प्रेग्नेंसी के पहले इंटरमिटेंट फास्टिंग का गर्भधारण के दौरान या प्रेग्नेंसी के वक्त क्या कोई परेशानी शुरू कर सकती है?
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहीं हैं और गर्भधारण हो जाता है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें। हेल्थ एक्सपर्ट को अपनी डायट के बारे में सही-सही जानकारी दें। ऐसे वक्त में वजन बढ़ने से घबराए नहीं बल्कि अपनी डाइट पर ध्यान दें और प्रेग्नेंसी को इंजॉय करें। गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड (Folic acid), आयरन (iron), विटामिन-सी, विटामिन-डी, कैल्शियम (calcium), ओमेगा-3, ओमेगा-6, और फैटी एसिड (Fatty acid) जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पौष्टिक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु का ठीक तरह से विकास संभव हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी में इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट प्लान की वजह रिस्क बढ़ सकते हैं?
प्रेग्नेंसी में इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट प्लान को विशेषकर मुस्लिम गर्भवती महिलाओं से ही जोड़कर देखा गया है। वह भी सिर्फ ऐसी महिलाएं जो रमजान के दौरान गर्भवती रहती हैं। प्रेग्नेंसी में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting durning Pregnancy) का विकल्प कोई भी गर्भवती महिला अपनाती है और उपवास करती हैं या जरूरत से कम आहार का सेवन करती हैं तो इससे शरीर में ग्लूकोज लेवल कम हो सकता है। ऐसी स्थिति में गर्भ में पल रहे भ्रूण में मूवमेंट कम हो सकती है और फीटल तक ऑक्सिजन भी नहीं पहुंच पाता है।
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अगर फीटल का मूवमेंट कम होता है, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है खासकर अगर डिलिवरी की तारीख नजदीक हो। हेल्दी बेबी गर्भ में आधे घंटे में तकरीबन 10 बार मूवमेंट करता है जिसे गर्भवती महिला आसानी से महसूस कर सकती हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में कई ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनका सेवन कम से कम करने की सलाह दी जाती है। यह गर्भवती महिला गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में आयरन की कमी हो सकती है जिससे एनीमिया की समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए गर्भवती महिला का आहार आयरन युक्त होना चाहिए। आयरन के कम स्तर के कारण प्री-मेच्योर बर्थ और जन्म के समय शिशु के वजन में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टट्रिशन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के अनुसार गर्भवती महिलाओं को एक दिन में 27 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है।
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क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) और गर्भधारण के बारे में विचार किया जा सकता है?
देखा जाए तो इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट के दौरान व्यक्ति को लंबे वक्त के लिए फास्ट रखना पड़ता है। हालांकि अगर आप IF डायट चार्ट फॉलो कर रहीं हैं, तो रिसर्च के अनुसार पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या मोटापे की शिकार हैं तो उनमें ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन लेवल में बढ़त होती है। ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन ओवुलेशन को बढ़ाता है। जिससे गर्भधारण करना आसान हो जाता है, गर्भावस्था हो या न हो शरीर को फिट रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है जिससे वजन भी संतुलित रहता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग या कोई नई वजन कम करने के विकल्पों को अपनाने की बजाएं पौष्टिक आहार लें।
प्रेग्नेंसी के दौरान की जाने वाली एक्सरसाइज करें, योग या वॉक करें।अगर आप प्रेग्नेंसी में इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहती हैं या प्रेग्नेंसी में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting durning Pregnancy) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।