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Water Break: प्रेग्नेंसी के दौरान वाॅटर ब्रेक होने पर क्या करें?


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2021

    Water Break: प्रेग्नेंसी के दौरान वाॅटर ब्रेक होने पर क्या करें?

    वाॅटर ब्रेक (Water Break) प्रेग्नेंसी का एक ऐसा लक्षण है जिसके बाद महिलाएं ज्यादातर लेबर रुम में जाती हैं और डिलिवरी हो जाती है। बैंगलोर निवासी दिव्या शर्मा जो दो बच्चों की मां हैं। उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान एक ऐसी सिचुएशन का सामना करना पड़ा जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। दरअसल, दिव्या का ऑफिस में फेयरवेल था जिसके लिए वह अपने सहकर्मियों के साथ पार्टी का प्लान बना रही थी। अपनी कार मे बैठने के दौरान दिव्या को महसूस हुआ कि उसके शरीर के निचले हिस्से से पानी निकल रहा है और इसी के चलते कार की सीट भी पूरी गीली हो चुकी थी। दिव्या को सीधे हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां पता चला कि दिव्या को लेबर पेन शुरू हो गया है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान वाॅटर ब्रेक को लेबर पेन का मुख्य लक्षण माना जाता है।

    “हैलो स्वास्थ्य” के इस आर्टिकल में मुंबई की डॉ. श्रुति श्रीधर एम.डी.(होम्योपैथिक) एमएससी. डीएफएसएम. ने वाॅटर ब्रेक से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

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    गर्भावस्था के दौरान वाॅटर ब्रेक (Water Break) किसे कहते है?

    गर्भाशय के अंदर, भ्रूण एक झिल्लीदार थैली से घिरा होता है जो तरल पदार्थ से भरी होती है, जिसे एमनियोटिक थैली (Amniotic Sac) के रूप में जाना जाता है। सरल भाषा में इसे पानी की थैली के नाम से भी जाना जाता है। यह थैली शिशु की सुरक्षा करती है और गर्भावस्था के दौरान गर्भ में शिशु को किसी भी तरह के दबाव और चोट से भी बचाती है। जब थैली फट जाती है, तो थैली से पदार्थ गर्भाशय ग्रीवा और योनि से बाहर निकलने लगता है। झिल्ली का टूटना याानि की वाॅटर ब्रेक व संकुचन (ऐंठन) लेबर पेन (Labour Pain) शुरू होने के संकेत होते हैं। वाॅटर ब्रेक (Water Break) डिलिवरी पेन की निशानी के रूप में भी देखा जाता है।

    पानी की थैली फटने के संकेत क्या हैं ?

    ज्यादातर महिलाएं एमनियोटिक थैली, फटने से पहले नियमित रूप से संकुचन (प्रसव की शुरुआत का समय) करती हैं। जब वाॅटर ब्रेक (Water Break) होता है, तो कुछ तरल पदार्थ बाहर निकलता है। एमनियोटिक द्रव स्पष्ट और बिना गंध वाला होता है, पहली बार देखने पर यह यूरिन की तरह दिख सकता है। कभी-कभी गर्भवती महिलाएं वाॅटर ब्रेक और यूरिन के अंतर को पहचान नहीं पाती हैं। ऐसे में तुरंत ही स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करें। वॉटर ब्रेक होना किसी किसी को पता भी नहीं चलता लेकिन किसी के लिए यह लेबर पेन की निशानी है।

    डॉक्टर आवश्यकता अनुसार शारीरिक परीक्षण कर यह निर्धारित करते हैं कि वाॅटर ब्रेक (Water Break) हुआ है कि नहीं। पहली बार ट्रिकल (तरल बूंदों का गिरना) के महसूस होने पर रंग और गंध पर ध्यान दें। यदि रंग भूरा या हरा है और उसमें गंध है, तो इसका मतलब है कि शिशु ने गर्भाशय में मल कर दिया है। ऐसे हालात मे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना अनिवार्य है।

