वजायनल डिलिवरी के बाद ज्यादातर महिलाओं के पेरिनियम में क्षति पहुंचती है। कुछ मामलों में महिलाओं को एपीसीओटॉमी से होकर गुजरना पड़ता है। इसकी वजह से उन्हें यूरिन इनकोन्टिनेंस (यूरिन पास करने पर कंट्रोल खो देना), और दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।यदि डिलिवरी से पहले ही पेरिनियल मसाज की जाए तो इन समस्याओं को कम किया जा सकता है।पुराने जमाने से ही पेरिनियल मसाज प्रचलन में है। ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं इसे करने की सलाह देती हैं। यह प्रेग्नेंसी के दौरान की जाती है। पेरिनियल मसाज में वजायना और पेरिनियम के बीच के हिस्से को लचीला बनाया जाता है। सावधानी पूर्वक इस हिस्से में मौजूद ऊतकों की मसाज की जाती है। हालांकि, यह मसाज बिना किसी मशीन की सहायता से हाथों से ही की जाती है। डिलिवरी के 3-4 हफ्ते पहले पेरिनियल मसाज करने से एपीसीओटॉमी का खतरा कम हो जाता है। जब बच्चा वजाइना से आसानी से निकल जाता है तो डॉक्टर को किसी भी तरह के कट लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस आर्टिकल में पेरिनियल मसाज और इसको करने के तरीके के बारे में भी बता रहे हैं।