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पेरेंट्स की स्मोकिंग के कारण गर्भस्थ शिशु को क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं? जानें इस लेख में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    पेरेंट्स की स्मोकिंग के कारण गर्भस्थ शिशु को क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं? जानें इस लेख में

    स्वस्थ शिशु के लिए न करें स्मोकिंग 

    किसी भी कपल के लिए प्रेग्नेंट होने की जानकारी मिलना सबसे खुशनुमा पल होता है लेकिन, हिदायतें सिर्फ महिलाओं को ही दी जाती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, इनफर्टिलिटी से जुड़े तकरीबन 50 प्रतिशत पुरुषों के मामले सामने आए हैं। आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के अनुसार भारत में शादीशुदा दंपत्तियों में 10-15 % ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें महिलाओं के गर्भ धारण न कर पाने का कारण पुरुष होते हैं। पुरुषों में बढ़ती इनफर्टिलिटी के पीछे ध्रूमपान (Smoking) करना सबसे अहम कारण माना गया है। स्मोकिंग की वजह से स्पर्म काउंट में भी कमी आ सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पुरुषों (हस्बैंड) में बढ़ती इनफर्टिलिटी की वजह से महिला (वाइफ) गर्भ धारण नहीं कर पाती हैं।

    स्मोकिंग के कारण शिशु में होने वाली परेशानियां

    पिता की स्मोकिंग, बीड़ी या तंबाकू के सेवन से शिशु में अस्थमा जैसी बीमारी का खतरा हो सकता है। गर्भवती महिला के आस-पास सिगरेट पीने से बच्चे और गर्भनाल को क्षति पहुंच सकती है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो सकती है।     

    • शिशु का वजन कम हो सकता है। 
    • शिशु में सेहत से जुड़ी परेशानी हो सकती है।  

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    पुरुषों में स्मोकिंग की वजह से इनफर्टिलिटी के लक्षण

    • इससे सेक्स के दौरान परेशानी होना या हमेशा सेक्स न करने की इच्छा होना। 
    • टेस्टिकल (वृषण) में या आसपास दर्द, सूजन या गांठ होना इनफर्टिलिटी के लक्षण हो सकते हैं। 
    • फेफड़ों में इंफेक्शन होना जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है।
    • असुरक्षित सेक्स के बावजूद महिला का गर्भवती नहीं होना। 

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी होने पर ऐसा नहीं है कि इसका इलाज नहीं किया जा सकता लेकिन, बेहतर होगा सिगरेट, बीड़ी और तंबाकू जैसे पदार्थों का सेवन न किया जाए। 

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    इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने के लिए उपाय

    • हॉर्मोन में हुए बदलाव के लिए डॉक्टर्स दवा देते हैं। 
    • स्पर्म काउंट कम होने पर इसे बढ़ाने के लिए दवाएं दी जाती हैं।  
    • दवाओं की मदद से पुरुषों में कम हुए सेक्स पावर को बढ़ाया जाता है। 
    • टेस्ट में अगर यह साफ हो जाता है कि पुरुष में स्पर्म काउंट कम है तो ऐसे में डोनर स्पर्म की मदद ली जा सकती है।       
    • पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या के निदान के लिए विट्रो फर्टिलाइजेशन (VF) भी एक चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या खत्म हो सकती है। 

    इनफर्टिलिटी दूर करने के लिए इलाज तो किए ही जा सकते हैं। लेकिन, इलाज के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी जरूरी होता है। 

    प्रेग्नेंट महिला के स्मोकिंग करने से क्या हो सकती हैं समस्याएं

    वहीं अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला स्मोकिंग करती है, तो ऐसे में उनके भ्रूण में पल रहे बच्चे पर इसका असर पड़ सकता है। स्मोकिंग के कारण कैंसर का खतरा बढ़ने के साथ ही हार्ट संबंधी समस्या, एम्फेसिमा (emphysema) व अन्य हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने से बच्चों को भी कुछ रिस्क हो सकते हैं।

