मेनोपॉज के बाद प्रजनन क्षमता को असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी जैसे आईवीएफ की मदद से पेरिमेनोपॉज के दौरान और मेनोपॉज के बाद भी गर्भधारण के लिए बढ़ाया जा सकता है। मेनोपॉज के बाद बचे हुए अंडों में जीवन की क्षमता नहीं होती है।
हालांकि, जो लोग मेनोपॉज से पहले ही अंडों को फ्रीज करवाने का निर्णय लेते हैं उन मामलों में आईवीएफ के लिए फ्रोजन अंडों का इस्तेमाल किया जा सकता है। फ्रेश या फ्रोजन अंडे भी एक अन्य विकल्प हो सकते हैं। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अधिक उम्र में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी की मदद स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना भी कम हो जाती है।
मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति के बाद प्रेग्नेंसी के लिए आप आईवीएफ और हार्मोन थेरेपी की मदद से गर्भधारण कर सकती हैं, लेकिन यह न तो कोई सरल काम है और न ही खतरों से खाली। अगर आप आईवीएफ प्रक्रिया करवाने का निर्णय लेती हैं तो आपको विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा अगर आपके मेनोपॉज को एक साल से अधिक समय हो गया है तो आईवीएफ की जगह आप समझें कि आपके प्रजनन का समय समाप्त हो चुका है।
कुछ महिलाओं के मन में ये सवाल आता है कि मेनोपॉज के बाद भी हल्की ब्लीडिंग के कारण क्या गर्भावस्था की संभावना रहती है। अगर आपको एक बार मोनोपॉज हो जाता है और फिर लंबे समय बाद या कुछ समय बाद फिर से ब्लीडिंग होती है तो ऐसे में प्रेग्नेंसी के चांसेज नहीं होते हैं। ब्लीडिंग का कारण कोई समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से जांच कराना बहुत जरूर हो जाता है।
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ध्यान दें
उम्र बढ़ने के साथ ही प्रेग्नेंसी की संभावनाएं भी कम होने लगती हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि सही समय पर बच्चे की प्लानिंग कर ली जाए। अगर कोई महिला किन्हीं कारणों से बायोलॉजिक क्लॉक के अनुसार मां नहीं बन पाती है तो कुछ टेक्नोलॉजी का उपयोग करके मां बनने का सुख मिल जाता है। जिन महिलाओं को एक बार मोनोपॉज हो जाता है, उनके लिए मां बनना मुश्किल होता है। 30 साल की उम्र के बाद हेल्दी एग की संभावना भी कम होती जाती है। टेक्नोलॉजी का विस्तार भले ही महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया हो लेकिन नैचुरल तरीकों से कंसीव करना आपको कई प्रकार की समस्याओं से बचाने का काम कर सकता है।