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डिलिवरी के बाद आने वाले 9 बदलाव


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

    डिलिवरी के बाद आने वाले 9 बदलाव

    गर्भावस्था और डिलिवरी के बाद का अनुभव महिलाओं के लिए लाइफ के दूसरे अनुभवों से अलग होता है। शिशु को जन्म देने के बाद हर महिला की बॉडी में कुछ चेंजेस आते हैं जिन्हें डिलिवरी चेंजेस कहा जा सकता है। डिलिवरी के बाद सभी महिलाओं को कुछ न कुछ बदवाव जरूर महसूस होते हैं। कुछ महिलाओं में वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है, वहीं कुछ महिलाओं को डिलिवरी के कुछ समय बाद तक कमजोरी का एहसास होता है। ये सच है कि कुछ महिलाओं का वजन कम हो जाता है, वहीं कुछ महिलाएं एक समय के बाद वजन बढ़ने की समस्या लेकर डॉक्टर के पास जाती हैं। यानी प्रसव के बाद शरीर में बदलाव जरूर होते हैं। सभी महिलाओं में ये अलग भी हो सकते हैं। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें। हम आपको 9 ऐसे ही बदलावों के बारे में बता रहे हैं।

    डिलिवरी चेंजेस: जानिए प्रसव के बाद शरीर में होने वाले बदलाव

    1. स्तनों का बड़ा होना

    शिशु को जन्म देने के बाद ज्यादातर महिलाओं के स्तनों में परिवर्तन आता है। बच्चे के जन्म लेने के बाद महिला के स्तनों का आकार सामान्य के  मुकाबले बढ़ जाता है।डिलिवरी के बाद आपके हार्मोन स्तनों को दूध का उत्पादन करने के लिए संकेत भेजते हैं। शुरुआत के कुछ दिनों तक  शरीर में कोलोस्ट्रम बनता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह पदार्थ दूध में मिलकर शिशु के भीतर जाता है। यह बैक्टीरिया से शिशु की रक्षा करता है। अगर महिला बच्चे को दूध नहीं पिलाती है तो स्तन कड़े होने की शिकायत भी हो सकती है। अगर आपको ऐसी समस्या होती है तो डॉक्टर से बात करें और नियमित रूप से बच्चे को दूध पिलाएं।

    2. डिलिवरी चेंजेस:  वजायना में सूजन और खरोंच आना

    यदि वजायनल डिलिवरी होती है तो वजायना में सूजन और खरोंच आ सकती है। यह डिलिवरी के बाद कुछ दिनों तक रहेगी। आइस पैक लगाकर सूजन को कम किया जा सकता है। आपको ऑर्गेनिक अंडरवियर और पेड्स पहनने होंगे।बैठने के बजाय आपको लेटे रहना है। इसके साथ ही आप एक तरफ करवट लेने के बजाय पीठ के बल लेटती हैं तो यह आपके लिए आरामदाय होगा। आपके लिए सख्त कुर्सी पर बैठने के बजाय तकिए पर बैठना ज्यादा सहज होगा।

    3. डिलिवरी चेंजेस: वजन में गिरावट आना

    डिलिवरी से पहले आपका वजन बढ़ जाता है लेकिन, शिशु को जन्म देने के बाद अचानक वजन गिरने लगता है। यह बार-बार पेशाब जाने की वजह से होता है। यदि आप बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो आपको वजन सामान्य से ज्यादा भी नीचे जा सकता है। ऐसी स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है। जो महिलाएं स्तनपान नहीं कराती हैं. उन्हें वजन बढ़ने की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।

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    4. प्रसव के बाद बदलाव: यूटरस का सिकुड़ना

    जैसे-जैसे डिलिवरी नजदीक आती है यूटरस आकार में 15 गुना ज्यादा बड़ा हो जाता है। आमतौर गर्भवती होने से पहले के साइज के मुकाबले यह ज्यादा बड़ा हो जाता है। डिलिवरी के बाद इसका आकार छोटा होने लगता है। प्रसव के बाद बदलाव

