कान का मैल तो नहीं है बच्चे के कान में खुजली का कारण!
ईयर वैक्स या कान का मैल मृत कोशिकाएं होती हैं, जो हमारे कान में वैक्स के रूप में जमा हो जाती हैं। हमारी बॉडी इन्हें कान के जरिए बाहर निकाल देती है। कई बार कान में यह मृत कोशिकाएं इतनी बढ़ जाती हैं कि वह शिशु के कान में खुजली पैदा करने लगती हैं। इस स्थिति में आपको एकदम कान में खुजली का अहसास होता है। शिशु के कान में खुजली को कम करने के लिए आपको एकाएक कॉटन की तीली से इसे हटाने की कोशिश नहीं करनी है। इससे कान का मैल कान के और भीतर चला जाता है, जहां पर यह फंस सकता है। कान में तीली डालने के बजाय कान की खुजली को कम करने के लिए आप डॉक्टर द्वारा बताए गए ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कान का मैल निकालने में मदद करता है।
यदि इससे शिशु को आराम नहीं मिलता है तो अपने डॉक्टर से मदद मांगें। हालांकि, डॉक्टर कान में खुजली को कम करने के लिए कान का मैल किसी टूल से बाहर निकाल सकते हैं। कान में खुजली होने पर आपको तीली से मैल को साफ नहीं करना है। कुछ मामलों में देखा गया है कि कान में मैल न होने की स्थिति में भी कान में खुजली होती है। बेहतर होगा कि आप कान में खुजली होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें।
ईयर इंफेक्शन के बारे में भी जानें
कान में खुजली होना कई बार कान के इंफेक्शन का संकेत हो सकती है। आमतौर पर जब आपको सर्दी, फ्लू या एलर्जी होती है तो बैक्टीरिया और वायरस कान में खुजली पैदा कर सकते हैं। हालांकि कान में पानी भर जाने पर भी आपको कान में खुजली हो सकती है। कान में अत्यधिक मात्रा में नमी होने पर यह कान के पर्दे की लेयर को नुकसान पहुंचाती है। यह ईयर कैनाल पर बनी रक्षात्मक परत बैक्टीरिया से लड़ती है। इस स्थिति में भी शिशु को कान में खुजली हो सकती है। ऐसे में कान में खुजली को रोकने के लिए आपको इंफेक्शन का इलाज करने की आवश्यकता होगी।