पुरुष नसबंदी के कारण वास की जन्मजात अनुपस्थिति के कारण इंफेक्शन के कारण पुराने घाव नॉन ऑब्सट्रक्टिव एजोस्पर्मिया के कारण जब डिफेक्टिव टेस्टाइल स्पर्म प्रोड्यूस नहीं करता है। और पढ़ें : परिवार बढ़ाने के लिए उम्र क्यों मायने रखती है?
ICSI आईवीएफ के लिए स्पर्म कैसे प्राप्त किए जाते हैं?
जिन पुरुषों में स्पर्म की संख्या कम होती है या स्पर्म कम गतिशीलता वाले होते हैं उनके शुक्राणु को सामान्य स्खलन ( normal ejaculation) से प्राप्त किया जाता है। अगर पुरुष नसबंदी( vasectomy) हुई है तो माइक्रोसर्जिकल नसबंदी रिवर्स का सहारा लिया जाता है। इस प्रक्रिया में अधिक लागत आती है। टेस्टिस से सीधे शुक्राणु निकालने के लिए सुई का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान पुरुष को बेहोश किया जा सकता है। साथ ही बाद में दर्द और सूजन भी महसूस हो सकती है। टेस्टिस से निकला स्पर्म ICSI आईवीएफ के लिए परफेक्ट होता है। ऐसा स्पर्म अपने आप एग को पेनिट्रेट करने में सक्षम नहीं होता है।
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ICSI आईवीएफ से जुड़ा स्वास्थ्य संबंधी मुद्दा
ऐसा देखने में सामने आया है कि जो बच्चे ICSI आईवीएफ की प्रक्रिया का सहारा लेकर जन्म लेते हैं, उनके बर्थ डिफेक्ट पाए जाने की संभावना अधिक रहती है। वहीं कुछ डॉक्टर इस बात से इंकार करते हैं। जानकारो का मानना है कि क्रोमोसोम में गड़बड़ी अप्रिंटिंग प्रक्रिया के दौरान होती है। बेहतर ये रहेगा कि इस प्रक्रिया के विशेषज्ञ से जटिलताओं के बारे में जानकारी ली जाए। अगर कोई भी महिला या पुरुष इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं तो पहले उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बांझपन कई कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि डॉक्टर समस्या का समाधान निकाल दें और कपल्स नैचुरल तरीके से कंसीव कर लें। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ से चर्चा करें।
अगर किसी भी महिला या पुरुष को इनफर्टिलिटी की समस्या है तो इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करना उचित रहेगा। डॉक्टर महिला और पुरुष दोनो में इनफर्टिलिटी की समस्या की जांच करेगा। जिस भी व्यक्ति में समस्या है, उसके अनुसार ही आगे की प्रक्रिया का निर्णय किया जाएगा। बिना डॉक्टर की राय कोई भी फैसला न लें। साफ तौर पर इसे क्रोमोसोम संबंधि गड़बड़ी माना जा सकता है।