मिसकैरिज होना महिला के लिए शारीरिक और मानसिक हानि के बराबर होता है। ऐसे में परिवार के सदस्यों को महिला का साथ देना चाहिए। अगर आपके मन में भी मिसकैरिज के बारे में किसी तरह का प्रश्न है तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
और पढ़ें – क्या गर्भावस्था में केसर का इस्तेमाल बन सकता है गर्भपात का कारण?
मिसकैरिज के बारे में मिथ- महिला में कोई कमी है
सच – मिसकैरिज के बारे में यह अक्सर सुना जाता है कि जरूर महिला में ही कोई कमी रही होगी जो गर्भपात हुआ है। लेकिन, यह पूरी तरह से गलत धारणा है। अगर महिला का मिसकैरिज हो गया है तो ये जरूरी नहीं है कि उसके अंदर बहुत बड़ी कमी या शारीरिक समस्या है। मिसकैरिज, क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी की वजह से या फिर हार्मोन डिसऑर्डर, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर और ब्लड क्लॉटिंग की वजह से हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है मिसकैरिज के बाद महिला को किसी भी प्रकार की कमी का ताना देकर उसे मानसिक रूप से परेशान किया जाए। मिसकैरिज महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करता है। ऐसे में परिवार वालों को महिला का सहारा बनना चाहिए न कि उसकी कमी निकालनी चाहिए।
उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इस लेख में बताए गए मिसकैरिज के बारे में मिथ से जुड़ी सही जानकारी आप तक पहुंच सकी होगी फिर भी इससे जुड़ा कोई सवाल आपके मन में है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। मिसकैरिज के बारे में कोई और शंका है तो आप अपने डॉक्टर से भी इस बारे में डिटेल में बात कर सकते हैं।