डॉक्टर वैक्यूम डिलिवरी (vacuum delivery) किन कंडिशन में करता है?
वैक्यूम डिलिवरी कराने का फैसला कई सिचुएशन के बाद लिया जाता है। हालांकि, डॉक्टर सबसे पहले महिला की डिलिवरी कराने के लिए सामान्य तरीके से प्रयास करते हैं, लेकिन अगर डॉक्टर को नीचे बताई गई सिचुएशन का आभास हो, तो डॉक्टर वैक्यूम डिलिवरी कराने का फैसला ले सकते हैं :
वैक्यूम से प्रसव: पुश करने पर भी लेबर में न हो प्रॉग्रेस
डिलिवरी के दौरान महिला को काफी पुश करना होता है। पुश करने से ही नॉर्मल डिलिवरी के दौरान शिशु बाहर आता है। लेकिन कई बार कुछ महिलाएं पुश करते करते इतना थक जाती हैं कि वो पुश करने में असमर्थ हो जाती हैं। ऐसे में जब मां पूरी तरह से थक जाती है या फिर पुश करने की कंडिशन में नहीं रहती है तब वैक्यूम डिलिवरी (vacuum delivery) को अपनाया जा सकता है।
वैक्यूम से प्रसव: बेबी की हार्टबीट नॉर्मल पर असर पड़ना
कुछ स्थितियों में डिलिवरी के दौरान बच्चे की हार्टबीट पर असर पड़ने लगता है। ऐसे में भी वैक्यूम डिलिवरी (vacuum delivery) का सहारा लिया जा सकता है। अगर आपके हेल्थ केयर प्रोवाइडर को ये महसूस होता है कि बच्चे की हार्टबीट में बदलाव आ रहा है तो वो तुरंत वैक्यूम एक्ट्रेक्शन की मदद लेते हैं।
वैक्यूम से प्रसव: मां को किसी प्रकार का हेल्थ इशू हो
प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला को काफी सारे शारीरिक बदलावों से होकर गुजरना पड़ता है। कई महिलाओं की शारीरिक स्थित प्रेग्नेंसी के शुरुआती समय से ही
होने वाली मां को अगर किसी प्रकार का हेल्थ इश्यू जैसे कि दिल की महाधमनी का संकुचन (narrowing of the heart’s aortic valve) रह चुका है तो डॉक्टर वैक्यूम एक्सट्रेक्शन को अपना सकते हैं।
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वैक्यूम से प्रसव: इन बातों का भी रखा जाता है ध्यान