    अचानक से फ्लूड का बहना

    वॉटर ब्रेक का एहसास अक्सर यूरिन के अचानक से छूट जाने के एहसास जैसा होता है। वॉटर ब्रेक हैवी भी हो सकता है और नहीं भी। ये बात ग्रॉस रप्चर पर डिपेंड करती है। अगर एम्निऑटिक सैक बेबी के हैड से रप्चर होती है तो हैवी वॉटर ब्रैक (Water Break) होने की संभावना रहती है जबकि वॉम्ब के ऊपरी हिस्से से रप्चर होता है तो फ्लूड तेजी से बाहर नहीं निकलता है। वॉटर ब्रेक होने पर करीब दो से तीन कप फ्लूड निकल सकता है। फ्लूड एम्निऑटिक सैक (Amniotic sac) से बाहर आ जाता है। आप वॉटर ब्रेक होने की संभावना होने पर सैनेटरी पैट पहन सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि ऐसे में टैम्पून का उपयोग बिल्कुल भी न करें।

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    रंगहीन हो सकता है फ्लूड

    अगर आपको लग रहा है कि कहीं आपको यूरिन पास तो नहीं हो गया तो हम आपको बता दे कि यूरिन में गंध आती है जबकि वॉटर ब्रेक होने पर ऐसा नहीं होता है। लेकिन फ्लूड (Fluid) का कलर या तो रंगहीन होता होता है या फिर हल्का गुलाबी। वहीं कुछ लोग फ्लूड में हल्की क्लोरीन की गंध का एहसास कर सकते हैं।

    दर्द का नहीं होता है एहसास

    प्रसव के किसी भी चरण में मन में बस यहीं सवाल आता है कि कहीं भयंकर दर्द से न गुजरना पड़ जाए। वॉटर ब्रेक के दौरान दर्द का एहसास नहीं होता है। कई बार तो लोगों को पता ही नहीं चलता है और उन्हें गीलेपन का एहसास सा होने लगता है। कुछ महिलाओं को पेट में हलचल जरूर मच सकती है। आमतौर पर पूपिंग के दौरान जैसा एहसास होता है ठीक वैसे ही वॉटर ब्रेक (Water Break) होने पर प्रेशर का एहसास हो सकता है। ऐसा सबसे साथ हो, ये जरूरी नहीं है। वहीं कुछ लोगों को यूरिन लीक होने का एहसास भी हो सकता है। आपको लगेगा कि आपको बाथरूम जाना है और फिर वॉटर ब्रेक हो जाएगा। ऐसा होना आम बात है।

    डिस्चार्ज के जैसा नहीं होता है एम्निऑटिक फ्लूड

    अगर आपको ऐसा लग रहा है कि एम्निऑटिक फ्लूड (Amniotic fluid) डिस्चार्ज की तरह होता है तो ऐसा नहीं है। एम्निऑटिक फ्लूड (Amniotic fluid) चिपचिपा या गाढ़ा नहीं होता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती समय में या फिर बाद के समय में डिस्चार्ज आना आम बात होती है लेकिन इन दोनों को लेकर कंफ्यूज न हो।

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    अगर वाॅटर ब्रेक (Water Break) समय से पहले हो जाए तो ?

    आमतौर पर झिल्ली, प्रसव की शुरुआत या इसके दौरान फट जाती है लेकिन, कुछ मामलों में, लेबर पेन होने से पहले वाॅटर ब्रेक हो जाता है, जिसे झिल्लियों के प्रॉम (PROM) (प्रीटर्म प्रीमैच्योर रप्चर ऑफ मेम्ब्रेन) के रूप में जाना जाता है।

    प्रॉम (PROM) के कुछ कारक निम्नलिखित हैं –

    1. पिछली गर्भावस्था के दौरान पप्रोम का होना

    2. भ्रूण झिल्ली में सूजन (इंट्रा-एमनियोटिक संक्रमण)

    3. दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान योनि से रक्तस्राव

    4. महिला का वजन कम (Weight loss) होना या कुपोषित आहार

    5. ग्रीवा की लंबाई छोटी होना

    इसके चलते भ्रूण को खतरा, इंफेक्शन, प्लेसेंटल एब्डॉमिनल जैसी संभावित समस्याएं हो सकती हैं, जहां प्रसव से पहले गर्भाशय की भीतरी दीवार से गर्भनाल छिल जाती है और गर्भनाल संबंधी जटिलताएं बढ़ जाती हैं।

