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ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट के नतीजे कितने सही होते हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Mayank Khandelwal


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

    ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट के नतीजे कितने सही होते हैं?

    ऑव्युलेशन का पता लगाने के लिए ऑव्युलेशन टेस्ट किट, कैलेंडर और टेम्प्रेचर मैथड की तुलना में ज्यादातर मामलों में सही परिणाम देती है। बशर्ते, किट का उपयोग सही तरीके से किया जाए। महिलाओं के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि ऑव्युलेशन टेस्‍ट (Ovulation test) किट के नतीजे ‘सही’ है या ‘गलत’। लखनऊ स्थित जयती क्लिनिक की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. मालती पांडेय ने हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए बताया कि, “अगर महिला के पीरियड्स नियमित हैं तो ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट (Ovulation test)के नतीजे लगभग सही ही आते हैं लेकिन, 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ऑव्युलेशन डिटेक्शन किट से मिलने वाले नतीजों के गलत होने की संभावना बढ़ जाती है। 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में एलएच के स्तर में वृद्धि हमेशा ही रहती है।”

     इस आर्टिकल में जानते हैं कि ऑव्युलेशन टेस्ट किट के नतीजे कितने सटीक होते हैं? कौन-सी स्थितियां ऐसी हैं जिनसे टेस्ट प्रभावित हो सकता है? 

    ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट के नतीजे कितने सटीक होते हैं?

    बता दें कि ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट से किया गया टेस्ट कुछ मामलों में 99 प्रतिशत तक सटीक हो सकता है लेकिन, जांच से यह तय नहीं किया जा सकता है कि ऑव्युलेशन एक दिन या दो दिन बाद होगा। कुछ महिलाओं में यह भी देखा गया है कि गर्भाशय से एग रिलीज किए बिना भी एलएच का लेवल बढ़ा हुआ होता है। इसे ल्यूटिनाइज्ड अनरप्चर्ड फॉलिकल सिंड्रोम (Luteinized Unruptured Follicle Syndrome (LUFS) के रूप में जाना जाता है। वहीं, कुछ महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) जैसी स्थितियों में अधिक मात्रा में एलएच हार्मोन रिलीज होता है। इसलिए ऐसे मामलों में भी ऑव्युलेशन किट के नतीजे प्रभावित होते हैं।

    निगेटिव ऑव्युलेशन टेस्ट (Ovulation test) के क्या कारण हैं?

    कभी-कभी ऐसा होता है कि ऑव्युलेशन के समय में भी टेस्ट नेगेटिव हो सकता है। कई कारण हो सकते हैं जिससे नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं-

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    बहुत जल्दी या देर से परीक्षण करना 

    ऑव्युलेशन से 24-48 घंटे पहले एलएच हार्मोन रिलीज होता है। कई महिलाएं जो ऑव्युलेशन टेस्ट किट से एलएच वृद्धि की जांच करने के लिए ऑव्युलेशन होने के कई दिन पहले ही टेस्ट (Test) कर लेती हैं तो कई महिलाएं देर में जांच करती हैं( जिससे नतीजे नकारात्मक आते हैं। दिन में केवल एक बार परीक्षण करने से भी हो सकता है एलएच हार्मोन (HL Hormone) की वृद्धि की जांच मिस हो जाए। इसलिए कुछ डॉक्टर दिन में दो बार टेस्ट करने का सुझाव देते हैं। ऑव्युलेशन से एक-दो दिन पहले और दिन में दो बार टेस्ट करने से एलएच हार्मोन की जांच सही से की जा सकती है।

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    पैटर्न का न पता होना (Process)

    एलएच हार्मोन के लेवल में वृद्धि हर महिला में अलग-अलग समय पर होती है। इसलिए, जरूरी है कि महिलाओं को पीरियड साइकिल का ट्रैक पता हो। कम से कम छह महीनों तक मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle) पर नजर रखें, इससे पैटर्न की पहचान करने में आसानी होगी। इससे यह तय करने में आसानी होगी कि ऑव्युलेशन कब होना चाहिए। ऑव्युलेशन टेस्‍ट करने के लिए आपको पैटर्न पता होना चाहिए। 

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    सही समय न होना (Time)

     निगेटिव ऑव्युलेशन टेस्‍ट का तीसरा कारण सही समय पर जांच न करना है। एलएच हार्मोन (HL Hormone) अक्सर दोपहर के शुरुआती घंटों के दौरान बढ़ता है, इसलिए सटीक टेस्ट के लिए दोपहर का समय सबसे उचित माना गया है। ऑव्युलेशन टेस्ट किट से टेस्ट करने का सबसे अच्छा समय दोपहर दो से ढाई बजे के बीच होता है।

