जुड़े हुए बच्चों का जन्म प्रारंभिक भ्रूण के दो भागों में बंटने से होता है। एम्ब्रियो आंशिक रूप से दो भागों में बट जाता है और इससे दो भ्रूण विकसित हो जाते हैं। ये शारीरिक रूप से जुड़े हुए रहते हैं। ज्यादातर मामलों में सीने, पेट, सिर या फिर श्रोणी से जुड़े हुए बच्चों का जन्म होता है। जन्म के बाद कई जुड़े हुए जुड़वा बच्चे (Conjoined Twins) जीवित नहीं रहते हैं। सर्जरी और एडवांस टेक्नोलॉजी (Advanced technology) की मदद से जुड़े हुए जुड़वा बच्चों के सर्वाइवल रेट (Survival rates of twins) में बढ़त हुई है। कुछ बच्चों को सर्जरी के माध्यम से अलग किया जा चुका है।
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जब एक ही अंग करना पड़ता है शेयर
कोज्वाॅइंट ट्विन्स का जीवन (Life of Conjoined Twins) तब खतरे में मालूम पड़ता है जब दोनों बच्चे एक ही अंग शेयर करते हैं। इंडियाना में एक दंपति ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। ये कोजॉइंट ट्विन्स सीने से लेकर कमर तक एक दूसरे से जुड़े हुए थे। दोनों के बीच एक ही दिल और एक लिवर (Liver) था। आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि शरीर के मुख्य अंग दिल और लिवर दोनों के शरीर में किस तरह से कार्य कर रहे होंगे। कोज्वाॅइंट ट्विन्स की इस स्थिति को मेडिकल टर्म में ऑम्फलोपेगस (Omphalopagus) कहते हैं। करीब 33 % कोज्वाॅइंट ट्विन्स (Conjoined Twins) इसी स्थिति में पैदा होते हैं।
कोज्वाॅइंट ट्विन्स को संयुक्त जुड़वां भी कहते हैं। ऐसे शिशु का पूरा शरीर साइड से या शरीर का कोई हिस्सा एक-दूसरे से जुड़ा होता है। कोज्वाॅइंट ट्विन्सकाफी दुलर्भ मामलों में से एक है। लगभग 50000 गर्भधारण (Conceive) में से किसी एक में ऐसी स्थिति देखने को पाई जाती है। इस तरह के शिशु को एक दूसरे से अलग कार्यात्मक शरीर के रूप में अलग करने के लिए सर्जरी आदि का सहारा लिया जाता है। कठिनाई तब अधिक बढ़ जाती है जब कोई महत्वपूर्ण अंग या संरचना दोनों जुड़वां बच्चों में साझा कर रहा होता है जैसे जिगर, मस्तिष्क (Brain) या दिल (Heart)।