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गर्भनिरोधक इंजेक्शन
यह इंजेक्शन सिर्फ प्रोजेस्टोजेन या फिर एस्ट्रोजन हॉर्मोन के साथ लगाया जाता है। इसे एक महीने में या फिर तीन महीने में एक बार डॉक्टर लेने की सलाह देते हैं। यह गर्भनिरोधक दवाइयों की तरह ही काम करता है। इसका असर 8 से 13 सप्ताह तक बना रह सकता है। गर्भनिरोधक इंजेक्शन भी तीन प्रकार के होते हैं, जिसपर आप अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। ये भी प्रीकम या स्पर्म से होने वाली प्रेग्नेंसी से बचा सकते हैं।
डायाफ्राम
अगर आपको लगता है कि कंडोम का उपयोग करना रिस्की है और प्रीकम या स्पर्म से आप गर्भवती हो सकती हैं तो डायफ्राम का उपयोग कर सकती हैं। डायाफ्राम लेटेक्स या सिलिकॉन से बना हुआ एक लचीली रिम वाला कप होता है जो अलग-अलग आकारों में आता है। इसे चिकित्सकों की सलाह लेकर योनि के अंदर फिट किया जाता है ताकि अंडे फर्टिलाइज न हो सके। डायाफ्राम के साथ स्पर्मिसाइड (शंक्राणु नाषक) जेल का उपयोग किया जाता है जिसे कप के अंदर भरा जाता है। सेक्स के बाद डायाफ्राम को कम से कम 6 घंटों तक योनि के भीतर ही रखा जाना चाहिए।
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गर्भनिरोधक पैच
गर्भनिरोधक पैच महिलाएं अपने पेट, पीठ, हाथ और कूल्हे पर लगवा सकती हैं। इसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजेन हॉर्मोन होते हैं जो अंडों को अंडाशय से बाहर नहीं निकलने देते। तीन सप्ताह के लिए हर हफ्ते एक नया पैच लगाना होता है। यह तरीका काफी प्रभावशाली माना जाता है। इससे आपको प्रीकम से होने वाली प्रेग्नेंसी का डर चला जाएगा।