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    यदि वाॅटर ब्रेक 37 सप्ताह या उससे पहले हो जाता है, तो इसे “प्रीटर्म” या “प्रॉम” (प्रीटर्म प्रीमैच्योर रप्चर ऑफ मेम्ब्रेन) के रूप में जाना जाता है। इस अवस्था मे चाहे स्त्रीरोग विशेषज्ञ आपकी डिलिवरी डेट को आगे बढ़ा दे लेकिन, ज्यादातर मामलों में बच्चे का जन्म समय से पहले होता है। यदि महिला लगभग 34 सप्ताह की गर्भवती है और साथ ही पप्रॉम की अवधि शुरू हो गई हो, तो उस दौरान संक्रमण (Infection) को रोकने के लिए प्रसव की सलाह दी जाती है। अगर गर्भावस्था के 24-34 सप्ताह के बीच हैं, तो शिशु को अधिक विकसित करने के लिए आपकी स्त्रीरोग विशेषज्ञ आपकी गर्भावस्था को लंबा खींच सकती हैं। अगर वाॅटर ब्रेक समय से पहले हो जाए तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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    वाॅटर ब्रेक को लेकर मुझे कब चिंतित होना चाहिए?

    अगर आपका वाॅटर ब्रेक होता है और आप 37 सप्ताह से कम हैं या आप जीबीएस ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस पॉजिटिव हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए,वह आपको अस्पताल भेज सकती है। एम्नियोटिक द्रव की स्थिति पर भी ध्यान दें। अगर उससे अलग सी महक आ रही है, या उसमें खून आ रहा है या हरे या काले रंग का है तो आपको सीधे अस्पताल जाना चाहिए क्योंकि यह भी संकेत है कि आपका बच्चा परेशानी में हो सकता है। अंत में, ध्यान दें कि क्या संकुचन शुरू हो गए हैं। यदि आपका वाॅटर ब्रेक में 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है और आप अभी भी उन्हें महसूस नहीं कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को फोन करें।

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    यदि वाॅटर ब्रेक (Water Break) न हो तो ?

    यदि लेबर पेन शुरू हो जाए या फिर प्रेग्नेंट महिला की डिलिवरी पहले से ही प्लांड है तो उस दौरान झिल्ली, प्रसूति विशेषज्ञ द्वारा मैन्युअल रूप से तोड़ी जा सकती है। इस प्रक्रिया को एमनियोटॉमी कहा जाता है और प्रसूति-विशेषज्ञ तरल पदार्थ को निकालने के लिए एमनियोटिक थैली में एक छोटा चीरा लगाते हैं। इस प्रक्रिया के लिए डॉक्टर एक मेडिकल हुक का प्रयोग करते हैं और उसे सर्विक्स के पास तक ले जाया जाता है और सावधानी से झिल्ली में छेद किया जाता है। लेकिन, यदि महिला को प्लासेंटा प्रीविया या ब्रीच बेबी (Breech baby) की समस्या का पता लगाया जाता है, तो उस महिला के साथ यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है। इन समस्याओं के बारे में गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के आसपास अल्ट्रासाउंड से पता लगा लिया जाता है।

    जैसे-जैसे डिलिवरी की तारीख पास आती है, उस समय किसी भी गर्भवती का चिंतित होना और डरना स्वाभाविक है लेकिन, महिला अपनी तरफ से भी पहले से ही तैयारी कर सकती है, जैसे: बाथरूम और पर्स में सैनिटरी पैड रखें। यदि वाॅटर ब्रेक रात में नींद के दौरान होता है, तो उसके लिए गद्दे पर एक प्लास्टिक कवर पहले से ही बिछा सकते हैं। याद रखें यह प्रसव का एक स्वाभाविक हिस्सा है और संकेत देता है कि आपका बच्चा जल्द ही इस दुनिया मे कदम रखने वाला है।

    डिस्क्लेमर

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    Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2021

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