निंग सिकनेस का सबसे बड़ा कारण है।
  • शुगर का काम होना भी मॉर्निंग सिकनेस का एक कारण हो सकता है।

कुछ अन्य कारण भी हैं जिससे मामले गंभीर हो जाते हैं:

  • जुड़वा बच्चे या तीन बच्चे होने पर समस्या गंभीर हो सकती है।
  • ज्यादा थकान होना भी मॉर्निंग सिकनेस का एक बड़ा कारण है।
  • गर्भवती महिलाओं को तनाव नहीं लेना चाहिए। ये भी एक कारण हो स​कता है।
  • गर्भावस्था के दौरान ज्यादा घूमने-फिरने से भी ये समस्या हो सकती है।

ये भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में स्किन प्रॉब्लम: गर्भवती महिलाएं जान लें इनके बारे में

मॉर्निंग सिकनेस किसी को भी हो सकती है जो गर्भवती है, लेकिन यह बीमारी इन लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है:

  • अगर आपको गर्भावस्था से पहले मोशन सिकनेस, माइग्रेन या कोई महक और स्वाद से एलर्जी हो रही है तो भी मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है।
  • अगर गर्भ में बेटी है तो भी यह बीमारी हो सकती है।

लक्षण

मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण क्या है?

  • मॉर्निंग सिकनेस अपने नाम से बिल्कुल अलग है। यह कभी भी महसूस हो सकती है। इसमें गर्भवती महिलाओं को हर समय मितली या उल्टी होने का एहसास होता रहता है। यही इसका सबसे मुख्य लक्षण है।
  • गर्भवती महिला में मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण शुरुआती 4 महीनों में ज्यादा नजर आते हैं। मतली या उल्टी के अन्य लक्षण इस प्रकार है:
  • यूरिन की मात्रा बहुत कम होगी।
  • यूरिन गहरे रंग का होगा।
  • वे ज्यादा तरल पदार्थ नहीं पी सकते हैं।

ये भी पढ़ें: गर्भवती होने के लिए तैयारी कर रहीं हैं, तो फॉलो करें ये टिप्स

  • जब वे खड़े होते हैं तो उन्हें चक्कर आने लगता है और बेहोशी आती है।
  • दिल की धड़कन बढ़ी रहती है।
  • वे खून की उल्टी कर सकते हैं।
  • जब लक्षण बहुत गंभीर होते हैं तो स्थिति को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है। इसमें मतली और उल्टी आती है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के छठे हफ्ते के दौरान होता है।
  • कुछ गर्भवती को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या 12वें हफ्ते में महसूस होती है

इलाज

मॉर्निंग सिकनेस का इलाज क्या है?

मॉर्निंग सिकनेस के अधिकांश मामलों के लिए इलाज जरूरी नहीं है। कुछ घरेलू उपचार से लक्षण कम हो सकते हैं। मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए हमारे कुछ उपचार इस प्रकार हैं:

आराम करना- थकान होने पर ज्यादा मतली आती है, इसलिए जितना हो सके आराम करें।

तरल पदार्थ- तरल पदार्थ का सेवन नियमित रूप से और कम मात्रा में होना चाहिए। इससे उल्टी को कम करने में मदद मिल सकती है। पानी या फलों के रस से बने बर्फ के टुकड़े चूसने या लॉलीपॉप चूसने से भी आराम मिलेगा।

भोजन- हर दिन कई भागों में ज्यादा खाना खाएं। खाने में उच्च कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होनी चाहिए। सूखे और नमकीन खाद्य पदार्थ, जैसे कि कुरकुरे बेहतर महसूस कराएंगे। ठंडा भोजन ऐसे लोगों के लिए ठीक है क्योंकि उनमें से खुशबू कम आती है।

ये भी पढ़ें: अगर आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं तो ऑव्युलेशन के लक्षण जरूर जान लें

खाली पेट- मॉर्निंग सिकनेस वाली गर्भवती महिलाओं को खाली पेट रहने से बचना चाहिए।

दवाएं- यदि लक्षण अभी भी गंभीर हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। वे एंटी-सिकनेस मेडिसिन (एंटीमैटिक) से मॉर्निंग सिकनेस को कम करने का प्रयास करेंगे। ये दवाएं गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी।

अदरक- कुछ अध्ययनों से पता चला है कि अदरक के बनी दवाएं या खाद्य पदार्थ गर्भावस्था के दौरान मतली के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

बी-6 और डॉक्सीलैमाइन- गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान मॉर्निंग सिकनेस के इलाज के लिए अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट द्वारा ये दवा बनाई गई। इससे 70 प्रतिशत मामलों में फायदा देखा गया है। इसके साइड इफेक्ट्स की बात करें तो इसमें नींद आना, मुंह सूखना, सिरदर्द, घबराहट और पेट दर्द शामिल हैं। इस दवाई को आनलाइन खरीदा जा सकता है।

इन सबके साथ मॉर्निंग सिकनेस दूर करने के लिए सौंफ का सेवन भी लाभकारी माना जाता है।

ये भी पढ़ें: गर्भवती में कैल्शियम की कमी होने से होते हैं ये नुकसान, जानिए इसके लक्षण

एक्यूप्रेशर- एक्यूप्रेशर मितली के लक्षणों को कम करने में मददगार है।  शरीर पर कुछ बिंदुओं पर एक्सूप्रेशर करने से मॉर्निंग सिकनेस को रोका जा सकता है। इसके लिए एक विशेष तरह का बैंड आता है। जिसे पहनने से उल्टी के लक्षणों में सुधार देखा गया है।

सावधानियां

कुछ अन्य सावधानियां

  • ऐसे समय पर तीखे और वसायुक्त खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए।
  • मतली और उल्टी आने का कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। ऐसा सोडियम और पोटेशियम के असंतुलन से हो सकता है। ऐसे में कम मात्रा में लेकिन बार-बार तरल पदार्थ पीएं।
  • समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए। वे आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं जैसे कि आपको कितनी बार मतली हुई है या कितनी बार आपको उल्टी हुई है। क्या आप तरल पदार्थ ले रही हैं और क्या आपने घरेलू उपचार से मॉर्निंग सिकनेस को ठीक करने की कोशिश की है।
  • ये भी पढ़ें: गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स जो गर्भवती महिलाओं को जानना है जरूरी

    • गर्भावस्था के दौरान किसी भी दवा को डॉक्टर से बिना पूछे नहीं लेना चाहिए। यदि मॉर्निंग सिकनेस ने हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम का रूप ले लिया है तो आपको इलाज की जरूरत है। इसके लिए आपको अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है। हालांकि इससे बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    गर्भावस्था में कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या से कैसे बचें?

    कितना सामान्य है गर्भावस्था में नसों की सूजन की समस्या? कब कराना चाहिए इसका ट्रीटमेंट

    लॉकडाउन : दुकानों में भीड़ लगाना नहीं है समस्या का समाधान, जानकारी से रहें अपडेट और खेलें क्विज

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

    डॉ. पूजा दाफळ

    · Hello Swasthya


    Bhawana Sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/07/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement