हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार नवजात बच्चों को पानी पिलाने से उनका वजन कम हो सकता है। वजन कम होने के साथ ही शिशु को जॉन्डिस का खतरा भी सकता है, शिशु में ओरल वाटर इंटॉक्सिकेशन की भी संभावना बढ़ जाती है। हम सभी जानते हैं की शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए लेकिन, यह नवजात शिशु के लिए अलग है। इसलिए शिशु को ओरल वॉटर इंटॉक्सिकेशन या वॉटर इंटॉक्सिकेशन से बचाना बेहद जरूरी है।
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शिशु का पहला आहार: शिशु को घी का सेवन कब से शुरू करवाना चाहिए?
शिशु का पहला आहार अगर आप शुरू कर चुकी हैं, तो 6 महीने के शिशु को घी का सेवन करवाया जा सकता है। आप बच्चे को दाल का पानी, खिचड़ी या बने हुए चावल के पेस्ट में गाय के घी की कुछ बूंदें मिला सकती हैं। जैसे-जैसे शिशु की डायट बढ़ती जाए तो घी की मात्रा भी बढ़ा सकते हैं। छह से दस महीने के शिशु को आधी छोटी चम्मच से एक चम्मच घी रोजाना खाने में मिलाकर दी जा सकती है। लेकिन, घी की मात्रा इससे ज्यादा न बढ़ाएं।
शिशु का पहला आहार शुरू करने वालीं हैं, तो पानी, नमक, चीनी और घी देने के दौरान सावधानी बरतें।
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शिशु का पहला आहार में क्या-क्या शामिल करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
एक साल (12 महीने) से कम उम्र के शिशु को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से दूर रखना चाहिए। जैसे:-
- 12 महीने से कम उम्र के शिशु को मछली खासकर स्वॉर्डफिश, हांगर या अन्य पारा वाली मछली नहीं खिलानी चाहिए।
- बिना मलाई की दूध, दही और कम वसा वाली चीज शिशु की सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसलिए शिशु को वसा युक्त खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ दी जा सकती है। क्योंकि शिशुओं को भी कैलोरी की आवश्यकता होती है।
- बच्चों को चाय या कॉफी न दें। इनमें कैफीन होता है, जो शिशु के लिए हानिकारक होता है।
- अगर आप अपने शिशु को ड्राई फ्रूट्स देना चाहती हैं, तो काजू, किशमिश या कोई अन्य सूखे मेवे को पहले अच्छी तरह से पीस लें और फिर शिशु को दें। माता-पिता ध्यान रखें की बच्चे को ज्यादा ड्राई फ्रूट्स न खिलाएं।
- शिशु को साबुत अनाज देने से पहले सावधानी बरतें। शिशु का पेट छोटा होता है और साबुत अनाज से पेट तुरंत भर जायेगा। ऐसे में शिशु को बार-बार भूख नहीं लग सकती है। इसलिए छे महीने के शिशु को सिर्फ दाल का पानी (पतली खिचड़ी) दें और कुछ दिनों के बाद उसे बने हुए चावल को हाथ से अच्छी तरह से पेस्ट बनाकर दाल और चावल खिलाया जा सकता है।
- किसी भी खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से पका कर दें। कच्चा बिलकुल भी न दें।