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जच्चे और बच्चे दोनों को हो सकते हैं मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/10/2021

    जच्चे और बच्चे दोनों को हो सकते हैं मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान!

    जब मां के गर्भ में जुड़वा बच्चे, तीन या तीन से ज्यादा बच्चे पल रहें हों तो उसे मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) कहते हैं। गर्भ में तीन या तीन से ज्यादा बेबी होने पर इसे हाइयर ऑर्डर प्रेग्नेंसी (Higher Order Pregnancy) कहते हैं। 50 में से 1 महिला को मल्टिपल प्रेग्नेंसी होती है लेकिन, क्या आप जानते हैं मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान भी हो सकता है। प्रेग्नेंट महिला और शिशु दोनों को ही मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान (Side effects of Multiple Pregnancies) हो सकते हैं।

    गर्भवती महिला को मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं? (Side effects of Multiple Pregnancies)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान 1: मिसकैरिज (Miscarriage)

    कई बार मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पल रहा शिशु ज्यादा समय तक गर्भावस्था में जीवित नहीं रह पाता है। ट्विन्स प्रेग्नेंसी के दौरान कभी-कभी एक शिशु को वेनशिनिंग ट्विन सिंड्रोम (Vanishing twin syndrome) की समस्या हो जाती है, जिस कारण उसकी मौत हो जाती है। इस मिसकैरिज को मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान (Side effects of Multiple Pregnancies) के अंतर्गत देखा जाता है।

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी से नुकसान

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    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान 2: प्री-एक्लेम्पसिया (Pre-eclampsia)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान (Side effects of Multiple Pregnancies) में प्री-एक्लेम्पसिया भी शामिल है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को हाइपरटेंशन (Hypertension) की वजह से प्री-एक्लेम्पसिया (Pre-eclampsia) की समस्या शुरू हो जाती है। इसी कारण ब्लड प्रेशर (Blood pressure) प्रेग्नेंट लेडी का बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में प्लासेंटा (Placenta) भी गर्भ से अलग हो सकता है। प्लासेंटा के गर्भ से अलग होने की स्थिति में गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो जाती है।

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान 3: पोस्टपार्टम हेमरेज (Postpartum Haemorrhage)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान प्लासेंटा के साइज की वजह से यूट्रस (गर्भाशय) के अंदर ब्लीडिंग (इंटर्नल ब्लीडिंग) की समस्या गर्भवती महिला को हो सकती है। इस स्थिति को पोस्टपार्टम हेमरिज (Postpartum Haemorrhage) कहते हैं। मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान (Side effects of Multiple Pregnancies) की तरह पोस्टपार्टम हेमरिज को देखा जाता है।

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान 4: एनीमिया (Anemia)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु में न्यूट्रिशन की आवश्यकता बढ़ जाती है। सिंगलटन (Singleton) प्रेगनेंसी की तुलना में पोषण की जरूरत है दो से तीन गुणा बढ़। इसी कारण गर्भवती महिला में एनीमिया (Anaemia) की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान में एनीमिया भी शामिल है। 

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    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान 5: सी-सेक्शन (C-Section)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान सिजेरियन प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। दरअसल सी-सेक्शन गर्भवती महिला की हेल्थ और गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर भी निर्भर करती है  लेकिन, मल्टिपल प्रेग्नेंसी के डिलिवरी के दौरान सिजेरियन डिलिवरी ही की जाती है। इसलिए आप मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान में सी-सेक्शन को भी मान सकते हैं।

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    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान 6: मां के जीवन के लिए जोखिम

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी होने पर गर्भवती महिला के लिए जोखिम (शारीरिक परेशानी) बढ़ जाती है। यहां तक की कभी-कभी मल्टिपल प्रेग्नेंसी होने के कारण महिला की मौत भी हो सकती है।

    गर्भ में पल रहे शिशु को मल्टिपल प्रेग्नेंसी से नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं?