    जैसे-जैसे यह कॉन्ट्रैक्ट होता है वैसे-वैसे इसका आकार घटने लगता है। कई बार आपको इसमें दर्द भी होता है। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। इसे ठीक करने के लिए आप एक वॉर्म पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं या अपनी मिडवाइफ से दर्द को कम करने की दवा की सलाह भी ले सकती हैं।

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    5.  डिलिवरी चेंजेस: ब्लीडिंग होना

    शिशु को जन्म देने के बाद आमतौर पर महिलाओं को ब्लीडिंग की समस्या  होती है। डिलिवरी के पहले 10 मिनटों में यह ज्यादा हो जाती है। कई मामलों में अगले 24 घंटों में खून के क्लॉट्स भी बाहर आते हैं। वहीं सामान्य डिलिवरी के बाद 10 से 15 दिनों तक पीरियड्स भी हो सकते हैं। ऐसा होने पर महिला को कमजोरी भी महसूस होती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि महिला को पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। अगर ऐसे समय में महिला हेल्दी फूड नहीं लेगी तो उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

    6. डिलिवरी चेंजेस:  चलने फिरने में असमर्थता

    यदि आपकी सिजेरियन डिलिवरी हुई है तो आपको कम से कम 12-24 घंटे बिस्तर पर आराम करना है। सिजेरियन डिलिवरी में आपकी स्पाइन से लेकर पैर दोनों ही कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में आपके लिए चलना फिरना मुश्किल हो सकता है। महिलाओं को डिलिवरी के 15 से 20 दिन तक टांकों में दर्द की समस्या हो सकती है। अगर आपको टांकों में खुजली और दर्द अधिक है तो डॉक्टर को जरूर बताएं।

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    7. प्रसव के बाद बदलाव:  पसीना आना

    वजायनल या सिजेरियन दोनों ही डिलिवरी में शिशु को जन्म देते वक्त आपको खूब पसीना आता है। यह समस्या डिलिवरी के पहले हफ्ते तक  रह सकती है। रात में ज्यादा पसीना आएगा। शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर नीचे गिरने से ऐसा होता है, जिसकी वजह से शरीर का तापमान में बदलाव होते हैं। अगर आपको अधिक पसीना आ रहा हो तो आप इस बारे में डॉक्टर को बता सकती हैं।

    8. डिलिवरी चेंजेस: यूरिन लीकेज होना

    डिलिवरी के वक्त पेल्विक मसल्स सबसे ज्यादा सक्रिय होती हैं। इस पूरी प्रक्रिया में पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाता है। इसके चलते खांसते, छींकते या चलते वक्त यूरिन लीकेज की समस्या हो सकती है। कई बार यह शर्मिंदगी में डाल सकता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज कर सकती हैं। सामान्य डिलिवरी के बाद यूरिन लीकेज होना सामान्य बात है। लेकिन आप अधिक समस्या महसूस करने पर डॉक्टर से इस बारे में परामर्श जरूर करें।

    9. प्रसव के बाद बदलाव:  पेट का आकार बढ़ना

    गर्भावस्था के दौरान आपके पेट का आकार बढ़ जाता है। शिशु को जन्म देने के बाद शुरुआती दो हफ्तों तक इसका आकार ज्यादा बड़ा नजर आ सकता है। क्योंकि, यह गर्भावस्था के दौरान बच्चे को रखने के लिए अपने आकार में विस्तार कर लेता है। इससे आपकी त्वचा लटक सकती है। शिशु को स्तनपान कराने से आपकी त्वचा सख्त होने लगेगी और यूटरस सिकुड़ने लगेगा, जिससे पेट का आकार पहले जैसा हो जाएगा।

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    इन डिलिवरी चेंजेस को लेकर परेशान नहीं होना है। ये कुछ समय बाद अपने आप चले जाते हैं। किसी भी किस्म की परेशानी होने पर डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें। उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको डिलिवरी चेंजेस से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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