    इसके अलावा ऑव्युलेशन टेस्ट परिणामों के निगेटिव होने के कारण:

    एक निगेटिव ऑव्युलेशन टेस्ट का मतलब है कि आपके एलएच में बढ़त नहीं हुई है और आपका ऑव्युलेशन नहीं हुआ है। अगर आप परिणामों के बारे में अनिश्चित हैं तो परीक्षण के साथ मैन्यूल किताब को पढ़ें।

    इसके अलावा ऑव्युलेशन टेस्ट परिणामों के निगेटिव होने के कारण:

  • सुबह की पहली यूरिन  का टेस्ट (Urine Test)
  • LH की एकाग्रता का पता लगाने के लिए बहुत कम है
  • मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle)में बहुत जल्दी या बहुत देर से परीक्षण करना
  • कुछ साइकिल में, तनाव (Stress), शारीरिक गतिविधि, अचानक वजन में बदलाव या असामान्य जलवायु के कारण ओव्यूलेशन नहीं होता है।
  • लंबे साइकिल के अलावा, आपने समय से  पहले ऑव्युलेशन टेस्ट कर दिया हो। आप उन्हें संभावित अवधि से 17 दिन पहले या संभावित ओव्यूलेशन से 3 दिन पहले ऑव्युलेशन टेस्ट (Ovulation test) लेना शुरू कर दें। परिणाम पॉजिटिव होने तक जारी रखें।
  • ऑव्युलेशन टेस्ट गलत तरीके से करने से भी रिजल्ट निगेटिव आ सकता है। उदाहरण के लिए आपका यूरिन डाइल्यूटेड था या आपने निर्देशों का पालन नहीं किया था।
  • एलएच की बढ़त के बारे में जानना मुश्किल हो सकता है, इसलिए अगर आप एक और निगेटिव ऑव्युलेशन टेस्ट रिजल्ट प्राप्त करते हैं तो चिंता न करें। सबसे सटीक परिणाम के लिए डॉक्टर ऑव्युलेशन से पहले कुछ दिनों के लिए दिन में दो बार, 10 घंटे या उससे अधिक समय तक परीक्षण करने का सुझाव देते हैं।

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    क्या कुछ हेल्थ कंडिशंस से भी ऑव्युलेशन टेस्ट प्रभावित हो सकता है?

    हां, कुछ हेल्थ कंडिशंस ऐसी होती हैं जिनमें एलएच का उत्पादन बहुत कम होता है, जिससे ऑव्युलेशन टेस्‍ट प्रभावित हो सकता है। हाइपोथैलेमस, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, एंडोमेट्रिओसिस (endometriosis), थायरॉइड आदि स्वास्थ्य समस्यायों के चलते एलएच हार्मोन का पता लगाना कठिन हो सकता है। इसके अलावा अधिक मोटापा भी ऑव्युलेशन पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।

    क्या उम्र की वजह से भी टेस्ट (Test) गलत आ सकता है?

    40 से ज्यादा उम्र की कुछ महिलाएं, विशेष रूप से जो रजोनिवृत्ति (Menopause) के पास जाने लगती हैं, ऐसी महिलाओं में एलएच के स्तर में वृद्धि हमेशा ही रहती है, इसलिए अगर 40 साल से ज्यादा उम्र की महिला प्रेग्नेंसी के लिए ऑव्युलेशन टेस्ट किट से ऑव्यूलेशन पीरियड का पता करती हैं, तो परीक्षणों की गलत होने की संभावना बढ़ जाती है।

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    क्या दवाएं ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट (Ovulation test kit)के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं?

    फर्टिलिटी ड्रग्स (Fertility drugs) या अन्य कुछ दवाएं जिनमें ‘एचसीजी’ या ‘एलएच’ (LH) होता है वे ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। 

    ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट से ऑव्युलेशन के सही समय का पता लगाना ऊपर बताए गए कारणों की वजह से मुश्किल हो जाता है। इससे ऑव्युलेशन टेस्‍ट किट के नतीजे के सही आने की संभावना कम हो सकती है। हालांकि, अगर पीरियड्स नियमित हो और कोई मेडिकल कंडिशन न हो, तो सटीकता 99 प्रतिशत तक रहती है। ऑव्युलेशन टेस्‍ट करने के लिए बाकी सारी जानकारियों के लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों को ऑव्युलेशन टेस्‍ट के बारे में कम जानकारी होती है इसलिए भी रिजल्ट निगेटिव आता है।

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