फाइब्रॉएड के साथ गर्भावस्था की कल्पना की जा सकती है?
अगर किसी महिला को नॉन कैंसर ट्यूमर की समस्या है और वो नैचुरल प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। गर्भावस्था में फाइब्रॉएड के कारण कोई समस्या न हो, इसके लिए डॉक्टर कुछ मेडिसिन सजेस्ट कर सकते हैं। फाइब्रॉएड की समस्या में दवा की सहायता से उसके आकार को कुछ कम किया जा सकता है।
कुछ केस में डॉक्टर नॉर्मल सर्जरी के जरिए फाइब्रॉएड को निकाल देते हैं। अगर आने वाले समय में महिला प्रेग्नेंट होने के बारे में सोच रही है तो डॉक्टर सर्जरी को रोक सकते हैं। कई केस में डॉक्टर यदि सर्जरी भी करते हैं तो महिला की शारीरिक स्थिति, फाइब्रॉएड की स्थिति और आकार जैसे अन्य विशेष पहलुओं को ध्यान में रख कर कोई फैसला लेते हैं।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर गर्भपात (Miscarriage) होने का खतरा रहता है।
- बिना इलाज के फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर गर्भपात का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में अगर समय रहते इलाज करवाया जाए तो मिसकैरिज की समस्या को कम किया जा सकता है।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर कई बार तो प्रेग्नेंसी में फाइब्रॉएड बच्चे के आकार के साथ बढ़ता जाता है। जिससे ब्लैडर पर दबाव बनने लगता है जिससे यूरिन पास करने में भी परेशानी आती है।
- नॉन कैंसर ट्यूमर के साथ प्रेग्नेंट होने पर रक्त-नलिकाओं (Blood vessels) पर भी दबाव पड़ता है, जिससे पैरों में सूजन (Swelling) आ जाती है।
- नॉन कैंसर ट्यूमर के साथ प्रेग्नेंट होने पर अगर फाइब्रॉएड बच्चे के आकार के साथ बढ़ रहा है तो कई बार किडनी की समस्या भी हो सकती है।
और पढ़ें – मिसकैरिज के बाद फूड: इन चीजों को करें अवॉयड
नॉन कैंसर ट्यूमर से क्या होते हैं खतरे?
अगर महिला नॉन कैंसर ट्यूमर के होते हुए प्रेग्नेंट होती है तो उसे कुछ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है।