    1. प्रीमेच्योर बेबी (Premature baby)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के कारण बच्चे जन्म समय से पहले हो जाता है। प्रेग्नेंसी के 28वें हफ्ते में प्रायः मल्टिपल प्रेग्नेंसी में डिलिवरी हो जाती है लेकिन, शिशु के इंटर्नल ऑर्गेन का विकास नहीं हो पाता है, जिससे पोस्टनेटल कॉम्प्लिकेशन बढ़ जाती है। ऐसे नवजात को निओनेटल केयर यूनिट में रखा जाता है।

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी से नुकसान

    2. जन्मजात दोष (Congenital defects)

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी से जन्म हुए बच्चों में जन्मजात दोष की बीमारियों जैसे न्यूरल ट्यूब डिफिशिएंट (Neural tube defects), कार्डिएक डिफिशिएंट (Cardiac defects) और गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिफिशिएंट (Gastrointestinal defects) होने की संभावना ज्यादा होती है।

    3. ट्विन-ट्विन ट्रांस्फ्यूशन (Twin-Twin transfusion)

    कभी-कभी गर्भ में पल रहे कुछ जुड़वा बच्चों में जैसे मोनोजायगोटिक आइडेंटिकल ट्विन्स जो एक ही प्लासेंटा सहारे पोषण आहार लेते हैं, तो दोनों में से एक बच्चे को पोषण कम भी मिल सकता है वहीं इसके साथ ही ब्लड भी दोनों बच्चों की तुलना में एक को कम या ज्यादा भी मिल सकता है। ऐसे स्थिति में शिशु का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता है

    4. इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (IUGR)

    इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन तब होता है जब गर्भ में पल रहे शिशु (ट्विन्स या दो से ज्यादा) को गर्भ में जगह की कमी होने के कारण फीटस के ग्रोथ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे नवजात का वजन गर्भ में कम होता है।

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    मल्टिपल प्रेग्नेंसी से नुकसान के पहले समझते हैं इसके लक्षण समझते हैं।

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के निम्नलिखित लक्षण होते हैं। जैसे-

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान जब अल्ट्रासाउंड किया जाता है, तो अल्ट्रासाउंड के दौरान एक से ज्यादा हार्ट बीट समझा जा सकता है। इसे मेडिकल टर्म में डॉप्लर हार्ट बीट कहा जाता है। बच्चों के हार्ट बीट को अल्ट्रासाउंड के दौरान  डॉक्टर और मिडवाइफस आसानी से समझ सकती हैं। मल्टिपल प्रेग्नेंसी की जानकारी गर्भावस्था के पहली तिमाही में मिल जाती है।

    मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला का ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन (hCG) लेवल बढ़ जाता है। hCG हॉर्मोन है जो प्रेग्नेंसी के दौरान ही बनते हैं। हालांकि शुरूआती दौर में बढ़े हुए hCG हॉर्मोन लेवल से अंदाजा लगाना थोड़ा कठिन होता है लेकिन, डॉक्टर्स की टीम अन्य चेकअप से मल्टिपल प्रेग्नेंसी की जानकारी मिल सकती है।

    गर्भावस्था के दूसरी तिमाही के दौरान अल्फा-फेटोप्रोटीन (AFP) स्क्रीनिंग की जाती है। दरअसल इस स्क्रीनिंग से बच्चे में जन्म से होने वाली समस्या को समझा जाता है। AFP गर्भ में पल रहे शिशु के लिवर से सिक्रीट होने वाले प्रोटीन से बर्थ डिफेक्ट्स की जानकारी मिल सकती है।

    गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का वजन 11 से 16 किलो तक बढ़ना स्वाभाविक होता है, लेकिन मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple pregnancy) के दौरान गर्भवती महिला का वजन अत्यधिक बढ़ जाता है। गर्भवती महिला का वजन महिला के हाइट और बॉडी टाइप पर निर्भर करती है। इसलिए मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य प्रेग्नेंसी की तुलना में ज्यादा वजन बढ़ता है।

    गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला में कई सारी शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है। इन्हीं परेशानियों में शामिल है मॉर्निंग सिकनेस। मॉर्निंग सिकनेस की वजह से गर्भवती महिला अपने आपको कमजोर महसूस करती है।

    मल्टिपल गर्भावस्था के दौरान सामान्य प्रेग्नेंसी से ज्यादा गर्भवती महिला को कमजोरी महसूस होती है। इसलिए इस दौरान गर्भवती महिला ज्यादा थका हुआ महसूस करती है।

    इसलिए मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु (मां और शिशु) दोनों को ही हेल्थ से जुड़ी परेशानी हो सकती है। इसलिए इस दौरान डॉक्टर के संपर्क में रहें और हेल्थ एक्सपर्ट गर्भवती महिला को जो सलाह दें उसे ठीक तरह से फॉलो करें। अगर आप मल्टिपल प्रेग्नेंसी के नुकसान के बारे में या इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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