शिशु को सीने से लगाकर उठाने से सारा वजन बॉडी के हर हिस्से पर बराबर पड़ता है। आपकी रीढ़ पर पड़ने वाला दबाव पेट, अपर बॉडी और लोअर बॉडी (Lower body) में बंट जाता है। इस स्थिति में बच्चे को गोद में उठाते वक्त उसकी गर्दन को सपोर्ट जरूर दें। हालांकि, बच्चे को इस प्रकार उठाए रखने से आपके दोनों हांथ फ्री नहीं रहेंगे। इसे भी आप बच्चे को उठाने की बेस्ट पुजिशन (Newborn holding position) के तौर पर अपना सकते हैं।
बच्चे को उठाने की बेस्ट पुजिशन – हिप पर शिशु को ना रखें
अक्सर महिलाएं शिशु को एक हिप की तरफ कैरी करके चलती हैं। इससे उनकी हिप और कमर की मसल्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। हालांकि, शिशु को कैरी करने का यह एक आसान तरीका है। आपको विकल्प के तौर पर दूसरे हिप का भी इस्तेमाल करना है। इससे सिर्फ एक हिप (Hip) पर दबाव नहीं पड़ेगा।
बच्चे को उठाने की बेस्ट पुजिशन – ट्रैवलिंग में अपनाए बेबी बैग
ट्रैवलिंग के दौरान अपने हाथों का इस्तेमाल किए बिना शिशु को कैरी करना एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए बेबी बैग का सहारा लिया जाता है लेकिन, गलत बेबी बैग का चुनाव आपकी कमर में दर्द (Back pain) कर सकता है। चौड़े पैड वाला बेबी बैग अच्छा होता है। इसमें एक बेल्ट भी होती है, जो आपके हिप्स के चारो तरफ बंधती है। इससे वजन का कुछ हिस्सा बंट जाता है। बेबी बैग का इस्तेमाल करने से पहले इसमें शिशु की सेफ्टी के बारे में भी जांच परख कर लें।
शिशु के साथ-साथ अपनी कमर का ध्यान रखना भी जरूरी है। कमर दर्द होने से आप अपने शिशु को लाड़-दुलार नहीं कर पाएंगे। बेहतर होगा कि सावधानी बरतें। ताकि शिशु भी फिट रहे और आप भी।
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क्या डिलिवरी के बाद कमर दर्द करना सामान्य हो सकता है?
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद से ही कुछ महिलाओं को कमर दर्द और पेट के निचले हिस्से में दर्द होने की समस्या होने लगती है। जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसेः