फॉरसेप्स डिलिवरी की जरूरत क्यों पड़ती है? (Why does forceps delivery need to be done?)
निम्नलिखित कारणों से फॉरसेप्स डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है या फॉरसेप्स डिलिवरी की जाती है। इनमें शामिल है
- गर्भ में शिशु का सही पुजिशन में नहीं होना।
- गर्भवती महिला का शिशु को पुश करने में असमर्थ होना।
- गर्भ में पल रहे शिशु का हार्ट रेट बढ़ जाना।
इन कारणों के साथ-साथ और भी अन्य कारण फॉरसेप्स डिलिवरी के हो सकते हैं। ऐसी स्थिति होने पर परेशान न हों और डॉक्टर की सलाह अनुसार नई बनी मां की देखरेख करें।
और पढ़ें: डिलिवरी के बाद क्यों महिलाएं कराती हैं वजायनल प्लास्टिक सर्जरी, जानें इसके बारे में सब कुछ
कैसा होता है फॉरसेप्स? (What is Forceps?)
फॉरसेप्स डिलिवरी गाइडलाइन जानने के बाद ये भी जान लें कि फॉरसेप्स होता क्या है? फॉरसेप्स इंस्ट्रूमेंट होता है जिसे डिलिवरी के समय फीटस को बाहर निकालने के लिए यूज किया जाता है। अभी तक कई प्रकार के फॉरसेप्स को डिजाइन किया जा चुका है। ज्यादातर फॉरसेप्स टू मिरर इमेज मेटल इंस्ट्रूमेंट होते हैं। इसका यूज फीटल के हेड को पकड़ने के लिए किया जाता है। डिलिवरी के समय ये इंस्ट्रूमेंट बच्चे को बाहर निकालने में मदद करता है।
वहीं वैक्यूम सक्शन कप (suction cup) की तरह दिखाई देता है। सक्शन कप यानी वैक्यूम को बेबी के हेड में लगाया जाता है। वैक्यूम को बेबी के हेड में लगाने के बाद खिंचाव लगाया जाता है। फॉरसेप्स की तरह वैक्यूम से भी बेबी का सिर बाहर की ओर खींचा जाता है।
और पढ़ें: नॉर्मल डिलिवरी और सिजेरियन डिलिवरी में क्या अंतर है?
ब्लेड का क्या होता है काम?
फॉरसेप्स की ब्लेड फीटस को पकड़ने का काम करती है। ब्लेड का आकार कर्व होता है। कई ब्लेड 90 डिग्री तक कर्व हो जाती है जिससे फीटल के हेड को पकड़ने में आसानी होती है।
फॉरसेप्स डिलिवरी के रिस्क क्या-क्या हैं? (What are the risks of Forceps delivery?)
फॉरसेप्स डिलिवरी से मां और होने वाले शिशु दोनों को खतरा हो सकता है। फॉरसेप्स के दौरान नीचे बताए गए रिस्क हो सकते हैं।