इंजेक्शन के लिए मेनोट्रोपिन (पेर्गोनॉल®), डैनज़ोल (डैनोक्राइन®), और एचसीजी (जैसे, प्रोफसी या ए.पी.एल.) युक्त इंजेक्शन और कुछ दवाओं का सेवन ऑव्युलेशन टेस्ट किट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकता है। अगर आप क्लोमीफीन साइट्रेट (जैसे Clomid® या Serophene®) के साथ थेरेपी कर रहे हैं, तो टेस्ट शुरू करने के लिए सही समय के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें। ज्यादातर मामलों में आपको इन दवाओं को लेने के 3 दिन बाद टेस्ट शुरू करना चाहिए।
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ओव्युलेशव टेस्ट किट कितना सही हैं?
जब सही ढंग से लिया जाता है, ओव्यूलेशन परीक्षण लगभग 99% सटीक होते हैं, जो ओएच से पहले होने वाले एलएच के उछाल का पता लगाने के लिए इस्तेमाल होता है। हालांकि ओव्युलेशव टेस्ट किट इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि क्या वास्तव में ओव्युलेशन एक या दो दिन बाद होता है। कुछ महिलाओं में अंडे को छोड़े बिना एलएच हार्मोन में वृद्धि हो सकती है। इस स्थिति को Luteinized Unruptured Follicle Syndrome (LUFS) के रूप में जाना जाता है।
अन्य महिलाओं को पूरी तरह से एलएच हार्मोन में पीक का अनुभव होता है जिसे फॉल्स-पीक्स कहते हैं आमतौर पर पॉलीसिस्टिक ओवरियन डिसीज वाली महिलाओं में यह देखा जाता है।
ऑव्युलेशन डिटेक्शन किट से चेक करते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
- जांच के दौरान उपयोग होने वाली सभी चीजें साफ होनी चाहिए।
- टेस्ट से लगभग दो घंटे पहले पेय पदार्थों का सेवन न करें। इससे शरीर में ‘एलएच हार्मोन’ का पता लगाना कठिन हो सकता है और टेस्ट का परिणाम गलत आ सकता है।
- किट का उपयोग करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट (प्रयोग की आखिरी तिथि) देखना न भूलें।
- पैकेट पर लिखें निर्देशों को फॉलो करें।
- पांच से दस मिनट के भीतर परीक्षण कार्ड पर रिजल्ट देखें। अगर रिजल्ट पॉजिटिव है तो वह गायब नहीं होगा।
- रिजल्ट पढ़ने के बाद एक बार उपयोग की गई ऑव्युलेशन डिटेक्शन किट को दोबारा यूज न करें।