backup og meta

MTHFR गर्भावस्था: पोषक तत्व से वंचित रह सकता है आपका शिशु!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/07/2020

    MTHFR गर्भावस्था: पोषक तत्व से वंचित रह सकता है आपका शिशु!

    MTHFR गर्भावस्था क्या है?

    MTHFR म्यूटेशन को मेथिलनेटेट्राहाइड्रोफ्लोलेट रिडक्टेस कहते हैं। यह एक तरह का एंजाइम है जो एमिनो एसिड, होमोसिस्टेइन और फोलेट को आपस में ब्रेक (तोड़ने) करने में मदद करता है। MTHFR जीन माता-पिता से आते हैं। म्यूटेशन का असर हेट्रोजायगस (heterozygous) या होमोजाइगस (homozygous) दोनों पर पड़ता है। MTHFR म्यूटेशन मनुष्यों में दो तरह के होते हैं। इनमें शामिल हैं C677T और A1298C। ये म्यूटेशन ब्लड में मौजूद होमोसिस्टाइन (homocysteine) के लेवल को बढ़ा देते हैं। होमोसिस्टाइन बढ़ने के कारण कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वहीं MTHFR गर्भावस्था में होने पर मां और शिशु दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। MTHFR सबसे कॉमन जेनेटिक डिफेक्ट है और यह 4 में से 1 व्यक्तियों में होता है।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन क्या सुरक्षित है? जानें इसके फायदे और नुकसान

    MTHFR गर्भावस्था पर कैसे नकारात्मक प्रभाव डालता है?

    ऐसी महिलाएं जिनमें MTHFR म्यूटेशन पॉजिटिव होता है उनमें प्रीक्लेम्पसिया, मिसकैरिज, डाउन सिंड्रोम, क्लेफ्ट लिप्स या हार्ट से जुड़ी परेशानी हो सकती है। एक रिसर्च के अनुसार MTHFR C677T जीन टाइप होने पर प्रीक्लेम्पसिया का खतरा बढ़ जाता है। कई बार महिलाओं में बार-बार अर्ली प्रेग्नेंसी मिसकैरिज के पीछे  MTHFR C677T या फिर MTHFR A1298C म्यूटेशन का कारण होता है।

    [mc4wp_form id=’183492″]

    MTHFR गर्भावस्था में पॉजिटिव होने पर जन्म लेने वाले शिशु को निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं। जैसे –

    • गर्भ न ठहरना (बार-बार मिसकैरिज होना)
    • जन्म लेने वाले शिशु के होंठों में डिसेब्लिटी होना
    • शिशु में कार्डियोवेस्कुलर अब्नॉर्मलटीज
    • यूरिनरी सिस्टम एब्नॉर्मल होना
    • प्रीटर्म प्रीमेच्योर रप्चर ऑफ मेमब्रेन्स (PPROM)
    • प्लासेंटल एब्रप्शन

    हर इंसान में एक MTHFR जीन अपने पेरेंट्स की वजह से होता। इसका मतलब ये हैं की हर इंसान में 2 MTHFR जीन मौजूद होते हैं। म्यूटेशन एक जीन या दोनों जीन के कारण हो सकता है। ब्लड रिलेशन से भी MTHFR जीन आ सकता है।

    MTHFR गर्भावस्था में ब्लड क्लॉट की समस्या क्या है?

    कुछ रिसर्च के अनुसार MTHFR म्यूटेशन की वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड क्लॉट की समस्या भी हो सकती है। ऐसा प्लासेंटा और यूटेराइन वॉल के बीच हो सकता है। ऐसी स्थिति में शिशु तक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए MTHFR गर्भावस्था में अर्ली मिसकैरिज की संभावना ज्यादा हो सकती है।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में हायपोथायरॉइडिज्म डायट चार्ट, हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए करें इसे फॉलो

    MTHFR गर्भावस्था में क्या ब्लड थिनर की आवश्यकता पड़ती है?

    यह निर्भर करता है की MTHFR म्यूटेशन का टाइप क्या है। इस अनुसार डॉक्टर आपको रोजाना एक बेबी एस्प्रिन या परेशानी ज्यादा होने पर इंजेक्शन लेने की सलाह दे सकते हैं। दवा या इंजेक्शन से ब्लड को पतला रखा जाता है, जिससे शिशु को आसानी से पौष्टिक तत्व मिल सकते हैं। अगर गर्भवती महिला को पहले से पता है की उनमें MTHFR जीन है तो उन्हें मेटरनल फीटल मेडिसिन (MFM) एक्सपर्ट से कंसल्ट करना चाहिए।

    MTHFR गर्भावस्था में महिलाओं को फोलिक एसिड लेना चाहिए?

    ज्यादतर गर्भवती महिलाओं को यह मालूम है कि गर्भावस्था के दौरान प्रीनेटल मेडिसिन लेना चाहिए लेकिन, महिला जो MTHFR गर्भवती हैं उन्हें फोलेट की अलग मात्रा लेनी पड़ती है। इसलिए MTHFR गर्भवती महिलाओं को सिंथेटिक फोलिक एसिड की तुलना में मिथाइलफोलेट लेने की सलाह दी जाती है।

    और पढ़ें:गर्भनिरोधक दवा से शिशु को हो सकती है सांस की परेशानी, और भी हैं नुकसान

    MTHFR गर्भावस्था में महिलाओं को फोलेट को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए?