    • बच्चे के साइज में परिवर्तन।
    • प्रीमैच्योर बेबी का पैदा होना।
    • स्टिल बर्थ (बच्चे का मरा हुआ पैदा होना)
    • बच्चे को सांस संबंधी बीमारी का होना

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    स्मोकिंग से महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है यह असर

    प्रेग्नेंट महिलाओं के स्मोकिंग करने के कारण इसका असर होने वाले बच्चे पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के पहले भी कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। स्मोकिंग का असर महिलाओं की फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। ऐसे में यह समझ लें कि स्मोकिंग का असर गर्भावस्था के दौरान ही नहीं बल्कि गर्भधारण करने में भी समस्या पैदा कर सकता है। महिलाओं में स्मोकिंग के कारण होने वाली ऐसी ही कुछ समस्याएं हैं।

    • फैलोपियन ट्यूब में समस्या होने से एग और स्पर्म के मिलने में समस्या होती है। स्मोकिंग के कारण एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) का रिस्क बढ़ जाता है।
    • गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन देखने को मिलता है। सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने का खतरा भी रहता है।
    • ओवरीज में एग डैमेज (egg damage) हो सकते हैं।
    • इन सब कारणों से प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरिज का खतरा भी बढ़ जाता है।
    • एक बात ध्यान रखें कि ये सभी समस्याएं सीधे स्मोकिंग की वजह से नहीं होती हैं। ये किसी हेल्थ से जुड़ी हुई समस्या भी हो सकती है।

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    कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें आहार में जरूर शामिल करना चाहिए

    स्मोकिंग के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे महिला और पुरुषों को अपनी डायट का ख्याल रखने की भी जरूरत होती है। ऐसे में यह भी देखना जरूरी हो जाता है कि पहले से ही हो चुके स्वास्थ्य हानि की भरपाई कैसे की जाए। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना तो जरूरी है ही साथ ही आप कुछ रोजमर्रा के फूड आयटम्स को भी अपनी डायट में शामिल करने से स्मोकिंग के कारण हुई इनफर्टिलिटी की समस्या से निजात पाई जा सकती है। ऐसे ही फूड आयटम्स हैं।

    मछली:

    स्मोकिंग के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे मर्दों के लिए जरूरी है कि वे अपनी रेगुलर डायट में मछली को शामिल करें। समुद्री मछलियों में पर्याप्त मात्रा मौजूद फैटी एसिड और ओमेगा 3 स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में पुरुषों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।  

    अनार:

    पुरुषों को इनफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए अनार भी मददगार साबित हो सकता है। अनार में मौजूद विटामिन और मिनरल्स इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने मदद करते हैं। ऐसे में सलाह दी जाती है कि स्मोकिंग करने वाले मर्द अपनी डायट में अनार को शामिल करें और नियमित तौर पर इसका सेवन भी करें।  

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    कद्दू:

    कदृदू में मौजूद जिंक स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में यह भी पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में कद्दू महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 

    ब्रोकली:

    नियमित रूप से ब्रोकली के सेवन से भी लाभ होता है। इसमें मौजूद फाइटोस्टेरॉल हॉर्मोन के स्तर को बनाए रखने में सहायक है।  

    साथ ही इस बात का भी ध्यान रखने की जरूरत होती है कि किसी भी गर्भवती महिला के आस-पास स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए क्योंकि गर्भवती महिलाओं के लिए पैसिव स्मोकिंग भी उतनी है खतरनाक साबित हो सकती है और साथ ही इसका भी होने वाले बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है। 

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    सिगरेट और नशीले पदार्थों का सेवन पूरी तरह से बंद करना चाहिए। 

    स्मोकिंग करना खुद से दूसरी बीमारियों को न्योता देने जैसा है। इसलिए बेहतर होगा कि स्मोकिंग ना ही की जाए। स्मोकिंग जो कर रहा है उसकी और आसपास के लोगों की सेहत के साथ-साथ आने वाले बच्चे के सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है।  

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