शिशु को कपड़े में लपेटने के फायदे
स्वाडलिंग से कॉलिक कम होगा
शिशु के जन्म लेने के शुरुआती कुछ महीनों में वह कॉलिक में होता है। इस दौरान शिशु की बॉडी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया असंतुलित होते हैं। कॉलिक के दौरान शिशु अत्याधिक रोता है। जो किसी भी माता- पिता को पसंद नहीं आता है। इस स्थिति में शिशु को कपड़े में लपेटने से कोलिक में होने वाला दर्द कम होता है। इससे शिशु को राहत मिलती है।
विकास में मिलती है मदद
शिशु को कपड़े में लपेटने से वह इधर- उधर घूम नहीं सकता। ठीक उसी तरह शिशु जब वह गर्भ में रहता है तो ज्यादा मूवमेंट नहीं कर पाता है। कपड़े से लपटेने से उसे गर्भ की तरह ही सुरक्षा और टाइटनेस का अहसास होता है। गर्भाशय के बाहर शिशु को इस प्रकार का माहौल देने से उसका विकास जल्दी होता है।
नहीं करेगा परेशान
मां की गोद में शिशु एकदम जकड़ा हुआ रहता है। मां की बाजुएं उसे दोनों तरफ से घेरे रहती हैं। अक्सर शिशु को अपने हाथों में लिए महिलाएं थक जाती हैं। इस स्थिति में यदि वह शिशु को कपड़े में लपेटती हैं तो शिशु को मां की गोद का अहसास होना जारी रहेगा और महिलाओं को भी थोड़ा आराम मिलेगा।
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शिशु को मिलेगी गर्माहट
शिशु को अच्छे कपड़े में सिर्फ एक ही बार लपेटा जाना चाहिए। इससे उचित तापमान को बनाए रखने में मदद मिलती है। ज्यादातर नवजात शिशु बाहरी माहौल में अपने आपको ढालने की प्रक्रिया में होते हैं। इस स्थिति में वह अपनी बॉडी के तापमान को खुद से नियमित नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति में शिशु को कपड़े में लपेटने से एक तापमान को कायम रखने में मदद मिलती है, जिससे शिशु को गर्माहट मिलना जारी रहता है। अंत में हम यही कहेंगे कि शिशु को कपड़े में लपेटने के कई फायदे हैं। शिशु को कपड़े में लपेटने से पहले इसके सही तरीकों के बारे में जरूर जान लें। शिशु के लंबी और गहरी नींद लेने से माता- पिता को सबसे ज्यादा फायदा होता है। इससे उन्हें आराम मिलता है। आमतौर पर शुरुआती दिनों में बच्चे की देखभाल में माता- पिता की नींद पूरी नहीं हो पाती है। यह अवधि उनके लिए चुनौतियों भरी होती है।