    गर्भवती महिलाओं को फोलेट सप्लिमेंट्स लेना चाहिए लेकिन, यह जरूरी नहीं की हर गर्भवती महिला को इसके एक ही तरह के डोज का सेवन करना चाहिए।

    • अगर आप प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहीं तो अपने आहार में फोलेट और फोलिक एसिड या एल-मिथाइलफोलेट का सेवन नियमित करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्भधारण के 2 से 3 महीने पहले से इसका सेवन करना चाहिए।
    • अगर आपकी फैमली में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स या हाई-रिस्क फैक्टर की समस्या है तो फोलेट युक्त आहार और सप्लिमेंट्स खाने की आदत डालें और ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन रोजाना करें।

    MTHFR म्यूटेशन की जानकारी गर्भावस्था में मिलना परेशानी का कारण बन सकता है और यह एक तरह का इमोशनल ट्रॉमा भी हो सकता है। हालांकि MTHFR गर्भावस्था में कई महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो हेल्दी रहती हैं और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म भी देती हैं।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड लेना क्यों जरूरी है?

    MTHFR जीन किन कारणों से होता है?

    रिसर्च के कारण MTHFR जीन म्यूटेशन के निम्नलिखित कारण होते हैं। इन कारणों में शामिल हैं।

    • ब्लड या यूरिन में मौजूद होमोसिस्टाइन के लेवल में हो रहे बदलाव के कारण होमोसिस्टिनूरिया (Homocystinuria) का खतरा बढ़ सकता है।
    • न्यूरोलॉजिकल कंडिशन जैसे सोच-विचार की क्षमता पर असर पड़ना। मेडिकल टर्म में इसे अटैक्सिया (Ataxia) कहते हैं।
    • शरीर में मौजूद नर्व को डैमेज करता है।
    • शिशु के जन्म के समय सामान्य की तुलना में सिर छोटा होना जिसे माइक्रोकेफ्ली (Microcephaly) कहते हैं।
    • स्पाइन से जुड़ी समस्या जिसे स्कोलियोसिस (Scoliosis) कहते हैं।
    • शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी होना या एनीमिया होना।
    • ब्लड क्लॉट, स्ट्रोक या हार्ट अटैक के पेशेंट में MTHFR म्यूटेशन की संभावना ज्यादा होती है।
    • मेंटल हेल्थ एंड विहेवहियर डिसऑर्डर जैसे अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (ADAH) जैसी समस्या होना।

    और पढ़ें: शिशु की देखभाल के जानने हैं टिप्स तो खेलें क्विज

    MTHFR म्यूटेशन के संकेत और लक्षण क्या हैं?

    MTHFR म्यूटेशन के जानकारी लोगों में नहीं होती है।

    • एब्नॉर्मल ब्लड क्लॉटिंग
    • सीजर्स
    • माइक्रोकेफ्ली [MICROCEPHALY]
    • ब्लड क्लॉट
    • पुअर कोऑर्डिनेशन
    • समझने की शक्ति कम होना
    • हाथ और पैर में झुनझुनी होना 

    MTHFR गर्भावस्था में आहार कैसे होना चाहिए?

    एवोकैडो

    एवोकैडो (avocado) में फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होती है। इसके साथ ही इसमें विटामिन-बी, विटामिन-के, पोटैशियम, कॉपर, विटामिन-ई और विटामिन-सी शरीर के लिए लाभकारी होता है।

    बीन्स

    अगर आप वेजिटेरियन हैं तो आपके लिए बीन्स का (beans) सेवन लाभदायक हो सकता है। बीन्स के सेवन से शरीर में प्रोटीन, फाइबर, फोलेट, आयरन, पोटैशियम और मैग्नेशियम की मात्रा बनी रहती है।

    अंडा

    कहते हैं संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे। इससे तो हम सभी वाकिफ हैं, लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है क्या आप जानते हैं? दरअसल अंडे (egg) में मौजूद विटामिन-डी, विटामिन-बी 6, विटामिन-बी 12, जिंक, आयरन और कॉपर मौजूद होते हैं। वहीं एग योल्क में मौजूद कैलोरी और फैट विटामिन-ए, विटामिन-ई और विटामिन-के की मौजूदगी सेहत के लिए लाभदायक होती है।

    पालक

    पालक (spinach) को न्यूट्रिएंट्स से भरपूर सुपर फूड माना जाता है। डार्क ग्रीन कलर की ये पत्तियां प्रोटीन, आयरन, विटामिंस और मिनरल्स का अच्छा स्त्रोत है। औषधीय गुणों से भरपूर पालक का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसे MTHFR म्यूटेशन में भी उपयोग किया जा सकता है।

    अगर आप MTHFR गर्भावस्था से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जबाव जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr Sharayu Maknikar


    Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/07/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement