कुछ स्वास्थ्य समस्याएं
तुलसी में मौजूद यूजेनॉल (एक तरह का ऑयल) स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके ज्यादा मात्रा में या अत्यधिक इस्तेमाल से दिल की धड़कन का बढ़ना, गले और मुंह में जलन, चक्कर आना, यूरिन में ब्लड जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इसलिए, गर्भावस्था में तुलसी का सेवन सोच-समझकर डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव
गर्भावस्था में तुलसी के अधिक सेवन से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने वाले गंभीर हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। नतीजतन, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
ध्यान दें इस पर भी
गर्भावस्था में तुलसी का उपयोग करना सुरक्षित है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना जरूरी रहता है कि बेसिल का सेवन उचित मात्रा में ही किया जाए। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से पहले जड़ी बूटी को अच्छे तरीके से धोना चाहिए क्योंकि तुलसी में हानिकारक परजीवी और बैक्टीरिया हो सकते हैं जो खाद्य-जनित संक्रमणों और बीमारियों को जन्म दे सकते हैं, जैसे कि लिस्टेरियोसिस और टॉक्सोप्लाज्मोसिस।
इन फायदों के अलावा तुलसी स्किन प्रॉब्लम्स को ठीक करने में भी उपयोग की जाती है। चेहरे पर हो रही कोई भी समस्या जैसे पिम्पल आदि को ठीक करने में तुलसी के पत्ते का पेस्ट लगाने से आराम मिलता है। एक्स्पर्ट्स की मानें तो तुलसी में मौजूद विटामिन और मिनरल गर्भावस्था में कई तरह से फ़ायदे पहुंचते हैं लेकिन, अगर आपको लगे की इसके सेवन से कोई परेशानी हो रही है तो इसका सेवन रोक दें और डॉक्टर से सलाह लेकर ही गर्भावस्था में तुलसी का प्रयोग करें। उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर आपका कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में आप हमसे पूछ सकते हैं।