अगर आपके घर में पेट्स है, तो आप जरूर जानते होंगे कि पालतू जानवरों के लिए घर के अंदर घूमने-फिरने वाले क्षेत्रों के सीमाओं का निर्धारण करना कितना जरूरी है। ऐसा न करने पर पेट्स जगह पर घूमते रहते हैं। बात जब शिशु के स्वास्थ्य की आती है, तो सीमाएं अधिक जरूरी हो जाती हैं। पेट्स के जीभ में से एक प्रकार का लार टपकता है, जो शिशु को प्रभावित कर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जॉनसन कहते हैं कि मैं और मेरी फैमिली इस बात को हमेशा सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पेट्स बच्चे के या हमारे बिस्तर के पास न आए।
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बच्चों की अलग-अलग आवाज की रिकॉर्डिंग रखें
शिशु और पालतू जानवर (Baby & pets) पर आपको एक साथ ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। घर में आने वाले नवजात शिशु के रोने की आवाज से पेट्स परेशान हो सकते हैं। इसलिए शिशु के जन्म के पहले ही अलग-अलग बच्चों की आवाज या रोने की आवाज रिकॉर्ड कर उसे समय-समय पर प्ले करते रहें। ऐसा नवजात के जन्म से पहले करें। ऐसा करने से आपके पेट को परेशानी नहीं होगी और धीरे-धीरे वो इस आवाज के लिए अपने आपको एडजस्ट कर लेगा और जब आपका बेबी घर आएगा तो आपके पेट को परेशानी नहीं होगी।
यह हमेशा ध्यान रखें की जानवरों को भी अटेंशन चाहिए होता है। इसलिए जब घर में आपका शिशु आ जाए तो अपने पेट को इग्नोर न करें। ऐसा करना आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है। इसलिए आप जितना ध्यान अपने पेट का शिशु के जन्म के पहले रखते थें ठीक वैसे ही शिशु के जन्म के बाद भी रखें तभी शिशु और पालतू जानवर दोनों को आप अच्छी तरह से देखभाल कर सकते हैं।
जानवर हमेशा जानवर ही होते हैं। आप चाहे उन्हें कितना भी प्यार करते हों, फिर भी उन लोगों से जानवरों की प्रवृत्ति नहीं जाती है और उनकी समझ को समझा नहीं जा सकता है। शिशु और पालतू जानवर (Baby & pets) या शिशु और पेट्स साथ हों तो ध्यान रखें कि पेट्स के मूड का भी कोई ठीक नहीं रहता। इसलिए, सुनिश्चित कर लें कि अकेले में शिशु को पेट्स के आस-पास नहीं छोड़ें।